नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लोकल मीडिया से चर्चा की. उन्होंने हाल ही में सरकार द्वारा जारी किए गए आर्थिक पैकेज पर सवाल खड़े किए. वहीं इस पैकेज को किसानों, व्यापारियों और प्रवासी मजदूरों के लिए नाकाफी बताया.
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान प्रभावित हुए लोगों के जेब में सीधा पैसा जाना चाहिए.
राहुल ने कहा कि सरकार को लॉकडाउन को समझदारी एवं सावधानी के साथ खोलने और बुजुर्गों एवं गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.
राहुल गांधी ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘जो पैकेज होना चाहिए था वो कर्ज का पैकेज नहीं होना चाहिए था. इसको लेकर मेरी निराशा है. आज किसानों, मजदूरों और गरीबों के खाते में सीधे पैसे डालने की जरूरत है.’
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 16, 2020
उन्होंने कहा, ‘आप (सरकार) कर्ज दीजिए, लेकिन भारत माता को अपने बच्चों के साथ साहूकार का काम नहीं करना चाहिए. इस वक्त गरीबों, किसानों और मजदूरों को कर्ज की जरूरत नहीं, पैसे की जरूरत है.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं विनती करता हूं कि नरेंद्र मोदी जी पैकेज पर पुनर्विचार करें और किसानों और मजदूरों को सीधे पैसे देने के बारे में सोचें.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने सुना है कि पैसे नहीं देने का कारण रेटिंग है. कहा जा रहा है कि वित्तीय घाटा बढ़ जाएगा तो बाहर की एजेंसियां हमारे देश की रेटिंग कम कर देंगी. हमारी रेटिंग मजदूर, किसान, छोटे कारोबारी बनाते हैं. इसलिए रेटिंग के बारे में मत सोचिए, उन्हें पैसा दीजिए.’
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि इस समय सबसे बड़ी जरूरत डिमांड-सप्लाई को शुरू करने की है.
राहुल ने कहा कि आज का समय उंगली उठाने का नहीं है. आज हिंदुस्तान के सामने बड़ा प्रॉब्लम है और हमें उसे हर हाल में दूर करना है. ये लोग जो सड़कों पर चल रहे हैं इनकी मदद हम सबको करनी है. भाजपा सरकार में है और उनके हाथों में सबसे ज्यादा औजार है तो उनकी ये जिम्मेदारी तो बनती है.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ में)