नई दिल्ली : फिल्मों का ‘जन्म-जन्म का नाता’ जैसा डायलॉग भारतीय राजनीति में ‘चुनाव-चुनाव का नाता’ बन जाता है. जैसे सेलिब्रिटी और अभिनेताओं का चुनाव से रिश्ता. इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी कई पार्टियों ने सेलिब्रिटीज़ को मैदान में उतारे तो कई ने सेलिब्रिटीज़ को बुलाकर चुनाव प्रचार कराया. लेकिन इनका जादू इस चुनाव नहीं चल पाया. पुन्हाना से भाजपा उम्मीदवार नौक्षम चौधरी तीसरे नंबर पर हैं तो आदमपुर सीट से सोनाली फोगाट दूसरे. दादरी से बबीता फोगाट भी तीसरे नंबर पर चल रही हैं. बरौदा से योगेश्वर दत्त दूसरे नंबर पर हैं.
चुनाव में सेलिब्रिटीज को बुलाकर भीड़ इकट्ठी कर जनसभाओं को संबोधित करना पुराना राजनैतिक पैंतरा रहा है. जैसे क्रिकेट सेलिब्रिटी विरेन्द्र सहवाग ने हुड्डा परिवार के लिए चुनाव प्रचार किया. भाजपा पार्टी में शामिल हो चुकी डांसर सपना चौधरी भी सिरसा से निर्दलीय उम्मीदवार गोपाल कांडा के लिए चुनाव प्रचार करने आ रही थीं लेकिन आखिरी वक्त पर उन्होंने अपना कार्यक्रम कैंसिल कर दिया. भाजपा की महिला उम्मीदवारों के लिए हेमा मालिनी और सनी देओल भी प्रचार करने आए.
आइए देखते हैं कि इस चुनाव के चार टॉप सेलिब्रिटीज उम्मीदवारों का रिपोर्ट कार्ड-
नौक्षम चौधरी
मेवात की पुन्हाना विधानसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार नौक्षम चौधरी राष्ट्रीय मीडिया के लिए महिला सशक्तीकरण का एक बड़ा उदाहरण बनकर उभरीं. इस सीट से कांग्रेस से एजाज़ खान, जेजेपी से इकबाल जेलदार और इनेलो से सुभान खान ने भी चुनाव लड़ा है. नौक्षम चौधरी कांग्रेस के मोहम्मद इलियास और निर्दलीय उम्मीदवार रहीस खान से पीछे हैं.
हरियाणा के एक रिटायर्ड जज और एचसीएस अधिकारी की बेटी नौक्षम ने डीयू के मिरांडा हाउस से पढ़ाई की और उसके बाद वो विदेश में आगे की पढ़ाई के लिए चली गईं. नौक्षम का दावा था कि वो 1 करोड़ के पैकेज की नौकरी छोड़कर मेवात की शक्ल सूरत बदलने आई हैं. एक मुस्लिम बाहुल्य सीट पर उन्होंने हिजाब की तरह दुपट्टा ओढ़कर चुनाव प्रचार किया. उन्होंने उर्दू लहजे में वोट मांगे. पर इसका वोटरों पर कोई असर नहीं पड़ा.
सोनाली फोगाट
टिकटोक स्टार के नाम से फेमस हुई भाजपा की आदमपुर विधानसभा सीट की प्रत्याशी सोनाली फोगाट पर सबकी नज़रें टिकी हुई थीं. उन पर 52 साल से बिश्नोई परिवार का गढ़ रही आदमपुर सीट से कुलदीप बिश्नोई को हराने की ज़िम्मेदारी थी. इस सीट से जेजेपी ने रमेश गोदारा को टिकट दी थी तो इनेलो ने राजेश गोदारा को. मुख्य मुकाबला कुलदीप बिश्नोई और सोनाली फोगाट के बीच ही रहा. लेकिन वो बिश्नोई परिवार का किला ढहाने में नाकामयाब रही. फिलहाल कुलदीप बिश्नोई सोनाली फोगाट से करीब 29 हजार वोटों से पीछे चल रही हैं.
सोनाली इससे पहले नलवा विधानसभा सीट से टिकट लेना चाह रही थीं. लेकिन भाजपा ने अपनी आखिरी लिस्ट में सोनाली को आदमपुर की सीट से टिकट दे दी. टिकटोक पर वीडियो बनाने का शौक रखने वाली सोनाली टीवी सीरियल्स और फिल्मों में काम करती हैं. वो भाजपा की महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं. टिकटोक पर बनाए अपने वीडियोज़ को लेकर सोनाली का कहना है कि वो चुनाव जीतें या हारें, इन्हें बनाना नहीं छोड़ेंगी.
बबीता फोगाट
दादरी विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार बबीता फोगाट को हिंदुस्तान में कौन नहीं जानता. दंगल फिल्म का ‘ऐसी धाकड़ है’ गाना हर किसी की जुबान पर चढ़ गया था और इसी फिल्म से फोगाट बहनों का नाम भी देशभर में प्रसिद्ध हुआ. इस सीट पर कांग्रेस से नृपेंद्र सांगवान मैदान में थे तो जेजेपी से सतपाल सांगवान. इनेलो ने नितिन जांगू को टिकट दी है. गौरतलब है कि इस सीट पर 2014 में इनेलो के राजदीप ने 43,400 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. भाजपा इस सीट पर दूसरे नंबर पर रही थी.
लेकिन वो निर्दलीय उम्मीदवार सोमवीर से पिछड़ गई हैं. सोमवीर को अब तक कुल 36438 वोट मिले हैं तो बबीता को अभी तक 21591 वोट मिले हैं. दूसरे नंबर जेजेपी के उम्मीदवार सतपाल सांगवान हैं.
बबीता फोगाट ने कुछ महीनों पहले ही भाजपा ज्वॉइन की थी. इससे पहले वो नच बलिए के शो में अपने पति के साथ शामिल हुई थीं. बबीता ट्टिटर पर अक्सर नेशनलिज्म की क्लास लगाते भी नज़र आती हैं.
बबीता के पिता महावीर फोगाट इनेलो के साथ जुड़े रहे हैं लेकिन इनेलो में पड़ी फूट के बाद वो जेजेपी के समर्थन में आ गए थे. बाद में बबीता के भाजपा में आने के बाद वो भी भाजपा में शामिल हो गए. आपको बता दें कि भाजपा सरकार की खेल नीतियों की तारीफें करती नहीं थकती बबीता एक समय में खट्टर सरकार पर आक्रामक रहती थीं. उनकी बहन गीता फोगाट ने तो लोकसभा चुनाव के दौरान सोनीपत सीट से जेजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा भी ज़ाहिर की थी.
योगेश्वर दत्त
बरौदा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी योगेश्वर दत्त की शादी 2017 में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता की बेटी से हुई थी. इस शादी में खेल जगत और राजनीति के बड़े-बड़े धुरंधर शामिल हुए थे. योगेश्वर दत्त को हुड्डा सरकार में ही डीएसपी बनाया गया था. लेकिन नौकरी के 10 साल बाद वो इस्तीाफा देकर भाजपा पार्टी में शामिल हो गए और बरौदा सीट पर टिकट भी मिल गई. योगेश्वर दत्त के लिए भाजपा के कई बड़े नेता चुनाव प्रचार करने भी आए. मगर स्टार प्रचारकों की मदद के बावजूद वह हारने की कगार पर हैं. वो कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा से करीब 7 हज़ार वोटों से पीछे चल रहे हैं.
जेजेपी ने इस सीट से भूपेंद्र मलिक और इनेलो ने जोगेंद्र मलिक को टिकट दिया था. ये सीट कांग्रेस और इनेलो का गढ़ मानी जाती रही है. मोदी लहर के बावजूद भाजपा यहां कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा को नहीं हरा पाई थी.