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Thursday, 6 February, 2025
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जयशंकर ने राज्यसभा में बताया निर्वासन ‘कोई नई बात नहीं’, USA ने 2009 से 16,000 भारतीयों को भेजा

राज्य सभा में दिए गए बयान में जयशंकर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अवैध प्रवासी उद्योग पर नकेल कसने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे जुड़ी गतिविधियां भी ‘अवैध प्रकृति’ की हैं.

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नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि 2009 से अब तक लगभग 16,000 भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया गया है, क्योंकि वे अवैध रूप से उत्तरी अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली अमेरिकी अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए संपर्क कर रही है कि निर्वासित किए गए भारतीयों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न हो.

बुधवार को अमृतसर में उतरी निर्वासन उड़ान पर राज्यसभा में बयान देते हुए, जयशंकर ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया नई नहीं है, बल्कि “कई वर्षों से जारी” है.

उन्होंने कहा कि 2012 से अमेरिकी अधिकारियों द्वारा निर्वासितों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़ना उनकी मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का हिस्सा रहा है.

राज्यसभा में विदेश मंत्री द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 2009 से अब तक कुल 15,903 भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा गया है, जिसमें बुधवार को अमृतसर पहुंचे 104 लोग भी शामिल हैं.

जयशंकर ने कहा, “…यह हमारे सामूहिक हित में है कि कानूनी आव्रजन (इमीग्रेशन) को बढ़ावा दिया जाए और अवैध प्रवास को हतोत्साहित किया जाए. वास्तव में, अवैध प्रवास और इमीग्रेशन अन्य कई गैरकानूनी गतिविधियों से भी जुड़ा होता है. साथ ही, जो नागरिक अवैध रूप से जाने के लिए प्रेरित होते हैं, वे अन्य अपराधों के भी शिकार बन जाते हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “यह प्रत्येक देश का दायित्व है कि वह अपने नागरिकों को वापस ले, अगर वे विदेश में अवैध रूप से पाए जाते हैं. यह स्वाभाविक रूप से उनकी राष्ट्रीयता के स्पष्ट सत्यापन के अधीन होता है. यह नीति किसी विशेष देश के लिए नहीं है और न ही केवल भारत ही इसका पालन करता है.”

अमृतसर पहुंचे निर्वासित भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियों में बांधे जाने की खबरों के कारण इस मुद्दे पर विवाद उत्पन्न हो गया.

इस उड़ान में कुल 104 भारतीय शामिल थे, जिनमें से अधिकांश पंजाब, हरियाणा और गुजरात के रहने वाले थे.

Infographic: Shruti Naithani | ThePrint
इन्फोग्राफ़िक: श्रुति नैथानी | दिप्रिंट

भारत में इस निर्वासन उड़ान और उससे जुड़े विवाद ऐसे समय में सामने आए हैं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगले सप्ताह व्हाइट हाउस जाने की संभावना है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की घरेलू नीति का प्रमुख आधार अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालना है.

अमेरिका में भारतीयों द्वारा अवैध प्रवासन का मुद्दा पिछले सप्ताह दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत में भी उठाया गया था. भारत ने हमेशा यह रुख अपनाया है कि वह अमेरिका द्वारा किए गए किसी भी प्रत्यावर्तन (रिपैट्रिएशन) प्रयास का स्वागत करेगा, बशर्ते कि व्यक्तियों की भारतीय नागरिकता की स्पष्ट रूप से पुष्टि हो.

राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “हमारा ध्यान अवैध प्रवासन उद्योग पर कड़ी कार्रवाई और मजबूत नियंत्रण पर होना चाहिए, जबकि वैध यात्रियों के लिए वीज़ा प्रक्रिया को सुगम बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए. जो प्रवासी भारत लौटे हैं, उनकी बताई गई जानकारी के आधार पर पुलिस और जांच एजेंसियां एजेंटों और अन्य दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगी.”

पिछले साल अक्टूबर में, अमेरिका से एक और चार्टर्ड उड़ान के जरिए 100 से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया था, जो अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश कर चुके थे. हाल के वर्षों में, अमेरिका से भारत लौटाए जाने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ गई है, क्योंकि अमेरिकी एजेंसियों (यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन) द्वारा पकड़े गए मामलों में इजाफा हुआ है.

1 अक्टूबर 2023 से 30 सितंबर 2024 के बीच, अमेरिकी सीमा अधिकारियों ने 90,415 भारतीयों को पकड़ा, जो बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे. इनमें से लगभग 25,616 ने मैक्सिको सीमा के रास्ते और 43,764 ने कनाडा सीमा के जरिए अवैध रूप से प्रवेश करने का प्रयास किया. बाकी वे लोग हो सकते हैं, जो वैध यात्रा दस्तावेजों के साथ अमेरिका पहुंचे थे लेकिन निर्धारित समय से अधिक समय तक वहां रुके रहे.

2023 में, अमेरिकी सीमा अधिकारियों ने 96,917 भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश करते हुए हिरासत में लिया था. हाल के वर्षों में, अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने का प्रयास करने वालों में भारतीय सबसे बड़े समूहों में से एक बन गए हैं.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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