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Friday, 26 April, 2024
होमराजनीतिपिछली बार राजस्थान, मप्र, मिज़ोरम और छत्तीसगढ़ में एग्ज़िट पोल बिल्कुल सटीक थे

पिछली बार राजस्थान, मप्र, मिज़ोरम और छत्तीसगढ़ में एग्ज़िट पोल बिल्कुल सटीक थे

टुडेज़ चाणक्या ने पांच में से चार विधानसभा चुनावों के लिए 2013 और 2014 में सर्वाधिक सटीक आकलन किया था.

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नई दिल्ली: चुनावी पंडितों, विशेषज्ञ और शौकिया दोनों ही, के लिए शुक्रवार का दिन चिर-परिचित उत्साह वाला है क्योंकि एग्ज़िट पोल का इंतज़ार ख़त्म हुआ और मौजूदा चुनावी मौसम के संभावित विजेताओं की भविष्यवाणी करने का अवसर आ गया है.

चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार चुनाव कार्य जारी रहते रायशुमारियों/एग्ज़िट पोल का प्रकाशन और प्रसारण नहीं किया जा सकता है. इसलिए राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिज़ोरम में शुक्रवार की शाम मतदान समाप्त होते ही एग्ज़िट पोल हमारे सामने होगा.

राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिज़ोरम के 2013 के विधानसभा चुनावों के दौरान विजेताओं के बारे में एग्ज़िट पोल की भविष्यवाणियां काफी सही रही थीं, हालांकि अधिकांश एग्ज़िट पोल इन जीतों के अंतर को भांपने में नाकाम रहे थे.

टुडेज़ चाणक्या के एग्ज़िट पोल में सबसे सटीक भविष्यवाणियां की गई थीं.
यही बात भारत के नवीनतम राज्य तेलंगाना के बारे में भी कही जा सकती हैं, जहां आंध्र प्रदेश के विभाजन से पहले 2014 की गर्मियों में प्रथम विधानसभा चुनाव हुए थे.

अब जबकि विधानसभा चुनावों का रोमांच हदों को छू चुका है, दिप्रिंट पिछली बार की एग्ज़िट पोल रिपोर्टों को उलट-पलट कर देख रहा है कि विभिन्न सर्वे संस्थानों की भविष्यवाणियां क्या थीं, और अंतत: मतदाताओं का फैसला क्या रहा.

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राजस्थान

राजस्थान की 200 सीटों पर दो मुख्य प्रतिद्वंद्वी पार्टियों में हुए मुक़ाबले में भाजपा ने 163 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस की झोली में 21 सीटें आईं.
सर्वाधिक सटीक भविष्यवाणी टुडेज़ चाणक्या की रही थी जिसने भाजपा को 147 और कांग्रेस को 39 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था.

टाइम्स नाउ-सीवोटर ने भाजपा की सीटें 125 से 135 के बीच, और कांग्रेस की 43-53 के बीच रहने की भविष्यवाणी की थी.

सीएनएन आईबीएन-द वीक और सीएसडीएस की भविष्यवाणी में भाजपा को 126-136, जबकि कांग्रेस को 49-57 सीटें दी गई थीं.

इंडिया टुडे-ओआरजी की भविष्यवाणी असली परिणामों से काफी दूर रही क्योंकि इसमें भाजपा को 110 और कांग्रेस को 62 सीटें मिलने की संभावना बताई गई थी.

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में भी मुख्य मुक़ाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही था. यहां इन दोनों पार्टियों ने कुल 230 में से 223 सीटें जीतीं. भाजपा के खाते में 165 सीटें रहीं, जबकि कांग्रेस को 58 सीटों पर सफलता मिली थी.
टुडेज़ चाणक्या यहां भी सटीक भविष्यवाणी के मामले में सबसे अव्वल रहा. इसने भाजपा को 161 और कांग्रेस को 62 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी.

इंडिया टुडे-ओआरजी और एबीपी-नील्सन ने एक जैसी भविष्यवाणी में भाजपा को 138 तथा कांग्रेस को 80 सीटें मिलने की संभावना जताई थी.
टाइम्स नाउ-सीवोटर का आकलन भाजपा को 123 से 133 के बीच, जबकि कांग्रेस को 87-97 सीटें मिलने का था.

सीएनएन आईबीएन-द वीक और सीएसडीएस ने भाजपा को 136-146, जबकि कांग्रेस को 67-77 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी.

छत्तीसगढ़

उस चुनावी मौसम में, जिसके बाद पूरे देश में भाजपा की चुनावी जीतों का सिलसिला बन गया, छत्तीसगढ़ में भी भाजपा ही जीती. राज्य की 90 में से 49 सीटें भाजपा को मिलीं, जबकि कांग्रेस को 39 सीटों से संतोष करना पड़ा.

छत्तीसगढ़ के मामले में अधिकांश एग्ज़िट पोल काफी हद तक सही रहे: टुडेज़ चाणक्या ने भाजपा को 51 और कांग्रेस को 39 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी. इंडिया टुडे-ओआरजी का आकलन भाजपा को 53 एवं कांग्रेस को 33 सीटें मिलने का था. जबकि टाइम्स नाउ-सीवोटर ने भाजपा को 40-48 और कांग्रेस को 37-45 के दायरे में सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी.

सीएनएन आईबीएन-द वीक और सीएसडीएस ने भाजपा को 45 से 55 सीटें, जबकि कांग्रेस को 32-40 सीटें मिलने का आकलन किया था.

मिज़ोरम

पूर्वोत्तर में कांग्रेस के एकमात्र बचे गढ़ मिज़ोरम में पिछले विधानसभा चुनावों में पार्टी को कुल 40 में से 34 सीटों पर सफलता मिली थी. प्रतिद्वंद्वी मिज़ो नेशनल फ्रंट को मात्र पांच सीटों से संतोष करना पड़ा था.

मात्र इंडिया टुडे-सीवोटर ने ही पिछली बार मिज़ोरम की एग्ज़िट पोल रिपोर्ट को जारी किया था, और कांग्रेस को 19, जबकि मिज़ो नेशनल फ्रंट को 14 सीटें देने की भविष्यवाणी की थी.

तेलंगाना

तेलंगाना में हुए पहले विधानसभा चुनाव में अलग राज्य के लिए चले आंदोलन के नेता के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को कुल 119 में से 63 सीटों पर सफलता मिली. कांग्रेस मात्र 21 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही, जबकि तीसरे नंबर पर रही तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) को 15 और उसकी तत्कालीन सहयोगी भाजपा को पांच सीटें मिलीं. असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को सात सीटों पर सफलता मिली.

टुडेज़ चाणक्या एक बार फिर टीआरएस को 62-80, कांग्रेस को 16-30 और टीडीपी-बीजेपी गठबंधन को 10-20 सीटें मिलने की भविष्यवाणी कर असल परिणामों के सर्वाधिक करीब रहा.

हैदराबाद स्थित महा न्यूज़ चैनल ने टीआरएस को 57 सीटें, जबकि कांग्रेस को 23, टीडीपी को 21 एवं भाजपा को सात सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी.

एनडीटीवी हंसा के एग्ज़िट पोल में टीआरएस की सीटों की संख्या 66 से 80 के बीच रहने का अनुमान जताया गया था, जबकि टीडीपी और एआईएमआईएम में से प्रत्येक की सीटों की संख्या 8 से 16 के बीच रहने की भविष्यवाणी की गई थी.

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