नई दिल्ली: कांग्रेस ने भारत में चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर ‘चुप्पी’ साधने के लिए रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि देश में सक्रिय पॉलिसी रिसर्च फाउंडेशन स्पष्ट तौर पर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हैं. विपक्षी दल के ताजा हमले के पीछे असल में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बेटे निशाने पर रहे.
राजस्थान में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक प्रेस कांफ्रेंस के मौके पर पार्टी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ)—जहां जयशंकर के बेटे ध्रुव जयशंकर काम करते हैं—को भारत में चीनी दूतावास से फंडिंग मिली है.
खेड़ा ने कहा, ‘आज एक बहुत महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किया जा रहा है. फाउंडेशन की अमेरिका स्थित जिस यूनिट का नेतृत्व विदेश मंत्री के बेटे करते हैं, उसे चीनी दूतावास से एक बार, दो बार नहीं, बल्कि तीन बार फंडिंग मिली है. यह हाल ही में हुआ है. सवाल उठता है यह फंडिंग क्यों मिली? इसका क्या कारण है? क्या कारण है कि चीन के मसले पर भारत सरकार बार-बार चुप्पी साधे रखती है?’
उन्होंने एक अन्य पॉलिसी रिसर्च संगठन इंडिया फाउंडेशन पर भी निशाना साधा.
खेड़ा ने कहा, ‘इंडिया फाउंडेशन के साथ संघ के तमाम लोग जुड़े हैं. फाउंडेशन चीन का इतनी बार दौरा क्यों करता है? चीन के साथ इसका क्या संबंध है?’
1990 में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के सहयोग से स्थापित एक बहु-विषयक थिंक-टैंक ओआरएफ देश की राजनयिक और विदेश संबंधी नीतियां निर्धारित करते में अब एक अहम भूमिका निभाता है. ध्रुव जयशंकर ने 2019 में अपने पिता के विदेश मंत्री नियुक्त होने के कुछ ही समय बाद इसकी अमेरिकी यूनिट के डायरेक्टर के तौर पर ओआरएफ के साथ जुड़े थे.
इंडिया फाउंडेशन एक समान नीति अनुसंधान केंद्र है जो ‘भारतीय राजनीति के मुद्दों, चुनौतियों और अवसरों पर ध्यान केंद्रित करता है.’
खेड़ा के बयान पर टिप्पणी के लिए दिप्रिंट ने वाट्सएप कॉल और मैसेज व टेक्स्ट मैसेज के जरिये इंडिया फाउंडेशन के राम माधव से संपर्क साधा, जो आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी भी हैं. साथ ही ओआरएफ को एक ईमेल भेजा गया है जिसमें खेड़ा के चीन से फंडिंग मिलने के आरोपों के साथ-साथ ध्रुव जयशंकर के खिलाफ लगाए गए व्यक्तिगत आरोपों पर भी टिप्पणी मांगी गई है.
उनकी प्रतिक्रिया मिलने पर उक्त रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.
चीन की दादागिरी नजरअंदाज करने का आरोप लगाया
खेड़ा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पिछले एक हफ्ते से चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर कांग्रेस संसद और मीडिया में सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर है. भारत सरकार की तरफ से पिछले हफ्ते यह कहे जाने कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘एकतरफा ढंग से यथास्थिति बदलने’ की कोशिश की थी, के बाद से पार्टी चीन के कारण उपजे खतरे को नजरअंदाज करने का आरोप लगा रही है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ‘सो रही थी’ जबकि चीन ‘युद्ध की तैयारी’ में जुटा था.
भारत जोड़ो यात्रा के कारण संसद के शीतकालीन सत्र में न पहुंचने वाले राहुल गांधी ने कहा, चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है, घुसपैठ की नहीं. उनके हथियारों का पैटर्न देखें. वे युद्ध की तैयारी कर रहे हैं. हमारी सरकार इसे स्वीकार नहीं कर रही है. भारत सरकार घटनाओं पर काम कर रही है, रणनीति पर नहीं.’
उन्होंने कहा, ‘चीन ने हमारी जमीन ले ली है. वे हमारे जवानों को पीट रहे हैं. चीन की दादागीरी साफ दिख रही है. और सरकार इसे अनदेखा कर रही है, छिपा रही है. चीन लद्दाख और अरुणाचल में हमले की तैयारी कर रहा है, और भारत सरकार सो रही है.’
भाजपा ने राहुल गांधी के बयान की आलोचना करने के साथ ही उन पर ‘चीन की भाषा बोलने’ का आरोप भी लगाया है.
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता किरेन रिजिजू ने शनिवार को ट्विटर पर अरुणाचल के तवांग में भारत-चीन सीमा से अपनी एक तस्वीर पोस्ट की और साथ में लिखा कि भारत की सीमाएं सुरक्षित हैं. रिजिजू ने कहा, ‘वह (राहुल गांधी) न केवल भारतीय सेना का अपमान कर रहे हैं बल्कि देश की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं.’
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(अनुवाद : रावी द्विवेदी | संपादन : इन्द्रजीत)
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