नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी धीरे-धीरे ही सही लेकिन आरएसएस की चाल चलने लगी है. आरएसएस के तर्ज पर अब कांग्रेस पार्टी मंडल स्तर पर ‘प्रेरक’ नियुक्त करेगी. यही नहीं पार्टी मंडल स्तर पर प्रेरकों की नियुक्ति के लिए खास रणनीति भी बना रही है. कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में गुरुवार को पार्टी के महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों और सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों के साथ बैठक में यह फैसला लिया.
इस बैठक में सोनिया गांधी ने तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर जहां रणनीति बनाने पर विचार किया. वहीं कांग्रेस आरएसएस के तर्ज पर मंडल स्तर पर प्रेरक बनाए जाने की बात कही. कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का हवाला देते हुए समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि हर मंडल में तीन प्रेरक नियुक्त किए जाएंगे जिसमें से एक महिला होगी. वहीं एससी/एसटी/ अल्पसंख्यक और ओबीसी बैकग्राउंड के प्रतिनिधि भी होंगे. एक डिविज़न में 4-5 जिले शामिल होंगे.
इस बैठक में सोनिया गांधी ने कहा, ‘भारत की अर्थव्यवस्था बहुत विकट बनी हुई है.’
‘आर्थिक घाटा लगातार बढ़ रहा है. सरकार जो भी कर रही है वह बदले की राजनीति से कर रही है कि आम जनता का ध्यान देश में गहराते आर्थिक संकट से हटाया जा सके.’
पार्टी की बैठक में सोनिया गांधी ने यह भी कहा, ‘लोकतंत्र खतरे में है. मैंडेट का दुरुपयोग किया जा रहा है. और लोगों को अपशब्द कहना आजकल फैशन बन चुका है. गांधी, पटेल, अंबेडकर जैसे नेताओं का नाम लेकर नापाक एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है. उनके सच्चे संदेशों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है.’
Congress Sources: Three 'preraks' to be appointed at divisional level. Out of the three, one will be a woman and one from SC/ST/Minority/ OBC background, where each division will constitute of 4-5 districts. https://t.co/9l0L3V9T1d
— ANI (@ANI) September 12, 2019
पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी की यह पहली बैठक है. इस बैठक में राहुल गांधी का मौजूद न होना एक बार फिर कांग्रेस पार्टी में कुछ भी ठीक न चलने की ओर इशारा कर रहा है. जबकि कांग्रेस पार्टी के जुड़े लोगों का कहना है, ‘राहुल के पास पार्टी में फिलहाल कोई पद नहीं है इसलिए वह इस बैठक में शामिल नहीं हुए हैं.’
लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, लंबे समय तक राहुल को पार्टी कार्यकर्ताओं को मनाने के बाद जब बात नहीं बनी तो सदस्यों ने सोनिया गांधी को अपना अंतरिम अध्यक्ष घोषित किया.