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Thursday, 26 December, 2024
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कांग्रेस के चंद्र मोहन का राजनीतिक गुमनामी का दौर खत्म, पंचकुला में BJP के ज्ञान चंद को 1900 वोटों से हराया

चंद्र मोहन को 67,397 वोट मिले, जबकि गुप्ता को 65,400 वोट मिले और आम आदमी पार्टी के प्रेम गर्ग को 3,332 वोट मिले.

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गुरुग्राम: हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार चंद्र मोहन ने बीजेपी उम्मीदवार ज्ञानचंद गुप्ता को 1997 वोटों से हराकर पंचकुला सीट जीत ली है. इसी के साथ लंबे समय से चली आ रही उनकी राजनीतिक गुमनामी का दौर खत्म हो गया है.

चंद्र मोहन को 67,397 वोट मिले, जबकि गुप्ता को 65,400 वोट मिले और आम आदमी पार्टी के प्रेम गर्ग को 3,332 वोट मिले.

निवर्तमान हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष गुप्ता इस निर्वाचन क्षेत्र के मौजूदा विधायक थे. चंद्र मोहन हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के बड़े बेटे हैं. उनके छोटे भाई कुलदीप बिश्नोई भाजपा में हैं, जबकि कुलदीप के बेटे भव्य बिश्नोई आदमपुर से भाजपा के उम्मीदवार हैं.

यह जीत चंद्र मोहन की राजनीति में वापसी का प्रतीक है, जो 2008 में उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपने करियर में आए उतार-चढ़ाव के बाद वापस लौटे हैं. यह वह समय था जब वे अनुराधा बाली उर्फ ​​फिजा से अपने ‘लव मैरिज’ को लेकर चर्चा में थे, क्योंकि उन्होंने इस्लाम धर्म अपनाकर चांद मोहम्मद नाम से विवाह किया था.

चार बार विधायक रहे चंद्र मोहन ने पहली बार 1993 में हुए उपचुनाव में कालका (पंचकुला कालका विधानसभा सीट का हिस्सा था, जब तक कि 2009 के चुनावों से पहले परिसीमन के बाद इसे अलग निर्वाचन क्षेत्र नहीं बना दिया गया) से जीत हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने 1996, 2000 और 2005 में भी इस सीट पर जीत हासिल की.

जब 2005 में भजन लाल के दावे को नज़रअंदाज़ करते हुए कांग्रेस ने भूपिंदर सिंह हुड्डा को कांग्रेस सरकार का मुखिया चुना, तो मोहन हुड्डा की सरकार में डिप्टी सीएम बनाए गए.

जब उनके पिता और छोटे भाई ने 2007 में अपनी हरियाणा जनहित पार्टी (HJC) शुरू की, तो मोहन ने कांग्रेस के साथ बने रहने का फैसला किया. हालांकि, उन्हें अपने प्रेम संबंधों के चलते 2008 में इस्तीफा देना पड़ा.

कांग्रेस ने 2009 में उन्हें टिकट देने पर विचार नहीं किया और 2014 में उन्होंने एचजेसी के टिकट पर हिसार के नलवा से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस ने उन्हें 2019 में पंचकुला से मैदान में उतारा, लेकिन वे भाजपा के गुप्ता से लगभग 5,000 वोटों के मामूली अंतर से हार गए.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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