नई दिल्ली: यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच केरल भाजपा अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने शुक्रवार को यूसीसी पर अपने रुख के लिए केरल के सीएम पिनाराई विजयन की आलोचना की.
सुरेंद्रन ने दावा किया कि सीपीआई (एम) एक मुस्लिम पार्टी बन गई है क्योंकि केरल के मुख्यमंत्री यूसीसी का विरोध किया था. उन्होंने कहा, “सीपीआई (एम) एक मुस्लिम पार्टी बन गई है. इसका ताजा उदाहरण यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ पिनाराई विजयन का रुख है.”
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि केरल के मुख्यमंत्री का लक्ष्य मुसलमानों का ध्रुवीकरण करना है.
केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “पिनाराई विजयन का लक्ष्य मुसलमानों का ध्रुवीकरण है. कोई भी मुस्लिम माता-पिता तीन तलाक को स्वीकार नहीं करेगा. इसी तरह, कोई भी मुस्लिम माता-पिता संपत्ति के अधिकार में लड़कियों के खिलाफ भेदभाव को भी स्वीकार नहीं करेगा.”
के सुरेंद्रन ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सामाजिक समानता के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड को सपोर्ट कर रहे हैं. इससे समाज को फायदा मिलेगा.”
इससे पहले, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शुक्रवार को कहा था कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के “चुनावी एजेंडे” में है.
केरल के सीएम ने ट्वीट किया, “यूनिफॉर्म सिविल कोड के इर्द-गिर्द बहस छेड़ना संघ परिवार द्वारा सांप्रदायिक विभाजन को गहरा करने के लिए अपने बहुसंख्यकवादी एजेंडे पर दबाव डालने के लिए एक चुनावी चाल है. आइए भारत के बहुलवाद को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का विरोध करें और समुदायों के भीतर लोकतांत्रिक चर्चाओं के माध्यम से सुधारों का समर्थन करें.”
Triggering debates around Uniform Civil Code is an electoral ploy by Sangh Parivar to press their majoritarian agenda for deepening communal divide. Let's oppose any attempts to undermine India’s pluralism and support reforms through democratic discussions within communities.
— Pinarayi Vijayan (@pinarayivijayan) June 30, 2023
इससे पहले 27 जून को, यूसीसी के बारे में बोलते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश को “दो कानूनों” के साथ नहीं चलाया जा सकता है, जबकि भारत का संविधान सभी के लिए समानता की बात करता है. उन्होंने पूछा कि परिवार के अलग-अलग सदस्यों पर अलग-अलग नियम कैसे लागू हो सकते हैं.
पीएम मोदी ने कहा, “क्या एक परिवार चलेगा अगर लोगों के लिए दो अलग-अलग नियम हों? तो एक देश कैसे चलेगा? हमारा संविधान भी सभी लोगों को समान अधिकारों की गारंटी देता है.”
उसके बाद से पूरे देश में यूसीसी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया.
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