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Wednesday, 20 November, 2024
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डेरेक ओ ब्रायन का आरोप- बंगाल में भाजपा के साथ मिले कांग्रेस-लेफ्ट-ISF, सिंगल डिजिट सीटों पर ही सिमटेंगे

दिप्रिंट के साथ इंटरव्यू में तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि बीजेपी एजेंसियों को प्रभावित कर रही, उन्होंने ममता के भतीजे का बचाव किया और 'आराम से' बहुमत हासिल करने की बात कही.

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नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन का कहना है कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस-लेफ्ट-इंडियन सेक्युलर फ्रंट गठबंधन ‘काफी हद तक भाजपा के साथ मिला हुआ है’ और 2 मई को जब विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होंगे तो यह सिंगल डिजिट में ही सिमटे नजर आएंगे.

ओ ब्रायन ने दिप्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘वे (भाजपा) कट मनी की बात करते हैं. यह (गठबंधन) कट मनी के साथ उनका कट वोट है. वे लोगों को यह सब करने के लिए पैसा देते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन बंगाल के लोग जानते हैं कि उनके अच्छे-बुरे वक्त में कौन उनके साथ रहा है और किसने उनके जीवन को बदलने की कोशिश की है.’

तृणमूल के राज्यसभा सांसद ने भाजपा के इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि राज्य में राजनीतिक हत्याओं के पीछे टीएमसी का हाथ रहा है.

उन्होंने कहा, ‘यहां ज्यादातर हत्याओं के पीछे भाजपा की तीन पार्टियां हैं- भाजपा ओल्ड, भाजपा न्यू, भाजपा (पूर्व-तृणमूल). देश में भाजपा के 300 सांसद हैं. पार्टी ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले 130 सांसदों को टिकट क्यों दिया था?’

उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक हिंसा की बात कौन कर रहा है? अमित शाह? मोदी? आइए 2002 के बारे में बात करें. हम किस राजनीतिक हिंसा के बारे में बात कर रहे हैं? बंगाल में भाजपा से जुड़े व्यक्ति की मौत हो गई. हमें पता चला है कि वह कोई गैरकानूनी बैंक चला रहा था. वे तो बस लोगों की तलाश कर रहे हैं. किसी की कोविड से जान चली जाएगी. वे शव ले जाएंगे और इसे राजनीतिक हिंसा बता देंगे.’


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हालांकि, ओ ब्रायन ने माना कि सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, उनमें से सबसे बड़ी तो एक लंबी मतदान प्रक्रिया ही है, जिसके तहत बंगाल में आठ चरणों में वोट पड़ेंगे.

उन्होंने कहा, ‘लंबे समय तक चलने वाले चुनाव, जिस तरह से यह 33 दिनों तक चलने वाला है, में आपको अच्छी-खासी फंडिंग की जरूरत पड़ती है. और फंडिंग के मामले में भाजपा दुनिया में सबसे बेहतर स्थिति में है. चुनाव जितना लंबा होगा, उतना ही आपको खर्च करना पड़ेगा.’

उन्होंने आगे भाजपा पर आरोप लगाया कि वह ‘मीडिया मालिकों को डरा-धमका’ रही है और सरकारी एजेंसियों को भी प्रभावित कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘भाजपा को केंद्र में सत्ता मिली हुई है…उनके पास सभी एजेंसियां हैं. उनके पास प्रभारी के तौर पर दो लोग हैं, जिनके हाथ 2002 में खून रंगे हैं. वहां कोई ईमानदारी नहीं है. वे मीडिया मालिकों को डराते हैं. इस सबके बीच हमारे पास ममता बनर्जी हैं और उनके द्वारा किए गए अच्छे काम हैं और उनकी सरकार के प्रति बंगाल की जनता का अटूट विश्वास है.’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम, जहां से वह इस बार चुनाव लड़ रही हैं, से ही नही बल्कि राज्य के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से जीत जाएंगी.

विपक्ष और राजनीतिक विश्लेषकों के इन बयानों को निरर्थक बताते हुए कि बनर्जी ने हार के डर से अपने पुराने निर्वाचन क्षेत्र भवानीपुर को छोड़कर नंदीग्राम को चुना है, ओ ब्रायन ने कहा, ‘भाजपा ने उन्हें नंदीग्राम से खड़े होने की चुनौती दी थी. वह अब वहां से खड़ी है. उन्हें हराएं.’

भवानीपुर में एक बड़ी आबादी गैर-बंगाली है और विश्लेषकों का कहना है कि वह मुख्यमंत्री की तरफ से ‘बाहरी’ कहे जाने के कारण आहत हैं.

ओ ब्रायन ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ तो स्थिति यह है कि अगर कुछ करें तो आलोचना और न करें तो भी आलोचना.

उन्होंने कहा, ‘अगर वह दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से खड़ी होतीं तो वे (विश्लेषक) कहते कि एक सीट से जीत के प्रति आश्वस्त नहीं हैं और इसीलिए दो सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं. अगर वह केवल भवानीपुर से खड़ी होती, तो कहते कि यह एक शहरी (दक्षिण कोलकाता) क्षेत्र है, न कि ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र. इन तथाकथित विश्लेषकों ने किसी भी राजनीतिक विश्लेषण की अपनी क्षमता पूरी तरह खो दी है और सिर्फ भाजपा को खुश करने की कोशिश में लगे हैं.’

‘भाजपा सीएम के चेहरे का ऐलान करने से डरी’

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित न करने के लिए भी भाजपा को घेरा. उन्होंने कहा, क्योंकि पार्टी असंतोष बढ़ने से डरती है.

उन्होंने कहा, ‘मैं अमित शाह और मोदी को चुनौती देना चाहता हूं कि वे मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित करें. वे ऐसा नहीं करेंगे… क्योंकि यदि आप ए को घोषित करते हैं तो बी,सी,डी नाराज हो जाएंगे. यदि आप सी कहते हैं तो ए, बी और डी नाराज हो जाएंगे.’

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ने तो बंगाल में अपने उम्मीदवारों की सूची तक घोषित नहीं की है. उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि सूची की घोषणा दिल्ली में पार्टी कार्यालय से हिंदी में की जानी है. आप बंगाल आना और यहां की सत्ता चलाना चाहते हैं और आपको यह भी नहीं पता है कि रबींद्रनाथ टैगोर का जन्म कहां हुआ था.’

‘ममता 2 मई को तीसरी बार शपथ लेंगी’

ओ ब्रायन ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को पूरा भरोसा है कि 2 मई को ममता बनर्जी सरकार तीसरी बार शपथ लेगी.

उन्होंने कहा कि पार्टी ‘आराम से बहुमत’ हासिल कर लेगी लेकिन कोई संख्या बताने से इनकार कर दिया. पश्चिम बंगाल में 294 विधानसभा सीटें हैं.

उन्होंने कहा कि तृणमूल सरकार ने कई मानकों पर खरे उतरकर भारी सफलता हासिल की है- स्वास्थ्य, शिक्षा, कल्याणकारी योजनाएं, रोजगार सृजन, सड़क निर्माण, एमएसएमई सेक्टर, कारोबार में आसानी आदि और पिछले छह साल से लगातार मोदी सरकार से कृषि पुरस्कार हासिल कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘जब आप इस तरह अच्छे काम करते हैं, वो भी पूरी विनम्रता के साथ, तो बदले में पुरस्कृत होने की उम्मीद भी करते हैं.’

सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के तृणमूल छोड़ने पर ओ’ब्रायन ने कहा कि यह पार्टी के लिए चिंता का विषय नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘मैं उन लोगों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, जो छोड़कर चले गए हैं. लेकिन 220 विधायकों (211 तृणमूल सांसद के और नौ विधायक जिन्होंने पार्टी छोड़ दी) में से 200 से ज्यादा विधायक टिकट घोषित होने से पहले तृणमूल के साथ थे, हम लोकसभा और राज्यसभा में क्रमशः 22 और 13 सांसदों के साथ संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी हैं. एक या दो सांसदों के साथ छोड़ देने को पार्टी में भगदड़ नहीं कहा जा सकता है.’

तृणमूल में अभिषेक बनर्जी का कद बढ़ने पर

तृणमूल छोड़ने वाले नेताओं की तरफ से ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर लगाए गए मनमाने ढंग से काम करने के आरोपों को नकारते हुए ओ ब्रायन ने कहा, ‘जब आप छोड़ना चाहते हैं, तो आप हर तरह के बहाने ढूंढ़ते हैं. जो वे कह रहे हैं मैं उन बातों को कोई अहमियत नहीं देना चाहता.’

हालांकि, तृणमूल नेता ने कहा कि अभिषेक पार्टी में विशुद्ध रूप से मेरिट के आधार पर बढ़े हैं.

उन्होंने कहा कि 2014 में अभिषेक को लोकसभा का टिकट दिया गया और उन्होंने 71,000 से अधिक मतों से चुनाव जीता.

ओ ब्रायन ने कहा, ‘उन्हें उस समय टिकट शायद इसलिए मिला क्योंकि वह एक युवा कार्यकर्ता थे. हो सकता है कि उन्हें ममता बनर्जी का भतीजा होने के कारण फास्ट ट्रैक पर रखा गया हो. उन्हें दक्षिण कोलकाता से टिकट दिया जा सकता था, लेकिन उन्हें डायमंड हार्बर से टिकट दिया गया. वह वहां गए, लड़े और जीत हासिल करके आए.’

ओ ब्रायन ने कहा, ‘पांच साल बाद 2019 में वह डायमंड हार्बर के लोगों के पास गए और उन्हें बताया कि ‘मैं आपका युवा सांसद हूं, मैंने ये काम किए हैं, क्या आप मुझे एक और मौका देंगे … इस बार उन्होंने तीन लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की.’

तृणमूल सांसद ने यह भी कहा कि सीबीआई द्वारा अभिषेक बनर्जी की पत्नी से हाल ही में की गई पूछताछ केवल संयोग नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘यह सब समय को ध्यान में रखकर किया गया. मोदी-शाह अपनी राजनीति इसी तरह चलाते हैं, वे यह सब एकदम खुलकर करते हैं. उनके कई सहयोगी छोड़ गए हैं—शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना… तो वे क्या करते? अब उनके पास सीबीआई, ईडी, आईबी जैसे सहयोगी हैं.’


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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लाए जाने पर

यह पूछे जाने पर कि ममता बनर्जी जैसी जननेता को प्रशांत किशोर जैसे चुनाव रणनीतिकार की जरूरत क्यों पड़ी, ओ ब्रायन ने कहा कि चुनाव के लिए रणनीति बनाने के उद्देश्य से किसी एजेंसी को काम पर रखने में कोई बुराई नहीं है.

उन्होंने सवाल उठाया, ‘नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम के रूप में 2010-11 में और बाद में 2014 में पीएम बनने के लिए चुनाव मैदान में होने के दौरान जब प्रशांत किशोर को जिम्मा सौंपा था, तब सब ठीक था. जब तृणमूल ऐसा करती है तो यह गलत होता है?’

उन्होंने कहा, ‘अगर कोई राजनीतिक दल कहता है कि हम सब जानते हैं, तो मैं कहूंगा कि हम सब नहीं जानते, इसलिए हमें विभिन्न प्रकार की रणनीतियों की आवश्यकता पड़ती है.’

‘बंगाल में बेरोजगारी 40% घटी’

ओ ब्रायन ने गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री पर निवेश के संबंध में नकारात्मक प्रचार करने का आरोप लगाया, साथ ही जोड़ा कि राज्य में अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 के बीच बेरोजगारी में 40 प्रतिशत की कमी आई है.

उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर 2019 में 7.82 प्रतिशत थी, जो कि बढ़कर 9.1 प्रतिशत हो गई. 1 से 2 करोड़ रोजगार गए हैं. लेकिन बंगाल में बेरोजगारी में 40 प्रतिशत की कमी आई है. राज्य में 23 लाख नए रोजगार पैदा हुए. ये हमारे आंकड़े नहीं हैं, बल्कि श्रम अनुपात पर भारत सरकार के आंकड़े हैं.’

तृणमूल नेता ने यह भी कहा कि भाजपा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को नहीं छोड़ा लेकिन पश्चिम बंगाल के लोगों को छोड़ दिया.

उन्होंने कहा, ‘वे किस नागरिकता की बात कर रहे हैं? क्या किसी को नागरिकता मिली है? किसी एक को भी नहीं. लोग इसे देखेंगे…यह सब हवा का बुलबुला है और बंगाल के लोग इसके खिलाफ खड़े होंगे.’

किसानों को पीएम किसान जैसी योजनाओं का लाभ न मिलने पर

ओ ब्रायन ने यह भी कहा कि तृणमूल ने हमेशा किसानों का साथ दिया है, वह भाजपा के इन आरोपों का जवाब दे रहे थे कि उनकी पार्टी किसानों को केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाले फायदों से वंचित कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘तृणमूल नंदीग्राम और सिंगूर में किसानों की ओर से मोर्चा संभालने वाली पहली पार्टी थी. आज भारत में भूमि अधिग्रहण बिल है तो ममता बनर्जी की वजह से, किसी और के कारण नहीं.’

उन्होंने कहा, ‘जब पहली बार बिल आया तो इसका विरोध किया गया. यह फिर से आया. कांग्रेस और भाजपा चाहती थी कि इसे (बिल का पूर्व संस्करण) पारित किया जाए. राज्यसभा में तृणमूल ने इसका विरोध किया. भूमि सुधार पर ममता बनर्जी की राय है कि कृषि और उद्योग एक कली में दो पत्तियों की तरह अपना अस्तित्व कायम कर सकते हैं.’

पश्चिम बंगाल के किसानों को पीएम किसान का लाभ नहीं मिलने पर उन्होंने कहा, ‘पीएम किसान के तहत बीमा का भुगतान कौन करता है? बुवाई से लेकर कटाई होने तक बीमा का भुगतान कौन करता है? इसका भुगतान किसान करते हैं—60 प्रतिशत भुगतान राज्य करते हैं, और बाकी किसानों द्वारा किया जाता है. बंगाल में किसानों द्वारा कोई बीमा भुगतान नहीं किया जाता है. पूरा भुगतान राज्य सरकार करती है. यदि 18 से 60 वर्ष के बीच किसी किसान की मृत्यु हो जाती है तो परिवार को मुआवजे के रूप में 2 लाख रुपये मिलते हैं.

उन्होंने कहा, ‘ममता बनर्जी ने 2011 में सत्ता में आने पर किसानों की आय दोगुनी कर देने का वादा किया था. उस समय सभी खर्चों को निकालने के बाद किसानों की आय 97,000 रुपये थी. उन्होंने 10 साल में किसानों की आय न केवल दोगुनी बल्कि तिगुनी कर दी है. मोदी ने कहा कि वह 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करेंगे. मौजूदा दर पर भी 2022 में यह दोगुनी नहीं हो सकती, और यह केवल 2028 में संभव हो पाएगा.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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