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Thursday, 25 April, 2024
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EC ने ममता बनर्जी के प्रचार पर 24 घंटे के लिए लगाई रोक, सीएम बोलीं- ‘धरना दूंगी’

चुनाव आयोग ने 12 अप्रैल रात 8 बजे से 13 अप्रैल रात 8 बजे तक 24 घंटे की अवधि के लिए ममता बनर्जी के प्रचार करने पर प्रतिबंध भी लगा दिया है.

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नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के केंद्रीय बलों के खिलाफ बयानों और कथित धार्मिक प्रवृत्ति वाले एक बयान के लिए उनके 24 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है.

चुनाव प्रचार पर रोक लगाए जाने के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह कल दोपहर 12 बजे धरना देंगी. ममता बनर्जी ने कहा, ‘निर्वाचन आयोग के अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक निर्णय के विरोध में, मैं कल दोपहर 12 बजे कोलकाता के गांधी मूर्ति में धरने पर बैठूगीं.’

निर्वाचन आयोग के आदेश के अनुसार, ‘आयोग पूरे राज्य में कानून व्यवस्था की गंभीर समस्याएं पैदा कर सकने वाले ऐसे बयानों की निंदा करता है और ममता बनर्जी को सख्त चेतावनी देते हुए सलाह देता है कि आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के दौरान सार्वजनिक अभिव्यक्तियों के दौरान ऐसे बयानों का उपयोग करने से बचें.’

आदेश में कहा गया, ‘आयोग 12 अप्रैल रात 8 बजे से 13 अप्रैल रात 8 बजे तक 24 घंटे की अवधि के लिए ममता बनर्जी के प्रचार करने पर प्रतिबंध भी लगाता है.’

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ममता बनर्जी के प्रचार पर लगाए गई रोक पर तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘हमारे लोकतंत्र के लिए ‘काला दिवस’, चुनाव आयोग अत्यधिक प्रभावित दिख रहा है.

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की शुरुआत 27 मार्च को पहले चरण के मतदान के साथ हुई थी. राज्य में आठ चरणों में मतदान की प्रक्रिया पूरी होगी.


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ममता ने निर्वाचन आयोग को दिया जवाब, नियम उल्लंघन की बात नकारी

इससे पहले केंद्रीय सशस्त्र बलों को लेकर की गई अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए ममता बनर्जी ने निर्वाचन आयोग को शनिवार को बताया कि वह केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) का काफी सम्मान करती हैं लेकिन बलों पर मतदाताओं को डराने और एक खास दल के पक्ष में मतदान के लिये मतदाताओं को प्रभावित करने के गंभीर आरोप हैं.

आयोग ने बृहस्पतिवार को नोटिस जारी कर ममता से राज्य में चुनावी ड्यूटी पर तैनात केंद्रीय बलों के खिलाफ उनके द्वारा दिये गए ‘प्रथम दृष्टया पूरी तरह गलत, भड़काऊ और असंयमित बयानों’ पर स्पष्टीकरण मांगा था. इस नोटिस के जवाब में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने आरोपों का खंडन किया था.

बनर्जी ने चुनावी निगरानीकर्ता से अपना नोटिस रद्द करने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि उन्होंने आदर्श आचार संहिता या भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन नहीं किया है.

उन्होंने दावा किया कि एक लड़की के साथ कथित तौर पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक कर्मी द्वारा ताराकेश्वर पुलिस थाना क्षेत्र के रामनगर में छह अप्रैल को छेड़छाड़ की गई थी और पुलिस से मामले की शिकायत की गई जिसके बाद एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस ने इस बारे में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की थी. उन्होंने कहा कि अब तक कोई मूर्त कार्रवाई नहीं हुई न ही निर्वाचन आयोग द्वारा केंद्रीय बलों को इस संदर्भ में कोई परामर्श या निर्देश जारी किया गया.

उन्होंने अपने जवाब में कहा, ‘केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिये मेरे मन में बहुत सम्मान है और देश की रक्षा व सुरक्षा में उनके योगदान की सराहना व प्रशंसा करती हूं.

माना जा रहा है कि बनर्जी ने अपने जवाब में आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में शुरुआती तीन चरणों के चुनाव के दौरान सीएपीएफ द्वारा बल का इस्तेमाल कर मतदाताओं को डराए जाने व एक दल विशेष के पक्ष में मतदान के लिये मतदाताओं को प्रभावित करने के संदर्भ में गंभीर आरोप सामने आए हैं.


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