नई दिल्ली: कांग्रेस को छोड़ने वाले वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद सोमवार अपनी नई पार्टी के नाम का ऐलान कर दिया. गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी को 26 अगस्त को अलविदा कहा था.
गुलाम नबी आजाद ने कहा, पार्टी का नाम है ‘डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी’. डेमोक्रेसी डेमोक्रेटिक के लिए है कि पूरी स्वतंत्र होगी, जिसका मैंने उल्लेख किया कि अपनी सोच होगी. किसी भी पार्टी या नेता से प्रभावित नहीं होगी और आज़ाद रहेगी.
उन्होंने पार्टी के झंडे के रंग का जिक्र करते हुए कहा, ‘सरसों का रंग रचनात्मकता और विविधता में एकता को इंगित करता है, सफेद शांति को इंगित करता है और नीला स्वतंत्रता, खुली जगह, कल्पना और समुद्र की गहराई से आकाश की ऊंचाइयों तक की सीमाओं को इंगित करता है.’
यह घटनाक्रम आजाद के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के ठीक एक महीने बाद आया है. आजाद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में नई पार्टी के नाम की घोषणा करते हुए कहा कि यह संगठन धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और किसी भी प्रभाव से स्वतंत्र होगा.
पार्टी का नाम है 'डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी'। डेमोक्रेसी डेमोक्रेटिक के लिए है कि पूरी स्वतंत्र होगी। जिसका मैंने उल्लेख किया कि अपनी सोच होगी। किसी भी पार्टी या नेता से प्रभावित नहीं होगी और आज़ाद रहेगी: गुलाम नबी आज़ाद, जम्मू pic.twitter.com/ydykRjxeGL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 26, 2022
मेरी नई पार्टी के लिए लगभग 1,500 नाम हमें उर्दू, संस्कृत में भेजे गए थे. हिन्दी और उर्दू का मिश्रण ‘हिन्दुस्तानी’ है. हम चाहते हैं कि नाम लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र हो.
कल आजाद ने कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बैठक की थी.
इससे पहले, आजाद ने कांग्रेस छोड़ने के बाद जम्मू में अपनी पहली जनसभा में अपने स्वयं के राजनीतिक संगठन को शुरू करने की घोषणा की थी जो पूर्ण राज्य की बहाली पर ध्यान केंद्रित करेगा. उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के लोग पार्टी का नाम और झंडा तय करेंगे.
उन्होंने कांग्रेस से अपने 5 दशकों का संबंध तोड़ते हुए कहा था, ‘मैंने अभी तक अपनी पार्टी के लिए नाम तय नहीं किया है. जम्मू-कश्मीर के लोग पार्टी का नाम और झंडा तय करेंगे. मैं अपनी पार्टी को एक हिंदुस्तानी नाम दूंगा जिसे हर कोई समझ सके.’
उन्होंने कहा, ‘मेरी पार्टी पूर्ण राज्य की बहाली, भूमि के अधिकार और मूल निवासी को रोजगार देने पर ध्यान केंद्रित करेगी.’
आजाद ने कहा कि आसन्न विधानसभा चुनाव को देखते हुए उनके राजनीतिक दल की पहली इकाई जम्मू-कश्मीर में बनाई जाएगी. उन्होंने कहा, ‘मेरी पार्टी पूर्ण राज्य का दर्जा, भूमि का अधिकार और मूल निवासी को रोजगार की बहाली पर ध्यान केंद्रित करेगी.’
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग हमें (मुझे और मेरे समर्थकों को जिन्होंने पार्टी छोड़ दी है) बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी पहुंच कंप्यूटर ट्वीट तक सीमित है.
आजाद ने कहा, ‘कांग्रेस हमारे खून से बनी है, कंप्यूटर से नहीं, ट्विटर से नहीं. लोग हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनकी पहुंच कंप्यूटर और ट्वीट तक सीमित है. इसलिए कांग्रेस जमीन पर कहीं नजर नहीं आती.’ जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने जम्मू के सैनिक कॉलोनी में अपनी पहली जनसभा में कहा.
गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के 2005 से 2008 तक मुख्यमंत्री रहे हैं.
सोनिया गांधी को लिखे अपने त्याग पत्र में, उन्होंने पिछले लगभग नौ वर्षों में पार्टी को चलाने के तरीके को लेकर पार्टी नेतृत्व, विशेषकर राहुल गांधी पर निशाना साधा था.
पांच पन्नों के पत्र में कड़े शब्दों में, आजाद ने दावा किया था कि एक मंडली पार्टी चलाती है, जबकि सोनिया गांधी सिर्फ ‘नाममात्र प्रमुख’ थीं और सभी बड़े फैसले ‘राहुल गांधी या बल्कि उनके सुरक्षा गार्ड और पीए’ द्वारा लिए जाते हैं.
वह राज्यसभा में पहले विपक्ष के नेता थे. कांग्रेस के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद करते हुए आजाद ने कहा था कि पार्टी की स्थिति ‘कोई वापसी नहीं’ के बिंदु पर पहुंच गई है.
जबकि आजाद ने पत्र में सोनिया गांधी पर कटाक्ष किया था, उनका सबसे तेज हमला राहुल गांधी पर था और उन्होंने वायनाड के सांसद को ‘गैर-गंभीर व्यक्ति’ और ‘अपरिपक्व’ के रूप में वर्णित किया था.
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