नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल ने एक नोटिस जारी कर पांच पत्रकारों को दिल्ली विधानसभा में पेश होने को कहा है. इन पांचों पत्रकारों को 20 जुलाई को विधानसभा में पेश होना है. मामला 3 मई को प्रकाशित एक ख़बर से जुड़ा है जिसमें पत्रकारों ने आम आदमी पार्टी (आप) के दो विधायकों के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने से जुड़ी थी.
आप के दो विधायक कर्नल देवेंद्र सहरावत और अनिल बाजपेई के भाजपा में शामिल होने से जुड़ी ये ख़बर मई महीने में प्रकाशित हुई थी. दोनों विधायकों ने इस खबर का सिरे से खंडन किया वहीं दोनों ने विधानसभा अध्यक्ष को शपथ पत्र देकर आप विधायक होने का दावा किया है.
भाजपा में विधायकों के शामिल होने की ख़बरों को झूठा बताया गया है और इसी वजह से उन पांच अख़बारों के संवाददाताओं की पेशी होनी है. जिन्होंने अपने-अपने अखबारों में यह ख़बर छापी थी. इस मामले पर आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने हाल ही में कहा, ‘लोकसभा चुनाव के पहले 3 और 6 मई को भाजपा कार्यालय में हुई अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस में आप के दो विधायक अनिल बाजपेयी और कर्नल देवेंद्र सहरावत आप को छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे.’
सौरभ भारद्वाज इसी रिपोर्ट का हवाला देकर दोनों विधायकों के दल बदलने की शिकायत विधानसभा अध्यक्ष से की गई है, जिसकी जांच जारी है. भारद्वाज की शिकायत के जवाब में इन दोनों ही नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष को शपथ पत्र देकर अपने को ‘आप’ का विधायक बताया है. साथ ही दलील दी है कि समाचार पत्रों और टीवी न्यूज़ चैनलों में चली ख़बरें झूठी और भ्रामक हैं.
आप प्रवक्ता भारद्वाज ने दोनों ही विधायकों के भाजपा में शामिल होने की ख़बरों को सबूत के तौर पर पेश किया. इसमें दोनों ही विधायक आप छोड़ कर भाजपा में शामिल होने की साफ़ वजह भी बताते दिखाए दे रहे हैं. भारद्वाज ने कहा, ‘मोदी-मोदी की जाप करने वाले ये दोनों ही विधायक अब पलटी मारकर फिर से आप के विधायक बनने में लगे हुए हैं. लेकिन अब ये नहीं हो पायेगा.’
जिन मीडिया संस्थानों के पत्रकारों को बुलाया गया है उनमें इंडियन एक्सप्रेस, दि हिंदू, हिंदुस्तान टाइम्स, द टाइम्स ऑफ इंडिया और नवभारत टाइम्स के नाम शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘भाजपा बताए कि ये दोनों विधायक उनकी पार्टी में हैं या नहीं. अब ये दोनों विधायक और इनके लिए भाजपा के वक़ील, समाचार पत्रों सहित न्यूज़ चैनलों को झूठा साबित करने पर भी आमादा हैं.’ विधायकों के वकीलों का तर्क है कि छपी ख़बरों के लिए पत्रकार और समाचार पत्र ज़िम्मेदार हैं.
जो शपथपत्र दिए गए हैं उनमें कहा गया है कि दोनों विधायकों के बारे में ग़लत लिखा और दिखाया गया है, जिसमें कोई सच्चाई नहीं है. आप का आरोप है कि दोनों विधायक और उनके भाजपाई वकील झूठ को सच साबित करने के चक्कर में मीडिया की विश्वसनीयता भी ख़तरे में डाल रहे हैं.