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Wednesday, 6 November, 2024
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‘चोट्टा’ ‘मिर्ची’ से लेकर ‘देशद्रोह’ तक- झारखंड का उपचुनाव आखिर क्यों हो गया है जहरीला?

झारखंड में दुमका और बेरमों विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को उपचुनाव होने हैं. जैसे जैसे चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं नेताओं में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति भी तेज हो गई है.

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रांची: झारखंड में दुमका और बेरमों विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को उपचुनाव होने हैं. दुमका सीट हेमंत सोरेन ने छोड़ी थी, यहां से उनके छोटे भाई बसंत सोरेन लड़ रहे हैं यहां उनके मुख्य प्रतिद्वंदी बीजेपी की पूर्व मंत्री लुईस मरांडी हैं. वहीं बेरमो में कांग्रेस के दिवंगत नेता राजेंद्र सिंह के बेटे जयमंगल सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. यहां मुख्य प्रतिद्वंदी बीजेपी के ही नेता योगेश्वर महतो हैं.

हेमंत बीते एक हफ्ते से लगातार चुनावी दौरा ही कर रहे हैं. वहीं बीजेपी की तरफ से पूर्व सीएम रघुवर दास, बाबूलाल मरांडी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा लगातार कैंपेन कर रहे हैं. लेकिन आरोप प्रत्यारोप के बीच इन नेताओं को बोल जहरीले हो चले हैं. हालात यहां तक पहुंच चुके हैं कि जेएमएम ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पर राजद्रोह के तहत एफआईआर दर्ज कराई है. तिस पर बीजेपी ने साफ कहा कि अगर हिम्मत है तो 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर दिखाएं.

इधर दुमका में प्रचार के आखिरी दिन सीएम हेमंत सोरेन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. यहां राजद्रोह वाले मामले में उन्होंने कहा कि हमने पहले भी रघुवर दास पर एफआईआर करवाई थी. सरकार में आने के बाद उसे वापस ले लिया था. लेकिन अगर बीजेपी हमारी सरकार को परेशान करने की कोशिश करेगी तो हम भी पीछे नहीं हटेंगे.


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चोट्टा से लेकर मिर्ची तक

इसकी शुरूआत होती है रघुवर दास से. जब पूर्व सीएम ने विपक्षियों को चोट्टा कहा था. बेरमों में महिला चौपाल को संबोधित करते हुए महिलाओं के बीच माइक भिजवाया. इसके बाद उन्होंने कहा, ‘देखो, चुप मत रहो. चुप रहने के कारण ही चोट्टा लोग राज कर रहा है.’ उनके इस बयान के बाद झारखंड की सियासत गर्मा गई. बात बढ़ता देख रघुवर दास ने प्रेस रिलीज जारी किया.

एक बार फिर उन्होंने कहा, ‘जब पीएम मोदी को विपक्ष चोर कहता है तो वह संसदीय भाषा हो जाती है, अगर इन्हें चोट्टा कह दिया तो मिर्ची लग गई.’ उन्होंने यह भी कहा कि, 1980 में कांग्रेस ने इन्हें पटाया और यह आंदोलन भूलकर जगन्नाथ मिश्र की गाय का दूध पीने लगे. फिर लालू प्रसाद की भैंस का दूध पीने लगे और बाद में नरसिम्हा राव की बकरी का दूध पीते पीते जेल चले गए थे.

अब बारी आई हेमंत सोरेन की. बेरमो में ही एक जनसभा में हेमंत  ने कहा, ‘बीजेपी को लाठी-डंडे से मारकर भगाएंगे. इस चुनाव में बीजेपी के तीन सीएम लगे हुए हैं, लेकिन वह मुंह के बल गिरेंगे और उनका दांत टूट जाएगा.’ सीएम के इस बयान के बाद एक बार फिर रघुवर ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि जेएमएम के ‘डीएनए में गुंडागर्दी’ है. वहीं प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सासंद दीपक प्रकाश ने कहा, ‘बीजेपी कोई मक्खी नहीं है जो उसे फेंक दिया जाएगा.’


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बिहार के ‘का बा’ इफेक्ट से झारखंड भी अछूता नहीं

इस बीच बिहार विधानसभा चुनाव में चल रहे ‘का बा’ (क्या है) इफेक्ट से भला झारखंड कैसे अछूता रह सकता है. पहले बीजेपी ने हेमंत की भाभी और विधायक सीता सोरेन की ओर से उठाए गए बालू चोरी, भ्रष्टाचार के मुद्दे को आधार बना कर सरकार पर हमला बोला. इसके जवाब में जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बाबूलाल को निशाने पर लेते हुए पूछा, ‘थाईलैंड में का बा.’

बीजेपी के समर्थकों ने इसका जवाब दिया और हेमंत सोरेन से पूछा कि दुबई में का बा. हालांकि दोनों ही पक्षों में से किसी ने भी यह नहीं बताया कि दुबई और थाईलैंड में ‘का बा.’

हमले की कमान बीजेपी की तरफ से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने संभाल ली. बीते 30 अक्टूबर को दुमका में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘उप चुनाव के परिणाम आने के दो माह के अंदर हेमंत सरकार गिर जाएगी. इसके बाद सत्ताधारी दलों के लिए काम कर रहे अधिकारियों की पहचान हम कर रहे हैं, ऐसे लोगों को कालापानी भेजेंगे.’बीजेपी के इस दावे की पड़ताल दिप्रिंट ने इस स्टोरी में पहले ही की थी. जहां जेएमएम के विधायकों ने स्वीकार किया था कि उन्हें पैसे ऑफर किए जा रहे हैं.

इधर प्रचार आखिरी चरण में पहुंचा और उधर कांग्रेस ने दीपक प्रकाश के इसी बयान को आधार बनाकर उनके ऊपर राजद्रोह के तहत एफआईआर (कॉपी मौजूद है) दर्ज करा दी है. मामला दुमका में दर्ज कराया गया है. जवाब में दीपक ने कहा, ‘हिम्मत है तो 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार करके दिखाए सरकार.’

दीपक प्रकाश ने एक नवंबर को पार्टी ऑफिस में एक बार फिर मीडिया से बातचीत के दौरान मौजूदा सरकार और जेएमएम पर हमला बोला और कहा, ‘ये बैसाखी सरकार है इससे भला क्या डरना. सोमवार दस बजे तक रांची में हूं. दम है तो गिरफ्तार कर दिखाए.’ उन्होंने लगभग ललकारते हुए कहा, ‘ तीन तारीख को दिल्ली लौटूंगा, इसी राज्य में रहूंगा, घूमूंगा, करें गिरफ्तार. मैं अपनी बात पर पूरी तरह कायम हूं. ये सरकार अपने अंतर्विरोध से गिर जाएगी.’

आखिर दुमका में इतनी तल्खी क्यों

हेमंत सोरेन दुमका और बरहेट से विधानसभा चुनाव जीते थे. नियम के मुताबिक उन्हें एक सीट छोड़नी थी तो उन्होंने दुमका की सीट को छोड़ दिया. अब यहां उनके छोटे भाई बसंत सोरेन इस उपचुनाव के रास्ते राजनीति में प्रवेश करने जा रहे हैं. अगर वो ये चुनाव जीत जाते हैं तो सोरेन परिवार के चौथे सदस्य होंगे जो विधायक बनेंगे. फिलहाल उनकी भाभी सीता सोरेन विधायक हैं, पिता शिबू सोरेन राज्यसभा सदस्य हैं. वहीं लुईस मरांडी 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन को हराकर ही जीत हासिल की थी. हालांकि, बीते चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में दोनों के लिए ही यह नाक की लड़ाई बन गई है.

वहीं बेरमो में कांग्रेस प्रत्याशी जयमंगल सिंह अपने पिता के राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनावी मैदान में पहली बार उतर रहे हैं. हालांकि, कांग्रेस का कोई केंद्रीय नेता उनके प्रचार के लिए नहीं आया. सीएम हेमंत सोरेन और राज्य के कांग्रेसी नेता ही यहां कैंपेन कर रहे हैं. वहीं बीजेपी के प्रत्याशी योगेश्वर महतो के लिए बीजेपी के रघुवर दास, बाबूलाल मरांडी सहित राज्य सभी नेता प्रचार कर रहे हैं. बाबूलाल के बीजेपी में शामिल होने के बाद पहला चुनाव है. ऐसे में यह चुनाव उनके लिए भी अहम है.

3 नवंबर को होने वाले चुनाव का परिणाम 10 नवंबर को आना है.

(आनंद झारखंड के स्वतंत्र पत्रकार हैं)


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