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Sunday, 22 December, 2024
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छात्र राजनीति से NCP नेता तक- हरियाणा में मंत्री के गणतंत्र दिवस समारोह में खलल डालने वाली सोनिया दुहण

राकांपा नेता ने पिहोवा में दागी मंत्री को तिरंगा फहराने से रोकने की कोशिश की. उन्होंने 2019 में गुरुग्राम से पार्टी के विधायकों को “बचाया” था और पिछले साल गोवा में दोबारा प्रयास करते हुए पकड़ी गई थीं.

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चंडीगढ़: गणतंत्र दिवस पर कुरुक्षेत्र के पेहोवा में हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह को तिरंगा फहराने से रोकने के लिए उनके पास पहुंची 30-वर्षीय महिला ने चिल्लाते हुए कहा- “साहब, रुकिए! आप ध्वजारोहण नहीं कर सकते. आप आपवित्र हैं.”

पुलिस ने आनन-फानन में उसे कार्यक्रम स्थल से दूर ले जाने के लिए एक वाहन में बिठा दिया, जबकि वह यौन उत्पीड़न के आरोप का सामना कर रहे मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करती रही.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सोनिया दुहण के रूप में पहचानी जाने वाली ये घुसपैठिया लड़की अपने खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई से बेफिक्र थी.

दुहण ने दिप्रिंट को बताया, “मैंने संदीप सिंह द्वारा तिरंगा फहराने का विरोध किया, क्योंकि उन पर एक हरियाणवी महिला के यौन उत्पीड़न का आरोप है. खाप पंचायतों ने खट्टर सरकार को अल्टीमेटम दिया कि वे संदीप सिंह को राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति न दें. मैंने उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर 8 जनवरी को हिसार के नारनौंद में एक रोश पंचायत भी आयोजित की थी, लेकिन कोई कार्रवाई करने के बजाय, सरकार उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान कर रही है.”

उन्होंने कहा, “मुझे मेरे गले में लिपटे दुपट्टे से घसीटा गया और पुलिस वाहन में ले जाया गया. उनकी (पुलिस की) योजना थी कि मुझ पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाए, लेकिन जींद पंचायत के नेताओं की चेतावनी ने उन्हें पुनर्विचार करने और मुझे रिहा करने के लिए मजबूर कर दिया.”

दुहण ने 2019 में उस समय सुर्खियां बटोरी थीं, जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में नाराज़ एनसीपी नेता अजीत पवार के साथ सरकार बनाने की कोशिश की थी, तब उन्होंने गुरुग्राम के एक होटल से राकांपा के 4 विधायकों को “बचाया” था.

चार बागी विधायक- नरहरि जिरवाल, दौलत दरोदा, अनिल पाटिल और नितिन पवार- उस साल नवंबर में पवार के महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद से लापता थे.

दुहण और एनसीपी यूथ विंग के अध्यक्ष धीरज शर्मा ने एक मिशन का नेतृत्व किया जिसने लापता विधायकों को एनसीपी के खेमे में एक नाटकीय “बचाव मिशन” में उस होटल से बाहर निकाला, जहां उन्हें कथित रूप से बीजेपी ने रखा था.

उन्होंने दावा किया था कि एनसीपी कार्यकर्ताओं की दो टीमों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की नाक के नीचे से छिपे हुए विधायकों को बाहर निकालने के वास्ते परफेक्ट टाइमिंग खोजने के लिए होटल पर निगरानी रखी थी.

रेकी करने के बाद वे एनसीपी विधायकों को होटल के पिछले हिस्से से बाहर ले गए. चूंकि, हिस्सा क्लोज-सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) की निगरानी में नहीं था, गुरुग्राम से सभी को नई दिल्ली में 6 जनपथ स्थित राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के आवास की सुरक्षा के लिए ले जाया गया.

पिछले साल जुलाई में, दुहण ने गोवा में इस तरह के एक और गुप्त मिशन को अंजाम देने की कोशिश की थी, लेकिन उस होटल से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, जहां शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के बीच चल रहे विवाद के बीच शिवसेना के बागी विधायक रह रहे थे.

उस समय, एनसीपी प्रवक्ता ने भारी सुरक्षा वाले होटल में प्रवेश पाने के लिए गोवा के होटल में एक कमरा बुक करने के लिए नकली पहचान पत्र का इस्तेमाल किया था. हालांकि, दुहण को बाद में एक अदालत ने ज़मानत दे दी थी.


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पार्टी में लगातार बढ़ता रुतबा

हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में अपने कॉलेज के दिनों में ही दुहण ने छात्र राजनीति की दुनिया में कदम रखा था. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और एनसीपी के छात्रसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ा है.

दुहण ने अपनी निष्ठा को प्रसिद्ध बना लिया है, पिछले साल 13 सितंबर को उन्होंने अपने जन्मदिन पर केक काटने की रस्म के दौरान राकांपा नेता शरद पवार के साथ तस्वीरें पोस्ट की थीं.

उन्होंने एनसीपी प्रमुख को टैग करते हुए फेसबुक पोस्ट में कहा था, “मेरे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति का आशीर्वाद मेरे लिए सबसे ज्यादा मायने रखता है. आज मेरे जन्मदिन के अवसर पर मेरे प्रेरणास्रोत माननीय शरद पवार साहब ने उनके सामने केक कटवा कर मुझे आशीर्वाद दिया. मेरे लिए इससे बढ़कर कुछ नहीं है. पवार साहब ने मुझे एक पेन भेंट किया. यह मेरे लिए केवल एक उपहार नहीं है, बल्कि लोक कल्याण के लिए संघर्ष लिखने की जिम्मेदारी है.”

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने अपने राजनीतिक करियर के लिए राकांपा को क्यों चुना, दुहण ने कहा, “हालांकि पार्टी के हरियाणा में बड़े पैमाने पर फोलॉवर्स नहीं हैं, लेकिन मैंने पवार साहब को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में पाया जो महिलाओं को वो सम्मान देते हैं, जिसकी वे हकदार हैं.”

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “देश के रक्षा मंत्री के रूप में शरद पवार ने सशस्त्र बलों में महिलाओं को आरक्षण प्रदान किया और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने उन्हें संपत्ति का अधिकार दिया. यही कारण है कि मैं उनका बहुत सम्मान करती हूं.”

(संपादनः फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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