नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीसरे दिन की पूछताछ खत्म हो गई है. जानकारी के मुताबिक आगे सोनिया को पूछताछ के लिए ईडी के ऑफिस नहीं जाना होगा.
ईडी द्वारा पूछताछ और संसद से सस्पेंशन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सांसदों और नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था और उन्हें किंग्सवे कैंप में रखा गया था. फिलहाल उन्हें पुलिस ने रिहा कर दिया है.
हिरासत के दौरान कांग्रेस संसदीय दल ने एक अनौपचारिक बैठक की जिसमें कई मुद्दो पर चर्चा की गई.
#WATCH | Congress MPs and leaders discussing the price rise, Agnipath, GST on food items, national security, the falling rupee and future course of action during the informal Congress Parliamentary Party meeting at Police detention centre, Kingsway Camp, Delhi
(Source: AICC) pic.twitter.com/Ph1eBpcNsZ
— ANI (@ANI) July 27, 2022
जानकारी के मुताबिक किंग्सवे कैंप में दिल्ली पुलिस डिटेंशन सेंटर के अंदर बैठक के दौरान मूल्य वृद्धि, अग्निपथ, खाद्य पदार्थों पर जीएसटी, राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई थी.
जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस द्वारा विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक विरोध मार्च निकाले जाने के दौरान पुलिस ने कांग्रेस सांसदों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था.
कांग्रेस कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के दौरान कांग्रेस सांसद के. सी. वेणुगोपाल ने कहा कि 23-24 सांसदों को संसद में निष्कासित कर दिया गया और हमें सड़क पर प्रदर्शन करने नहीं दिया जा रहा.
उन्होंने आगे कहा कि यहां पर पुलिसिया राज चलाया जा रहा है. कल इन्होंने हमें रोका था आज भी रोक रहे हैं लेकिन हम इसके खिलाफ लड़ते रहेंगे.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि महंगाई पर चर्चा की मांग करने वालों को सस्पेंड किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने सरकार पर ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, ‘आज जो दोनों सदनों से 23 सांसदों को निलंबित किया गया है उन्हें इस आदेश को वापस लेना चाहिए. जो लोग महंगाई पर चर्चा की मांग कर रहे हैं उन्हें सस्पेंड कर आवाज बंद करने का काम ठीक नहीं है. इसके लिए हम लड़ेंगे.’
खड़गे ने आगे कहा कि हम अपनी ये भी बात रखने की कोशिश करेंगे की जो ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है उसके बारे में भी हम बताएंगे.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि देश के अंदर ईडी का आतंक है और इस पर जल्द फैसला होना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘पहले राहुल गांधी को बुलाया गया. 5 दिन तक लगातार पूछताछ की गई अब सोनिया गांधी को बुलाया गया. देश के अंदर जो ईडी का आतंक है इसका फैसला जल्द होना चाहिए. हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जल्द फैसला करे.’
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‘चोरी और सीनाजोरी’
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर तंज करते हुए कहा है कि एक परिवार खुद को कानून से ऊपर समझता है.
नड्डा ने कहा, ‘कांग्रेस जो विषय उठा रहे हैं वह न ही देश के लिए है और न ही पार्टी के लिए बल्कि ये परिवार को बचाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है उस घोटाले के बारे में एजेंसी को जवाब देना ये उनकी आवश्यकता है यही उन्हें करना चाहिए.’
उन्होंने आगे कहा, ‘ये परिवार अपने आपको देश और कानून से ऊपर समझता है इसलिए इनसे कोई जवाब मांगे तो इन्हें ये पसंद नहीं है और सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए और ईडी के अधिकार क्षेत्र को बरकरार रखा है. कानून अपना काम कर रहा है. कांग्रेस को नियम के अनुसार चलना चाहिए.’
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘चोरी भी और सीनाजोरी भी ये कांग्रेस से सीखनी चाहिए. भ्रष्टाचार भी और बवाल भी, आखिरकार डर किस बात का? अगर भ्रष्टाचार किया है तो जांच एजेंसियों का सामना भी करें. कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के पास कोई काम नहीं बचा है.’
उधर, केंद्रीय मंत्री कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके पास कोई एजेंडा नहीं है.
रिजिजू ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी और उनके कुछ गठबंधन साथियों के पास कोई एजेंडा नहीं है, इसलिए वे संसद में कुछ ऐसे मुद्दों को उठाने की कोशिश करते हैं जो अशांति और व्यवधान पैदा करते हैं और सदन के कामकाज को रोकने की कोशिश करते हैं.’
उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दे दिया है जो सरकार के रुख या अधिनियम के प्रावधानों को मान्य करता है तो मुझे अब कोई टिप्पणी नहीं करना चाहिए क्योंकि अब सब कुछ स्पष्ट हो गया है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उन याचिकाओं को खारिज कर दिया जिनमें प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों को संवैधानिक चुनौती दी गई थी. इसके साथ ही अदालत ने पीएमएलए के तहत एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) को गिरफ्तारी, कुर्की, तलाशी और जब्द करने के अधिकार को बरकरार रखा है.
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