नई दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के वरिष्ठ अधिकारी हिरेन जोशी को निशाने पर लेते हुए सरकार से उनके “बिजनेस पार्टनर, विदेशी संपर्क” और इनका भारत के राष्ट्रीय हितों पर संभावित असर को लेकर पूरी पारदर्शिता की मांग की.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, जो पार्टी की मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के अध्यक्ष हैं, ने कहा कि इस मामले में सरकार का स्पष्ट जवाब जरूरी है, क्योंकि अब PMO पर “बहुत बड़ा सवाल” खड़ा हो गया है.
उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “सरकार को इसका सच बताना होगा. हिरेन जोशी कोई छोटा नाम नहीं है. वह PMO में सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हैं, जिन्होंने इस देश में लोकतंत्र का गला दबाने और आपको (मीडिया) चुप कराने में बड़ी भूमिका निभाई.” खेड़ा हाल में “जोशी को लेकर हुई चर्चाओं” पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे.
जोशी PMO में OSD (कम्युनिकेशंस एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) के तौर पर काम करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लंबे समय से सहयोगी रहे जोशी पर सितंबर 2022 में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि वे मीडिया पर दबाव डालते हैं कि वह आम आदमी पार्टी की खबरें न दिखाए.
दिप्रिंट ने PMO वेबसाइट पर उपलब्ध उनके नंबर पर कॉल कर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कॉल का जवाब नहीं मिला.
बुधवार को खेड़ा ने दावा किया कि जोशी के एक करीबी सहयोगी “जिन्हें सात महीने पहले लॉ कमीशन में लाया गया था, उन्हें जल्दबाजी में हटा दिया गया है और उनका सरकारी बंगला भी खाली करा दिया गया है.”
खेड़ा ने कहा, “देश को जानने का अधिकार है कि उनके बिजनेस पार्टनर कौन हैं. PMO में बैठकर हिरेन जोशी कौन सा बिजनेस कर रहे थे, यह भी देश को पता चलना चाहिए. कौन सा बेटिंग ऐप, क्या था, जिसमें उनकी हिस्सेदारी है? सोशल मीडिया पर चर्चाएं चल रही हैं. और अगर सरकार जल्द स्पष्टीकरण नहीं देती तो ये बातें चलती रहेंगी, चाहे वे कितने भी ऐप बंद कर दें.”
खेड़ा ने आगे आरोप लगाया कि उन्हें जानकारी मिली है कि जोशी के कई बिजनेस इंटरेस्ट हैं. “उनके विदेशी संपर्क क्या हैं? विदेश यात्राओं के दौरान वे किससे मिले? क्या हिरेन जोशी ने अमेरिका या कहीं और अपने संपर्कों के जरिए भारत के राष्ट्रीय हित से समझौता किया? ये सब बातें सामने आएंगी. लोकतंत्र को इतनी आसानी से नहीं मारा जा सकता. अब PMO पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.”
खेड़ा ने कहा कि चूंकि जोशी PMO में तैनात हैं, जो एक सार्वजनिक पद है, इसलिए उनके बिजनेस इंटरेस्ट ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत संपर्कों पर भी स्पष्टता होनी चाहिए.
खेड़ा ने कहा कि देश को यह जानने का अधिकार है कि वे किस तरह के रिश्ते बनाए रखते हैं, किसके साथ बनाए रखते हैं और “इन संबंधों से देश को क्या नुकसान हुआ होगा.”
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