नई दिल्ली: पार्टी में नेतृत्व की खींचतान के बीच ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) नेता ओ पनीरसेल्वम को झटका लगा है मद्रास हाई कोर्ट ने सोमवार को भविष्य का फैसला करने के लिए पार्टी समन्वयक ई पलानीस्वामी द्वारा बुलाई गई एआईएडीएमके की आम परिषद की बैठक को अनुमति दे दी. इस बैठक में पार्टी की नेतृत्व और इसकी संरचना को लेकर चर्चा की गई.
सोमवार की बैठक में पलानीस्वामी को महासचिव के पद पर पद्दोन्नत किया गया. इस दौरान कॉर्डीनेटर और जॉइंट कॉर्डीनेटर पोस्ट के साथ ही दोहरे नेतृत्व को भी खत्म कर दिया गया है.
बैठक में पेरियार, एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) और जे जयललिता के लिए भारत रत्न की मांग वाले प्रस्ताव को भी पास किया गया है.
हाई कोर्ट ने ओ पनीरसेल्वम की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें अंतरिम महासचिव के पद को पुनर्जीवित करने और जॉइंट कोर्डीनेटर के रूप में कोर्डीनेटर्स के पदों को खत्म करने का प्रस्ताव दिया था.
सुबह 9:15 बजे शुरू होने वाली बैठक से ठीक पहले 9 बजे हाई कोर्ट ने अपना आदेश सुनाया. 2016 में जयललिता के निधन के बाद, पार्टी पलानीस्वामी के साथ को-कोर्डीनेटर और पनीरसेल्वम कोर्डीनेटर के रूप में दोहरे नेतृत्व के फार्मूले का पालन कर रही हैं. इस साल 14 जून को जिला सचिव की बैठक के बाद से पार्टी में नेतृत्व को लेकर विवाद तेज हो गया था.
इस बीच अदालत के फैसले से पहले पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम के समर्थक चेन्नई की सड़कों पर भिड़ गए. झड़प के दौरान कुछ लोगों के घायल होने की खबरें सामने आ रही हैं.
पनीरसेल्वम समर्थकों ने चेन्नई के रोयापेट्टा में एआईएडीएमके के मुख्यालय के बाहर पलानीस्वामी के नेतृत्व में आम परिषद की बैठक के दौरान विरोध प्रदर्शन भी किया.
इस दौरान पनीरसेल्वम के समर्थक कार्यालय का दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हो गए.
#WATCH Chennai, TN: O Paneerselvam supporters break open the door of AIADMK office, ahead of party's general council meeting being led by E Palaniswami pic.twitter.com/A5wNwpHPgk
— ANI (@ANI) July 11, 2022
पनीरसेल्वम के मुकाबले पलानीस्वामी को पार्टी के भीतर ज्यादा बड़ी संख्या में पार्टी विधायकों और जिला सचिवों का समर्थन मिला हुआ है.
वहीं, पलानीस्वामी जनरल काउंसिल की बैठक के लिए चेन्नई के बाहरी इलाके वननगरम में पार्टी कार्यालय पहुंचे. ‘एकल नेता के रूप में ईपीएस’ जैसे नारों के बीच समर्थक पलानीस्वामी का स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में जमा हुए.
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असफल बैठकें
गौरतलब है कि एआईएडीएमके प्रेसीडियम के अध्यक्ष तमिल मगन हुसैन ने 23 जून को घोषणा की कि उन्होंने 11 जुलाई को सुबह 9.15 बजे पार्टी की अगली आम परिषद की बैठक (23 जून को हुई एक के बाद) आयोजित करने का फैसला किया था.
इससे पहले रविवार को अन्नाद्रमुक के पलानीस्वामी के खेमे ने तमिलनाडु में एक अहम बैठक की थी.
सामान्य समिति के सदस्यों के सभी 23 प्रस्तावों को खारिज कर दिए जाने के बाद पनीरसेल्वम के समर्थकों ने – जो पार्टी में दोहरे नेतृत्व का प्रारूप जारी रखना चाहते थे – बैठक से वॉकआउट किया था.
पार्टी के उप समन्वयक केपी मुनुसामी ने कहा था, ‘सभी सदस्यों ने 23 प्रस्तावों को खारिज कर दिया और सामान्य समिति के सदस्यों की एकमात्र मांग एकल नेतृत्व पर है. जब अगली आम समिति की बैठक बुलाई जाएगी तो एकल नेतृत्व के प्रस्तावों के साथ इन सभी को अपनाया जाएगा.’
उन्होंने आगे बताया था कि जब भी अगली आम परिषद की बैठक होगी, सभी 23 प्रस्तावों और एकल नेतृत्व प्रस्ताव को पारित किया जाएगा.
23 जून की इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी, पूर्व उप मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम और पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद थे.
पलानीस्वामी की नजर पार्टी में एकल नेतृत्व पर है और उनका खेमा 23 जून की बैठक के दौरान इससे जुड़े प्रस्ताव को पारित करने पर जोर दे रहा था. जबकि पनीरसेल्वम ने दावा किया कि आम सभा पार्टी के उपनियम के अनुसार उनके हस्ताक्षर के बिना प्रस्ताव पारित नहीं किया जा सकता है.
दोनों गुटों ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कई दौर की बातचीत की लेकिन असफल रहे.
पलानीस्वामी ने पनीरसेल्वम को एक पत्र भी लिखा था जिसमें पार्टी में एक ‘भ्रमित स्थिति’ का हवाला देते हुए आम सभा की बैठक को स्थगित करने की मांग की गई थी. इसे पार्टी के सह-समन्वयक ने अस्वीकार कर दिया था.
इस सारे घटनाक्रम के बीच लंबे समय से पनीरसेल्वम के समर्थक भी पलानीस्वामी खेमे में शामिल हो गए थे.
मंगलवार को तिरुवल्लूर के जिला सचिव अलेक्जेंडर और पुडुचेरी के राज्य सचिव अंबालागन ने पलानीस्वामी को भी अपना समर्थन दे दिया.
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