नई दिल्ली: महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बीच, शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए रविवार को एक बैठक बुलाई है. जिसमें असम के गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए विधायक शामिल होंगे.आगे की रणनीतियों और कानूनी पहलुओं पर चर्चा के लिए गुवाहाटी के होटल में एकनाथ शिंदे गुट की बैठक शुरू हो गई है। इसके बाद आज एक और अहम बैठक हो सकती है.
महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल शिवसेना में तब शुरू जब मंत्री एकनाथ शिंदे कुछ विधायकों के साथ सूरत गए और फिर गुवाहाटी पहुंच गए, जहां उन्होंने 55 शिवसेना विधायकों में से 38 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया.जो कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी की ताकत का तिहाई है.
इसका मतलब है कि वे या तो पार्टी छोड़ सकते हैं और एक और राजनीतिक दल बना सकते हैं या राज्य विधानसभा से अयोग्य घोषित किए बिना दूसरे के साथ विलय कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस भेजा है. अयोग्यता की सुनवाई के लिए विधायकों को सोमवार को मुंबई में मौजूद रहना है.
विशेष रूप से, ज़िरवाल ने पहले अजय चौधरी की शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी, शिंदे की जगह, जिन्होंने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया था.
ज़िरवाल ने शिवसेना के बागी विधायक भरत गोगावाले को सुनील प्रभु के स्थान पर विधायक दल का मुख्य सचेतक नियुक्त करने के शिंदे खेमे के सुझाव को भी ठुकरा दिया.
दिलचस्प बात यह है कि शिंदे गुट ने अपने समूह का नाम ‘शिवसेना बालासाहेब’ रखा.
बाल ठाकरे के नाम का इस्तेमाल
शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शनिवार को एक प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि कोई अन्य राजनीतिक संगठन उसके या उसके संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता है.
इससे पहले शनिवार को, बागी विधायक चिमनराव पाटिल ने शनिवार को शिवसेना के अपने ‘पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी’ दलों, कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से ‘स्वाभाविक गठबंधन’ जोड़ने करने का आग्रह किया था.
बागी विधायकों को सुरक्षा
केंद्र सरकार ने शिवसेना के 15 बागी विधायकों को ‘Y+’ श्रेणी के सशस्त्र केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) सुरक्षा कवच प्रदान किया है. वहीं महाराष्ट्र शिवसेना के कार्यकर्ताओं में भी दो गुट बनते दिख रहे हैं.
एक तरफ जहां उद्धव ठाकरे के गुट के कार्यकर्ता बागी विधायकों का विरोध कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ शिंदे की तरफ के कार्यकर्ता उद्धव ठाकरे के पोस्टरों पर पेंट कर रहे हैं. एकनाथ शिंदे खेमे के समर्थकों ने ठाणे में उद्धव ठाकरे के समर्थन में लगाए गए पोस्टरों पर पेंट लगाया.
शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई में सामना कार्यालय के बाहर शिवसेना के बागी विधायकों के विरोध में बाइक रैली की
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