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Wednesday, 20 November, 2024
होमराजनीति'सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकते हैं', कह कर फंस गए तेजस्वी यादव- गुजरात की अदालत ने समन जारी किया

‘सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकते हैं’, कह कर फंस गए तेजस्वी यादव- गुजरात की अदालत ने समन जारी किया

गुजरात की एक अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत उनके खिलाफ दायर मामले में 22 सितंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया.

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नई दिल्ली: अहमदाबाद की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को उनकी एक कथित टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में सोमवार को समन जारी किया है. तेजस्वी को 22 सितंबर को अदालत में पेश होना है.

यादव ने कथित तौर पर कहा था कि ‘सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकते हैं.’

अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट डी जे परमार की अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता यादव को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत उनके खिलाफ दायर मामले में 22 सितंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया.

अदालत ने अहमदाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता और व्यवसायी हरेश मेहता (69) की शिकायत के आधार पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत यादव के खिलाफ जांच की थी और राजद नेता को तलब करने के लिए पर्याप्त आधार पाया था.

मेहता ने इस साल 21 मार्च को बिहार की राजधानी पटना में मीडिया के सामने दिए गए यादव के बयान के सबूत के साथ अदालत में अपनी शिकायत दाखिल की थी.

 

राजद नेता ने कहा था, ‘‘वर्तमान में जो हालात हैं उसे देखा जाए तो सिर्फ गुजराती ही ठग होते हैं और उनकी धोखाधड़ी को माफ कर दिया जाएगा. अगर एलआईसी और बैंकों से पैसा मिलने के बाद वे भाग जाते हैं तो कौन जिम्मेदार होगा.’

मेहता ने अपनी शिकायत में कहा कि यादव द्वारा सार्वजनिक रूप से दिया गया बयान गुजरातियों को बदनाम और अपमानित करता है.

यादव के लिए अधिकतम सजा की मांग करते हुए मेहता ने अपनी शिकायत में कहा कि ‘ठग’ जैसा शब्द एक धूर्त और आपराधिक व्यक्ति को संदर्भित करता है और इस तरह की तुलना से गुजरातियों को संदेह की नजर से देखा जाएगा

इस साल मार्च में ही, सूरत की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर दो साल की जेल की सजा सुनाई थी, जिसके कारण उन्हें लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चार अगस्त को उनकी दोषसिद्ध पर रोक लगा दी थी. इसके बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल कर दी गई. राहुल वायनाड संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं.


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