शिलांग: मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने भविष्य में अपनी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और वर्तमान सहयोगी भाजपा के बीच चुनाव पूर्व किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि एनपीपी ने लोकसभा चुनावों में अपनी हार के कारणों की पहचान कर ली है.
भाजपा का सीधा संदर्भ देने से बचते हुए संगमा ने मेघालय सचिवालय में दिप्रिंट को दिए साक्षात्कार में कहा कि एनपीपी का कुछ राजनीतिक दलों के साथ ‘गठबंधन’ और सत्ता विरोधी भावना इसकी हार के कारण हो सकते हैं.
उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए कठिन चुनाव था. हमने कई कारकों पर गौर किया है. उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में हमने सत्ता विरोधी लहर के कुछ पहलुओं पर गौर किया है. इसलिए, कई कारकों की पहचान की गई है और अब हम उनमें संशोधन करने और आगे का रास्ता खोजने की प्रक्रिया में हैं.”
संगमा ने आगे कहा कि आगे बढ़ते हुए, एनपीपी हर चुनाव अकेले लड़ेगी और जरूरत के आधार पर चुनाव के बाद गठबंधन बनाने की संभावना तलाशेगी.
उन्होंने कहा, “हमने हमेशा अपना रुख स्पष्ट रखा है कि हम अपनी विचारधाराओं के आधार पर चुनाव लड़ेंगे. इसलिए इस बात की बहुत कम संभावना है कि ऐसी कोई स्थिति बनेगी जिसमें गठबंधन हो. लेकिन हम इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट हैं कि हम गठबंधन में काम करते हैं. जब चुनाव हो जाते हैं, तो शासन की स्थिति के आधार पर हम तय करते हैं कि क्या करना है.”
मेघालय में एनपीपी के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा भाजपा ने राज्य में चुनाव लड़ने के बजाय शिलांग और तुरा से चुनाव लड़ने वाले एनपीपी के दोनों लोकसभा उम्मीदवारों का समर्थन किया था. कांग्रेस ने तुरा सीट जीती, जबकि नवगठित वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी (वीपीपी) ने शिलांग पर कब्जा किया.
मेघालय में पिछले दो विधानसभा चुनावों में केवल दो-दो सीटें जीतने वाली भाजपा संगमा के नेतृत्व वाली पिछली राज्य सरकार का भी हिस्सा थी. हालांकि, दोनों दलों की स्थानीय इकाइयों के बीच संबंध शुरू से ही असहज रहे हैं.
लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की हार के बाद, एनपीपी नेता और मेघालय के कैबिनेट मंत्री रक्कम संगमा ने हिंदुत्व पर बीजेपी के जोर देने को सीधे तौर पर दोषी ठहराया था. अपने कैबिनेट सहयोगी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, सीएम ने कहा कि पूरा दोष बीजेपी पर डालना उचित नहीं होगा.
एनपीपी अध्यक्ष ने बताया कि 2016 में, जब वह अपने पिता, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी.ए. संगमा की मृत्यु के कारण हुए उपचुनाव में तुरा से लोकसभा के लिए चुने गए थे, तो बीजेपी ने उनका खुलकर समर्थन किया था.
संगमा ने कहा, “राजनीति में हर परिस्थिति और हर तरह के कारक सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव डाल सकते हैं. इस विशेष मामले में, कुछ ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं, जहां चिंताएं थीं, लेकिन हमारे साथ जो कुछ भी हुआ, उसके लिए किसी एक राजनीतिक दल को पूरी तरह से दोषी ठहराना हमारी ओर से उचित और सही नहीं है.”
मणिपुर में, जहां एनपीपी भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में एक जूनियर पार्टनर है, दोनों दलों के बीच संबंध भी ठंडे रहे हैं. पिछले हफ्ते, एनपीपी की मणिपुर इकाई ने अगले तीन महीनों में राज्य में जातीय संघर्ष का समाधान नहीं होने पर गठबंधन से बाहर निकलने की धमकी दी थी.
दिप्रिंट से बात करते हुए संगमा, जिनकी बहन अगाथा इस बार तुरा लोकसभा सीट को बरकरार रखने में विफल रहीं, ने कहा कि केंद्र “बहुत मजबूत भूमिका निभा सकता है” और उसे मणिपुर, जहां दो समुदायों के बीच विश्वास में ‘तेजी’ से कमी आई है, में शांति बहाल करने में मदद करने वाले समाधान खोजने के लिए काम करना चाहिए.
‘मणिपुर की स्थिति बहुत जटिल है, केंद्र को आगे का रास्ता तलाशना चाहिए’
यह कहते हुए कि एनपीपी चिंतित है, संगमा ने मणिपुर की स्थिति को “बहुत जटिल” बताया, जबकि उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य के स्तर पर राजनीतिक नेतृत्व को जिम्मेदारी लेने और आगे का रास्ता तलाशने की जरूरत है.
मेघालय के सीएम, जिन्होंने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और शिलांग में भीड़भाड़ कम करने के लिए एक नई टाउनशिप विकसित करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का पैकेज मांगा था, ने कहा कि एनपीपी लगातार केंद्र से मणिपुर में स्थिति को बेहतर बनाने का आग्रह कर रही है.
“मणिपुर में बहुत अधिक विश्वास की कमी आ गई है, और कई कारकों ने पूरी स्थिति को प्रभावित किया है. विश्वास की कमी लंबे समय से, कुछ स्तरों पर रही है, लेकिन जब स्थिति सामने आई, तो यह तेजी से बढ़ी.”
उन्होंने कहा: “केंद्र एक अच्छा और सकारात्मक संदेश भेजकर इसे (शांति) संभव बनाने और सही दिशा में आगे बढ़ने में बहुत मजबूत भूमिका निभा सकता है. मैं बहुत स्पष्ट हूं कि हमें कुछ समाधान खोजने की जरूरत है और नेतृत्व के रूप में, चाहे वह हमारी पार्टी के स्तर पर हो, या राष्ट्रीय स्तर पर या राज्य स्तर पर, हमें समाधान खोजने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है.”
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