नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन और उनकी पत्नी और चार फर्मों सहित आठ अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट (आरोपपत्र) पर शुक्रवार को संज्ञान लिया.
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने शुक्रवार को अभियोजन पक्ष की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए चार कंपनियों समेत उन सभी आरोपियों को भी तलब किया जो हिरासत में नहीं थे और मामले की सुनवाई छह अगस्त को तय की थी.
सत्येंद्र जैन वहां मौजूद थे, जबकि अंकुश और वैभव जैन को न्यायिक हिरासत से पेश किया गया था.
सुनवाई के दौरान, अदालत ने आरोपी कंपनियों के साथ जैन के नाम का गलत उल्लेख करने के लिए ईडी के आरोप पत्र पर भी आपत्ति जताई, यह देखते हुए कि वह न तो निदेशक थे और न ही उनसे जुड़े थे. अदालत ने चार्जशीट में फोटो कॉपी देने के लिए संघीय एजेंसी को भी फटकार लगाई.
उस पर एएसजी एसवी राजू ईडी की ओर से पेश हुए और अदालत से कहा कि वह आरोपी का संशोधित ज्ञापन दाखिल करेंगे.
अदालत ने आरोपपत्र में आरोपी के रूप में नामित दो आरोपियों अजीत कुमार जैन और सुनील कुमार जैन को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दे दी और उनके वकीलों को अगली तारीख पर नियमित जमानत दाखिल करने को कहा है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य को नामजद करते हुए अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दायर की.
ईडी अभियोजन की शिकायत में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, अजीत प्रसाद जैन और सुनील जैन सहित चार निजी फर्मों को आरोपी बनाया गया है, अभियोजन पक्ष की शिकायत में उपर्युक्त आरोपियों पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धाराओं के तहत उल्लंघन का आरोप है.
ईडी ने 6 जून को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में विभिन्न स्थानों पर किए गए अपने दिन भर के छापे के दौरान सत्येंद्र जैन के सहयोगियों से 2.85 करोड़ नकद और 1.80 किलोग्राम वजन वाले 133 सोने के सिक्के जब्त करने का दावा किया था. एजेंसी ने इन छापों के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड भी जब्त किए थे.
सीबीआई ने 3 दिसंबर 2018 को सत्येंद्र कुमार जैन, पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ चार्जशीट दायर की.
चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी से 31 मई 2017 की अवधि के दौरान दिल्ली सरकार में एक मंत्री के रूप में पद धारण करते हुए, संपत्ति अर्जित की थी जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक थी.
सीबीआई ने सत्येंद्र कुमार जैन और अन्य पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत अपराध करने का आरोप लगाया है.
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