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Monday, 23 December, 2024
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दिल्ली के अस्पतालों में हो सकेगा बाहरी लोगों का इलाज, उपराज्यपाल ने केजरीवाल सरकार का फैसला पलटा

केजरीवाल ने कहा था, ‘90 प्रतिशत से अधिक लोग चाहते हैं कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान दिल्ली के अस्पताल केवल राष्ट्रीय राजधानी से ताल्लुक रखने वाले मरीजों का उपचार करें.

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नई दिल्ली:  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कैबिनेट का दिल्ली के अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए सिर्फ दिल्लीवासियों के फैसले को उप-राज्यपाल ने पलट दिया है. अब दिल्ली के अस्पतालों में बाहर से आए लोगों का इलाज हो सकेगा.

इस फैसले के बाद सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘एलजी साहिब के आदेश ने दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या और चुनौती पैदा कर दी है. देशभर से आने वाले लोगों के लिए कोरोना महामारी के दौरान इलाज का इंतज़ाम करना बड़ी चुनौती है. शायद भगवान की मर्ज़ी है कि हम पूरे देश के लोगों की सेवा करें. हम सबके इलाज का इंतज़ाम करने की कोशिश करेंगे.’

रविवार को दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामले को देखते हुए फैसला लिया था कि दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का ही कोरोना का इलाज किया जाएगा. दिल्ली सरकार के इस फैसले की काफी आलोचना भी हो रही थी.

उपराज्यपाल ने  अधिकारियों से कहा है,’ दिल्ली के निवासी नहीं होने के आधार पर किसी भी रोगी का इलाज से इनकार नहीं किया जाएगा यह सुनिश्चित किया जाए.’ बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल डीडीएमए  के भी अध्यक्ष हैं.

इसके साथ ही राज्यपाल ने सिर्फ लक्षण वाले मरीजों के लिए कोरोना जांच के राज्य सरकार के फैसने को भी पलटते हुए कहा, ‘बिना लक्षण वालों की भी जांच करायी जाए.’

आपदा प्रबंधन की मीटिंग में होंगे सिसोदिया

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 सामुदायिक स्तर पर फैला है या नहीं इसकी समीक्षा करने के लिए मंगलवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक होगी.

सिसोदिया ने ऑनलाइन माध्यम से मीडिया को बताया कि यदि दिल्ली में सामुदायिक स्तर पर विषाणु का प्रसार हो रहा है तो आम आदमी पार्टी सरकार को स्थिति से निपटने के लिए उसी के अनुसार रणनीति में बदलाव करना होगा.

डीडीएमए के उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिसोदिया को अपने प्रतिनिधि के तौर पर बैठक में शामिल होने को कहा है.

इस बीच सोमवार सुबह खबर आई कि अरविंद केजरीवाल गले में खराश और हल्के बुखार के बाद खुद आइसोलेशन में चले गए हैं कल उनका कोरोना टेस्ट होना है.

सिसोदिया ने कहा, ‘मंगलवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अहम बैठक होगी. इसमें विशेषज्ञ भी शामिल होंगे. यदि कल की बैठक में सामुदायिक स्तर पर विषाणु के प्रसार की पुष्टि होती है तो हमें अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी.’


यह भी पढ़ें: कोविड महामारी तक दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली वालों का इलाज, सोमवार से खोले जाएंगे बॉर्डर: केजरीवाल


अपना बयान वापस लें केजरीवाल – केशव मौर्य

दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में सिर्फ शहर के निवासियों का इलाज होना चाहिए, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इस हालिया घोषणा को लेकर उनकी आलोचना करते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को कहा कि केजरीवाल को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.

मौर्य ने सोमवार को कहा, ‘बात जहां तक चिकित्सा सुविधाएं देने की है, उसमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. ऐसा तो ‘रावण राज’ में भी नहीं हुआ. मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि आखिर अरविंद केजरीवाल ने ऐसा बयान कैसे दिया? उन्हें तुरंत अपना बयान वापस लेना चाहिए क्योंकि चिकित्सा पाना देश के प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है. यहां यह मायने नहीं रखता कि वह कहां रहता है और उसका इलाज कहां हो रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘यह आपदा का समय है और इस समय इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि वह अपना बयान वापस लेंगे और इसके लिए माफी मांगेंगे. दिल्ली देश का दिल है और चूंकि यह राष्ट्रीय राजधानी है इसलिये लोग यहां आते रहेंगे.’

मौर्य ने दावा किया कि आज से पहले या किसी राज्य सरकार ने कभी ऐसा व्यवहार नहीं किया होगा.

गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की थी कि कोरोना संक्रमण महामारी के दौरान दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पताल केवल दिल्ली के लोगों का इलाज करेंगे.

केजरीवाल ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों के लिए इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होगा और यदि दूसरे राज्यों के लोग कुछ विशिष्ट ऑपरेशनों के लिए दिल्ली आते हैं तो उन्हें निजी अस्पतालों में उपचार कराना होगा.

मुख्यमंत्री की इस घोषणा से एक दिन पहले आप सरकार द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति ने सिफारिश की थी कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर शहर के स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल केवल दिल्लीवालों के उपचार के लिए होना चाहिए.

केजरीवाल ने कहा था, ‘90 प्रतिशत से अधिक लोग चाहते हैं कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान दिल्ली के अस्पताल केवल राष्ट्रीय राजधानी से ताल्लुक रखने वाले मरीजों का उपचार करें. इसलिए यह निर्णय किया गया है कि दिल्ली स्थित सरकारी और निजी अस्पताल केवल राष्ट्रीय राजधानी से ताल्लुक रखने वाले लोगों का ही इलाज करेंगे.’

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