इंदौर: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी और जीएसटी के निर्णय को आर्थिक अराजकता पैदा करने वाला फैसला करार दिया. डॉ. सिंह ने बुधवार को यहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी और जीसएटी के नासमझ और बेतुके फैसलों तथा ‘सरकार प्रायोजित कर आतंकवाद’ ने संगठित व असंगठित क्षेत्रों पर कड़ा प्रहार किया है. छोटे, मझोले और लघु उद्योग नोटबंदी और जीएसटी की दोहरी मार से बंद होने की कगार पर हैं.’
मनमोहन ने आगे कहा, ‘मोदी सरकार नोटबंदी को सही साबित करने के लिए हर रोज एक झूठी कहानी गढ़ने में व्यस्त है. लेकिन सच्चाई और वास्तविकता यह है कि नोटबंदी मोदी सरकार द्वारा लागू की गई एक भयावह और ऐतिहासिक भूल साबित हुई है. नोटबंदी का कोई भी उद्देश्य पूरा नहीं हुआ, न तो तीन लाख करोड़ रुपये का कालाधन पकड़ा गया, जिसका दावा मोदी सरकार ने 10 नवंबर, 2016 को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष किया था. साथ ही नकली नोट पर लगाम नहीं लगी. आतंकवाद और नक्सलवाद को रोकने के दावे खोखले साबित हुए हैं.’
पूर्व प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘नोटबंदी छोटे, मझोले और लघु उद्योग, व्यवसाय, किसानों और गृहणियों की जीवन भर की बचत पर एक सोचा-समझा हमला था. अनेकों खुलासों ने यह साफ कर दिया है कि नोटबंदी किस प्रकार रातों-रात कालेधन को सफेद करने की संदेहपूर्ण योजना थी. इसने बैंकों की लाइनों में खड़े 120 साधारण लोगों की जान ले ली. इसके साथ ही मोदी सरकार की सरपरस्ती में पुराने नोटों को नए नोटों में बदलने का एक समानांतर धंधा चलता रहा.’
मनमोहन ने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्त मंत्रालय बीच काफी नाजुक रिश्ते होते हैं, और दोनों को मिलकर काम करना होता है. दोनों की अलग-अलग जिम्मेदारियां हैं, लिहाजा दोनों की पहचान के साथ दोनों के बीच सद्भावना बने रहना भी आवश्यक है.’
डॉ. सिंह से पूछा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक क्षेत्र में नोटबंदी और जीएसटी के दो बड़े फैसले लिए हैं और वह हर सभा में कांग्रेस सरकार और आपके निर्णयों को चुनौती देते हैं. इस पर उन्होंने कहा, ‘वह मोदी जी की चुनौती का संवाददाता सम्मेलन में जवाब नहीं देंगे, इस देश की जनता वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजों के जरिए उन्हें जवाब देगी.’
उन्होंने कहा, ‘मोदी ने वर्ष 2014 के चुनाव में युवाओं को हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का जो वादा किया था, वह झूठा साबित हुआ.’
कांग्रेस के कम होते जनाधार को लेकर पूछे गए सवाल पर डॉ. सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस यह महसूस कर रही है और समस्याओं का सामना भी कर रही है, क्योंकि वर्ष 2014 के चुनाव के समय यह भ्रम फैलाया गया कि संप्रग सरकार के काल में कथित तौर पर भ्रष्टाचार हुआ. वहीं मोदी ने वर्ष 2014 चुनाव में बड़े-बड़े वादे किए थे, जो अब खोखले साबित हो रहे हैं. दूसरी तरफ मोदी सरकार ने उन्हीं योजनाओं को आगे बढ़ाया, जिन्हें संप्रग सरकार ने शुरू की थी. बस उनमें उन्होंने कुछ लीपा-पोती जरूर की.