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Friday, 15 November, 2024
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नवाब मलिक पर फडणवीस और पवार आमने सामने, अजित बोले- पार्टी का रुख बताने से पहले मलिक से बात करेंगे

उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मलिक को राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन बृहस्पतिवार को सत्ता पक्ष की सीट पर बिठाने का विरोध करते हुए अजित पवार को पत्र लिखा था.

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नागपुर: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा है कि वह नवाब मलिक की राजनीतिक संबद्धता पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के उनके गुट का रुख बताने से पहले पूर्व मंत्री से बात करेंगे ताकि वह उनकी स्थिति समझ सकें.

उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मलिक को राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन बृहस्पतिवार को सत्ता पक्ष की सीट पर बिठाने का विरोध करते हुए अजित पवार को पत्र लिखा था. पवार ने इस पत्र के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘मैंने वह पत्र पढ़ा है. सबसे पहली बात यह है कि नवाब मलिक साहेब कल पहली बार विधानसभा आए थे. इस बीच, मीडिया ने टीवी पर दिखाया कि वह कहां बैठे, क्यों बैठे और किसके साथ बैठे.”

नवाब मलिक के कथित तौर पर अजीत पवार के साथ गठबंधन करने का विवाद महाराष्ट्र में गठबंधन सहयोगियों के बीच एक दुखदायी मुद्दा बना हुआ है.

अजित पवार ने कहा कि उनका राकांपा समूह दो जुलाई को सत्तारूढ़ गठबंधन ‘महायुति’ में शामिल हुआ था और मलिक यह सब होने के बाद विधानसभा में आए.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनका (मलिक का) पक्ष सुनने के बाद अपना और अपनी पार्टी का रुख सामने रखूंगा.’’

फडणवीस ने बृहस्पतिवार को अजित पवार को पत्र लिखकर धनशोधन मामले में आरोपी मलिक को सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन में शामिल करने पर अपनी आपत्ति जताई थी.

एनसीपी-अजित पवार गुट के नेता अमोल मिटकारी ने कहा कि नवाब मलिक पार्टी के प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता रहे हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता इस पर अपना रुख स्पष्ट करेंगे.

एनसीपी-अजित पवार गुट के नेता अमोल मिटकारी ने कहा, “बैठने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाती है. अगर विधानसभा अध्यक्ष ने बैठने की व्यवस्था की है, तो मेरा मानना है कि उन्हें इसके बारे में अधिक जानकारी होनी चाहिए. नवाब मलिक पार्टी के प्रवक्ता और अब एक वरिष्ठ नेता हैं. हमारे एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं.”

सुनील तटकरे ने कल रुख स्पष्ट कर दिया. मैंने इससे ठीक पहले अजीत पवार से मुलाकात की, वह या पार्टी के वरिष्ठ नेता इस पर अपना रुख स्पष्ट करेंगे.”

अजित पवार गुट के नेता सुनील तटकरे ने गुरुवार को कहा था कि नवाब मलिक केवल एक पुराने राजनीतिक सहयोगी थे और गुट में शामिल होने पर उनके साथ कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई थी.

तटकरे ने कहा था, “नवाब मलिक कई वर्षों से हमारे वरिष्ठ सहयोगी हैं. बीमारी के मुद्दे पर उन्हें जमानत मिलने के बाद, हमने उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए पुराने सहयोगियों के रूप में मुलाकात की. हमारी उनसे कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है. आज विधानसभा में आने के बाद, यह स्वाभाविक है कि वह पुराने सहयोगियों से बातचीत करते हैं और मिलते हैं.”

भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने फरवरी 2022 में मलिक को गिरफ्तार किया था. फिलहाल वह चिकित्सकीय आधार पर जमानत पर हैं.

बता दें कि फडणवीस के एनसीपी नेता अजित पवार को लिखे पत्र पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत का कहना है, “क्या उन्हें पत्र लिखने का नैतिक अधिकार है? सभी गंदे कपड़े उनकी लॉन्ड्री में आ गए हैं और उन्होंने उन्हें धो दिया है. क्या?” क्या उनके पास नैतिक अधिकार हैं?…भाजपा जो भी पाखंड करती है – देशभक्ति, राष्ट्रवाद का, उनके दिल में ऐसा कुछ भी नहीं है; केवल सत्ता के लिए प्यार है…”

मलिक ने बृहस्पतिवार को यहां महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में भाग लिया. वह सदन में सबसे अंतिम पंक्ति में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के एक विधायक के पास में बैठे थे. जेल से रिहाई के बाद मलिक ने पहली बार विधानमंडल के सत्र में हिस्सा लिया था.


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