बेंगलुरू (कर्नाटक) : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा सरकार के दौरान कल्याण कर्नाटक रीजन डेवलपमेंट बोर्ड (केकेआरडीबी) में हुए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं, यह आदेश प्रियांक खड़गे शिकायत पर दिए गए हैं.
. @CMofKarnataka orders investigation into the mismanagement of KKRDB funds. Crores has been diverted to fulfill BJP’s hidden agenda & for their own MLAs.
As promised earlier, a thorough investigation will be done & the guilty will be booked. pic.twitter.com/gSkwZfNlnP— Priyank Kharge / ಪ್ರಿಯಾಂಕ್ ಖರ್ಗೆ (@PriyankKharge) May 30, 2023
खड़गे, जो कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री हैं, ने कहा कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. प्रियांक खड़गे जो कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे हैं एक ट्वीट में कहा, ‘@CMofKarnataka ने केकेआरडीबी फंड के कुप्रबंधन की जांच के आदेश दिए. बीजेपी ने अपने छिपे एजेंडे को पूरा करने और अपने विधायकों के लिए करोड़ों रुपये इधर-उधर किए गए. इससे पहले किए गए वादे के मुताबिक मामले की पूरी जांच की जाएगी व दोषियों को खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा.’
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक में कुछ भाजपा नेताओं की ठेकेदारों के साथ मिलीभगत थी और वे केकेआरडीबी को जारी किए गए ‘सार्वजनिक धन का दुरुपयोग’ कर रहे थे.
कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान भ्रष्टाचार एक प्रमुख मुद्दा था, जो कि इस महीने की शुरुआत में हुआ और भाजपा व कांग्रेस दोनों ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए.
भ्रष्टाचार बना था प्रमुख मुद्दा
कर्नाटक चुनाव में भ्रष्टाचार एक प्रमुख मुद्दा बना था. कांग्रेस ने भाजपा पर 40% कमीशन की सरकार का आरोप लगाया था. इस प्रचार अभियान ने भाजपा की छवि धूमिल किया. बोम्मई ने इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाया.
ग्रामीण विकास मंत्री मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले ठेकेदार संतोष पाटिल को पिछले साल अप्रैल में मृत पाया गया था, भाजपा नेता से इस्तीफे की मांग की गई थी, लेकिन पार्टी ने आरोपों पर ध्यान नहीं दिया व इस नकारात्मक नैरेटिव के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया.
कानून मंत्री जे.सी. मधुस्वामी की एक ऑडियो क्लिप – जिन्होंने कथित तौर पर कहा था कि सरकार काम नहीं कर रही थी, पार्टी 2023 के चुनाव तक सिर्फ चीजों का मैनेज करने में लगी थी- जिससे बोम्मई सरकार की अक्षमता सामने आई.
भ्रष्टाचार से लड़ने या अपने कैबिनेट सहयोगियों को साथ लेकर बोम्मई ने खुद को एक मुखर मुख्यमंत्री के रूप में पेश नहीं किया. यहां तक कि जब कांग्रेस ने भ्रष्टाचार पर अभियान चलाया, तो उन्होंने इसे केवल ‘गंदी राजनीति’ करार दिया.
बागवानी मंत्री मुनिरत्ना के खिलाफ कर्नाटक कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के हमले ने कांग्रेस को और अधिक हथियार पकड़ाया, जिसके बाद बोम्मई पर सीधे हमला करने के लिए कांग्रेस ने PayCM अभियान शुरू किया. हालांकि, बीजेपी ने पिछले साल सितंबर में ‘स्कैम रमैया’ अभियान लॉन्च किया था, लेकिन नुकसान की भरपाई के लिए बहुत देर हो चुकी थी.
(दिप्रिंट के शंकर अर्निमेष के इनपुट्स के साथ)
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