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Monday, 4 November, 2024
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गोवा एक और त्रिशंकु जनादेश की ओर बढ़ रहा है, भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर

सुबह 10 बजे तक के रुझानों के अनुसार, 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा 15-15 सीटों पर आगे चल रहे हैं, जबकि कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी क्षेत्रीय गोवा फॉरवर्ड पार्टी एक पर आगे चल रही है.

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मुंबई: 2017 के पिछले विधानसभा चुनावों के नतीजों को दोहराते हुए गोवा ने एक बार फिर त्रिशंकु जनादेश दिया है, जिसमें कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. लेकिन, वह अभी भी बहुमत के आंकड़े – बीस सीटों – से थोड़ा पीछे रह गई है.

सुबह 10 बजे तक के रुझानों के अनुसार, 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा 15-15 सीटों पर आगे चल रहे हैं, जबकि कांग्रेस की गठबंधन सहयोगी क्षेत्रीय गोवा फॉरवर्ड पार्टी एक पर आगे चल रही है.

त्रिशंकु विधानसभा वाले इस जनादेश ने एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस के बीच अन्य पार्टियों और विजयी हुए निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन हासिल करने और बहुमत के जादुई आंकड़े को छूने के साथ सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए एक तेज दौड़ शुरू कर दी है.


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2017 की नाकामयाबी दुहराने से बचने की कोशिश में हैं कांग्रेस

पूर्व में, कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा के नेताओं ने भी भले ही खुले तौर पर अपने दम पर बहुमत पाने का विश्वास व्यक्त किया था, मगर, अंदरखाने में ये दोनों पार्टियां त्रिशंकु विधानसभा के लिए तैयार थीं, और उन्होंने नतीजे सामने आने से कम-से-कम दो सप्ताह पहले अन्य दलों तथा जीतने की मजबूत संभावना रखने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ परदे के पीछे वाली बातचीत शुरू कर दी थी.

गोवा के कैथोलिक बहुल सालसेटे तालुका से एक निर्दलीय उम्मीदवार, जो अपना नाम नहीं बताना चाहता, ने दिप्रिंट को बताया:- मेरे अगले कदमों के बारे में जानने के लिए हर कोई मुझसे और मेरे साथियों से संपर्क कर रहा है. मैंने इंतजार करने और यह देखने का फैसला किया था कि नतीजों के बाद क्या स्थिति होती है. (इस कोट को तभी शामिल किया जायेगा जब यह प्रत्याशी जीतेगा)

यहां तक कि गोवा कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा पर उसके मजबूत उम्मीदवारों को तोड़ने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया था. हालांकि बीजेपी ने इस आरोप को खारिज किया था. नतीजों के बाद संभावित अगले कदमों पर चर्चा के लिए सोमवार को बीजेपी के मौजूदा सीएम प्रमोद सावंत ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. पिछले हफ्ते ही, गोवा कांग्रेस के शीर्ष नेताओं जैसे राज्य कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर, पूर्व सीएम दिगंबर कामत और भाजपा से दल-बदल कर आये माइकल लोबो ने भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्व से मिलने के लिए दिल्ली की यात्रा की थी.

इस महीने की शुरुआत में, गोवा कांग्रेस प्रमुख गिरीश चोडनकर ने दिप्रिंट से कहा था, ‘हम चाहते हैं कि सभी भाजपा विरोधी ताकतें हमारे साथ आएं. निश्चित तौर पर हमारे नेता इसके लिए सभी (अन्य दलों और उम्मीदवारों) के संपर्क में भी रहे हैं. भाजपा के अलावा कोई भी दूसरा दल या उम्मीदवार हमारे लिए अछूत नहीं है. इस बार हम चुप नहीं रहने वाले.’

2017 में भी कांग्रेस 17 सीटों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन भाजपा ने सरकार बनाने के लिए एमजीपी और जीएफपी के साथ गठजोड़ करके उसकी नाक के नीचे से जनादेश चुरा/छीन लिया था.

एमजीपी के साथ बातचीत कर रही है भाजपा

इस बीच, भाजपा नेतृत्व ने एमजीपी, जो परंपरागत रूप से गोवा में उसकी सहयोगी रही है, के साथ चुनाव के बाद गठबंधन के लिए बातचीत शुरू कर दी है.

एमजीपी ने पहले कहा था कि वह कभी भी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेगी क्योंकि उसने 2019 में एमजीपी के तीन में से दो विधायकों को तोड़ लिया था और एमजीपी के नेता सुदीन धवलीकर को बड़ी बेरुखी के साथ डिप्टी सीएम के पद से हटा दिया था. भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस, जो गोवा के लिए पार्टी के चुनाव प्रभारी हैं, ने भी चुनाव के बाद किसी संभावित गठबंधन पर चर्चा करने के लिए पिछले हफ्ते धवलीकर से मुलाकात की थी.

हालांकि धवलीकर ने कहा है कि चुनाव के बाद गठबंधन पर कोई भी फैसला एमजीपी की सहयोगी टीएमसी के साथ चर्चा के बाद ही लिया जाएगा. उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि वह सीएम के रूप में प्रमोद सावंत का समर्थन कतई नहीं करेंगे.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )


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