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Friday, 26 April, 2024
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कर्नाटक में BJP के लिए सिरदर्द, खनन कारोबारी जनार्दन रेड्डी ने लांच की कल्याण राज्य प्रगति पार्टी

रेड्डी कहते हैं कि राज्य और केंद्र में भाजपा के सत्ता में होने के बावजूद सीबीआई द्वारा अपमानित किया जाना उनके लिए बर्दाश्त से बाहर होने जैसा था. उनका कहना है कि वह जल्द ही राज्यव्यापी दौरे पर जाएंगे तथा गंगावती सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.

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बेंगलुरु: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सत्ता वाले एकमात्र दक्षिणी राज्य में चुनाव से कुछ महीने ही पहले पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे कर्नाटक के खनन व्यवसायी गली जनार्दन रेड्डी ने रविवार को एक नई राजनीतिक पार्टी, कल्याण राज्य प्रगति पक्ष (केआरपीपी), की शुरुआत की.

भाजपा के पूर्व मंत्री ने यह भी घोषणा की कि वह बेल्लारी से लगभग 61 किलोमीटर दूर कोप्पल जिले के गंगावती सीट से चुनाव लड़ेंगे.

बैंगलोर में बोलते हुए रेड्डी ने कहा, ‘कल्याण राज्य प्रगति पक्ष (केआरपीपी) के नाम पर मेरी सोच, बसवन्ना की तरह एक तरह से यह प्रदर्शित करने के लिए है कि ऐसी राजनीति से कोई लाभ नहीं हो सकता है जो जाति और धर्म के बीच संघर्ष को बढ़ावा देती है. आने वाले दिनों में मैं इसी संदेश के साथ राज्य के हर गांव में जाऊंगा.’

उन्होंने कहा कि फिलहाल भाजपा नेताओं सोमशेखर रेड्डी, करुणाकर रेड्डी और बी. श्रीरामुलु को उनके नए संगठन में शामिल होने के लिए नहीं कहा गया है.

एक ओर जहां सोमशेखर रेड्डी बेल्लारी शहर से विधायक हैं, वहीं उनके भाई करुणाकर हरपनहल्ली से विधायक हैं. ये दोनों गली जनार्दन रेड्डी के भाई हैं. मोल्कलमुरु से मौजूदा विधायक श्रीरामुलु भी इस खनन कारोबारी के करीबी सहयोगी माने जाते हैं.

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वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में भाजपा पहले से ही कर्नाटक चुनाव को लेकर कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें भ्रष्टाचार के आरोप, बढ़ती आंतरिक कलह, सांप्रदायिक तनाव और विकास की कमी शामिल है. रेड्डी के राजनीति में अलग से प्रवेश के साथ, उसकी चुनौतियां और तीव्र ही होंगी क्योंकि उनके द्वारा अपने इलाके में सभी दलों के वोटों में सेंध लगाए जाने की संभावना है.

इस घटनाक्रम से वाकिफ लोगों के अनुसार, रेड्डी की भाजपा में वापसी करने की कोशिश विफल रही क्योंकि पार्टी ने इस खनन व्यापारी, जो दिवंगत सुषमा स्वराज को अपनी ‘मां’ मानते थे और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बहुत बड़े प्रशंसक रहे हैं, से अपनी दूरी बनाए रखी है.

बेल्लारी के यह बाहुबली नेता बी.एस. येदियुरप्पा की दक्षिण भारत में भाजपा की पहली सरकार का हिस्सा थे, जो साल 2008 में आंतरिक विद्रोह, रिसॉर्ट वाली राजनीति, व्यापक भ्रष्टाचार के आरोपों और व उस लौह अयस्क घोटाले के उजागर होने के बाद धराशायी हो गयी थी, जो अब तक पार्टी को परेशान करता रहा है.

रेड्डी ने कहा कि साल 2018 में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बयान दिया था कि पार्टी का उनसे कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि, जैसा कि उन्होंने दावा किया कि, इसके दो दिन बाद उन्हें शाह से मिलने के लिए कहा गया, जिन्होंने उन्हें पड़ोसी चित्रदुर्ग जिले के मोल्कलमुरु में अपने दोस्त श्रीरामुलु की जीत के लिए काम करने के लिए कहा. श्रीरामुलु कर्नाटक के वर्तमान परिवहन और जनजातीय कल्याण मंत्री हैं.

रेड्डी ने बेल्लारी के ठीक बाहर स्थित एक फार्महाउस में डेरा डाला था, जहां से उन्होंने श्रीरामुलु के लिए पूरा प्रचार अभियान चलाया, क्योंकि वह दो सीटों से चुनाव लड़ने की वजह से स्वयं मुश्किल से वहां मौजूद रहते थे.

पूर्व मंत्री रेड्डी ने कहा, ‘उन्होंने (शाह ने) मुझसे कहा था कि चुनाव के तुरंत बाद मुझे पार्टी में पदाधिकारी का पद दिया जाएगा, लेकिन इसके बजाय सितंबर 2018 में सीबीआई ने मेरे घर पर छापा मारा.’ साथ ही, उन्होंने बताया कि उस वक्त उनकी बेटी ने अभी-अभी एक बच्चे को जन्म दिया था और उन्होंने यह साबित करने के लिए अदालतों का दरवाजा भी खटखटाया कि यह कोई बहाना नहीं था.

उन्होंने दावा किया कि सीबीआई टीम ने उनके पूरे परिवार को एक साथ तस्वीर खिंचवाने के लिए मजबूर किया, जो उनके लिए बर्दाश्त से बाहर होने जैसा था. उन्होंने कहा, ‘यह अपमान राज्य और केंद्र में भाजपा के सत्ता में होने के बावजूद हुआ और यह मेरे लिए बर्दाश्त से बाहर होने जैसा था.’

बेल्लारी पर उनकी पकड़ ऐसी थी कि रेड्डी, उनके भाइयों और सहयोगियों ने कथित तौर पर एक दशक से अधिक समय तक इस क्षेत्र के प्रशासनिक और राजनीतिक मामलों के हर पहलू को कंट्रोल किया, और इसी वजह से राज्य के तत्कालीन लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन संतोष हेगड़े ने इसे ‘रिपब्लिक ऑफ बेल्लारी’ (अब बल्लारी) कहा था.

हेगड़े की साल 2011 की रिपोर्ट में कुख्यात ‘रेड्डी बंधुओं’ सहित कई खनन मालिकों द्वारा बड़े पैमाने पर किये गए घोटाले, राज्य के खजाने को हुए नुकसान और पर्यावरण के बड़े पैमाने पर हुए अपरिवर्तनीय क्षरण का विवरण दिया गया था.

इस बीच, रेड्डी ने कहा कि वह आने वाले महीनों में पूरे कर्नाटक का दौरा करेंगे और बाद में इस बात को साझा करेंगे कि उनकी नई पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और साथ ही पार्टी का चुनाव चिह्न और घोषणा पत्र भी जारी करेंगे.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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