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Thursday, 5 December, 2024
होमराजनीतिहिंदुओं का धैर्य जवाब दे गया तो क्या होगा, इसका किसी को अंदाजा नहीं: गिरिराज सिंह

हिंदुओं का धैर्य जवाब दे गया तो क्या होगा, इसका किसी को अंदाजा नहीं: गिरिराज सिंह

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चिदंबरम ने कहा, अयोध्या मुद्दा ‘एक जानी-पहचानी कहानी’ है. भाजपा हर चुनाव से पहले राम मंदिर का मुद्दा उठाकर ध्रुवीकरण करती है.

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने में देरी होने से हिंदू आपे से बाहर हो रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हिंदुओं का धैर्य जवाब दे गया तो क्या कुछ हो जाएगा, इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता. दूसरी ओर कांग्रेस ने मंदिर के बहाने भाजपा पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा चुनाव से पहले राम मंदिर मुद्दा उठाती है ताकि ध्रुवीकरण किया जा सके.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘नेहरू (जवाहरलाल) चाहते तो राम मंदिर का मुद्दा विवादित नहीं होता. फिर कांग्रेस ने समाधान के रास्ते बंद कर दिए. और जब अदालत इस मुद्दे पर सुनवाई करने वाली थी तो कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने वही किया.’

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने इसे हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बनाने का निर्णय लिया है. भगवान राम हिंदुओं की आस्था का मुद्दा थे, हैं और हमेशा रहेंगे. अब हिंदुओं का सब्र जवाब दे रहा है. किसी को अंदाजा नहीं है कि अगर हिंदुओं का धर्य जवाब दे गया तो फिर क्या होगा.’

गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायाल ने अयोध्या मुद्दे की सुनवाई जनवरी 2019 तक के लिए टाल दी है.

‘भाजपा ध्रुवीकरण करती है’

कांग्रेस नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर मुद्दे पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाया और कहा कि अयोध्या मुद्दा ‘एक जानी-पहचानी कहानी’ है.

उन्होंने कहा, ‘भाजपा हर पांच साल बाद चुनाव से पहले राम मंदिर पर विचारों का ध्रुवीकरण करती है. कांग्रेस पार्टी का मत है कि मामला सर्वोच्च न्यायालय में है और सभी को न्यायालय के निर्णय का इंतजार करना चाहिए. मुझे नहीं लगता कि हमें जल्दबाजी करनी चाहिए.’

चिदंबरम का यह बयान सर्वोच्च न्यायालय के राम मंदिर मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी में उपयुक्त पीठ में करने के निर्णय के बाद आया है. अदालत ने हालांकि कोई विशेष तिथि बताने से इनकार कर दिया है.

सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता बाली पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अगले साल जनवरी में सुनवाई करने का निर्णय लिया. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में अयोध्या के विवादित स्थल के तीन हिस्से कर राम लला, निर्मोही अखाड़ा और वास्तविक मुस्लिम वादी में बांट दिया था.


यह भी पढ़ें: भारत के मुसलमान मुगलों के नहीं, प्रभु राम के वंशज हैं: गिरिराज सिंह


गौरतलब है कि गिरिराज सिंह ने एक हफ्ते पहले भी उत्तर प्रदेश के बागपत में कहा था कि ‘भारत के मुसलमान प्रभु राम के वंशज हैं. वे मुगलों के वंशज नहीं हैं. इसलिए वे राम मंदिर का विरोध न करें और जो राम मंदिर का विरोध कर रहे हैं, वे भी समर्थन में आ जाएं, वरना उनसे हिंदू नाराज हो जाएंगे. मुस्लिमों से नफरत करने लगेंगे और अगर ‘ये नफरत ज्वाला में बदल गई तो मुस्लिम सोचें फिर क्या होगा.’

(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)

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