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Friday, 20 December, 2024
होमराजनीतिगुजरात में उद्योग-धंधे शुरू हो चुके हैं, प्रवासी मजदूर भी वापस आने लगे हैं: विजय रूपाणी

गुजरात में उद्योग-धंधे शुरू हो चुके हैं, प्रवासी मजदूर भी वापस आने लगे हैं: विजय रूपाणी

दिप्रिंट को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में गुजरात के मुख्यमंत्री रूपाणी ने राज्य में कोविड-19 की स्थिति ‘नियंत्रण में’ होने का दावा किया.

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गांधीनगर: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने दावा किया है कि प्रवासी मज़दूर राज्य में वापस लौटने लगे हैं, और हाल में बिजली की खपत में वृद्धि से इसकी पुष्टि होती है.

दिप्रिंट को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में रूपाणी ने कहा, ‘गुजरात में सारे उद्योग दोबारा शुरू हो चुके हैं तथा बिजली की बढ़ी खपत इसकी पुष्टि करती है. पहले जितनी खपत हुआ करती थी, वर्तमान में खपत का स्तर वही है. इसका यही मतलब है कि उद्योग-धंधे शुरू हो चुके हैं.’

इस बात पर जोर देते हुए कि मज़दूरों के पलायन के दौरान सर्वाधिक प्रवासी मज़दूर गुजरात से गए थे, रूपाणी ने कहा, ‘इसके दो मतलब हैं- पहला इससे ये साबित होता है कि गुजरात बड़ी संख्या में मज़दूरों को रोज़ी-रोटी देता है. दूसरा ये कि राज्य में आमदनी की अच्छी संभावना है.’

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान राज्य से मज़दूरों को लेकर 1,000 ट्रेन और 5,000 बसें रवाना हुई थीं. उन्होंने कहा, ‘हमने सम्मान के साथ उन्हें उनके गांवों तक पहुंचाया.’

गुजरात में कोरोना संक्रमण और उससे होने वाली मौत की दर अधिक रहने को लेकर मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य में सक्रिय वायरस अधिक घातक प्रकार का है.

उन्होंने कहा, ‘गुजरात में डॉक्टरों का कहना है कि हमारे राज्य में वायरस का प्रकार भिन्न है. राज्य में अधिक घातक जेनेटिक प्रकार का वायरस पाया गया है.’

गुजरात की प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) जयंती रवि ने भी दावा किया था कि वैज्ञानिकों द्वारा जुटाई गई सूचनाओं से गुजरात की कम रिकवरी दर के लिए अलग जेनेटिक प्रकार के कोरोनावायरस के जिम्मेदार होने की जानकारी मिली है.

हालांकि राज्य सरकार का ये दावा कोविड-19 और इसके विभिन्न प्रकारों के बारे में विशेषज्ञों की राय से मेल नहीं खाता है.

देश की शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान संस्था आईसीएमआर के महामारी विज्ञान एवं संचारी रोग विभाग के प्रमुख डा. रमन आर गंगाखेडकर के अनुसार, ‘देश में सक्रिय नोवल कोरोनावायरस के उप-प्रकारों के बारे में जानकारी मिलने में थोड़ा वक्त लगेगा. हालांकि वायरस में जेनेटिक बदलाव से संभावित टीकों के बेअसर होने की आशंका नहीं है, क्योंकि किसी वायरस के सारे उप-प्रकारों में एंज़ाइम समान ही रहते हैं. साथ ही, ये भारत में तीन महीनों से है और इसमें बहुत शीघ्र जेनेटिक बदलाव नहीं होता है.’


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मुख्यमंत्री ने दावा किया कि गुजरात में कोविड पूरी तरह से नियंत्रण में है/फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि गुजरात में कोविड पूरी तरह से नियंत्रण में है/फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

‘काबू में’ कोविड-19

देश में कोविड-19 से मौत की सबसे ऊंची दर के अलावा गुजरात बढ़ते संक्रमण और कम टेस्टिंग के लिए भी चर्चा के केंद्र में रहा है.

हालांकि, रूपाणी स्थिति के नियंत्रण में होने का दावा करते हैं. उन्होंने कहा, ‘आज हमारे यहां अस्पतालों में कोविड के लिए 19,000 बेड हैं, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या 11,000 और कुल मामलों की संख्या 50,000 है.’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मीडिया में कहा जा रहा है कि रोगियों को अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही है, या ये कि डॉक्टरों, दवाइयों, वेंटिलेटर और इंजेक्शन की कमी है, पर मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि गुजरात में कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई के 18 हफ्तों में हमें कभी ऐसी शिकायत नहीं मिली है.’

कोरोनावायरस से निपटने के ‘गुजरात मॉडल’ के बारे में रूपाणी ने कहा कि सरकार ने कोविड-19 के लिए अहमदाबाद में 1,200 बिस्तरों वाला विशेष चिकित्सा केंद्र स्थापित करने का निर्णय किया है. सूरत, वडोदरा और राजकोट में भी 250 बिस्तरों वाले ऐसे ही केंद्र बनाए जाएंगे, जबकि हर जिले में 100 बिस्तरों वाले केंद्र होंगे. उन्होंने कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी कह चुके हैं कि गुजरात मॉडल के अनुरूप हर राज्य को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिसमें निजी अस्पतालों के साथ सहयोग किया जाता है.’

रूपाणी ने ये भी दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात मॉडल की सराहना करते हुए बाकी राज्यों से भी उसकी अनुशंसा की है.

उन्होंने कोविड-19 से मुकाबले के लिए गुजरात सरकार की ‘अनूठी पहल’ धन्वंतरी रथों की भी चर्चा की. रूपाणी ने कहा, ‘ऐसे 1,040 रथ काम में लिए जा रहे हैं, जिनमें डॉक्टरों, दवाइयों, ऑक्सीजन पल्स मीटरों, परीक्षण आदि की व्यवस्था है. उनके इस्तेमाल को आरोग्य सेतु से जोड़ा गया है और हम मौके पर ही इलाज शुरू कर सकते हैं.’

सीएम ने यह भी कहा गुजरात में सारे काम धंधे शुरू हो चुके हैं, इससे पता चलता है कि स्थिति नियंत्रण में है.फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

‘आंकड़ों को नहीं छुपाया’

गुजरात की कोविड मृत्यु दर 4.38 प्रतिशत है जोकि देश में उच्चतम है – देश की औसत दर 2.49 है.

मुख्यमंत्री का कहना है कि राज्य में आंकड़ों को लेकर पारदर्शिता के कारण ऐसा है. उन्होंने कहा, ‘हमने कोई डेटा नहीं छुपाया. हमारे पास जो भी रोगी आया, भले ही वह कैंसर से पीड़ित रहा हो लेकिन कोविड संक्रमित पाए जाने पर हमने उसकी मौत को कोविड से हुई मौत के रूप में दर्ज किया.’

रूपाणी ने कहा, ‘सहरुग्णता या कोविड-19 से हुई मौतों के कई मामलों में रोगियों की हालत इतनी गंभीर थी कि उनकी टेस्टिंग की जाती उससे पूर्व ही वे दम तोड़ चुके थे. हमने वैसे मामलों को भी कोविड से हुई मौतों के रूप में दर्ज किया.’

उन्होंने इस बारे में आगे कहा, ‘एक समय तक मृत्यु दर में महाराष्ट्र पहले नंबर पर और गुजरात दूसरे नंबर पर था. लेकिन अब, भिन्न मानदंड के कारण, गुजरात नौवें नंबर पर है.’ हालांकि, यहां उल्लेखनीय है कि वर्तमान में भी गुजरात की कोविड मृत्यु दर देश में सबसे अधिक है.

राज्य में सबसे प्रमुख सहरुग्णता के रूप में डायबिटीज के सामने आने के मद्देनज़र ये पूछे जाने पर कि क्या गुजराती जीवनशैली में बदलाव की जरूरत नहीं है, रूपाणी ने कहा, ‘लोगों की जागरूकता बढ़ी है. अब वे योग, आसन, जॉगिंग, जिम आदि विकल्पों को अपना रहे हैं.’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आपका कहना सही है कि गुजरात के व्यापारी राज्य होने के कारण यहां डायबिटीज और उच्च रक्तचाप के ज़्यादा रोगी हैं. सहरुग्णता के मामले सामने आने से जाहिर होता है कि इनसे बहुत से लोग पीड़ित थे.’

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