लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस की नई कमेटी का ऐलान हो गया है. विधायक अजय कुमार लल्लू को अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं वीरेंद्र चौधरी, पंकज मलिक, ललितेश पति त्रिपाठी और दीपक कुमार नए प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए हैं. इसके अलावा 12 महासचिव और 24 सचिव बनाए गए हैं. खास बात ये है कि उत्तर प्रदेश के जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए कमेटी में 45 प्रतिशत ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को जगह मिली है.
दस गुना छोटी कमेटी
आमतौर पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस में लगभग 500 लोगों की कमेटी हुआ करती थी, जो कि अब बहुत छोटी कर दी गई है. जिसमें 12 महासचिव और 24 सचिव के अलावा 18 वरिष्ठ नेताओं की एडवाइजरी काउंसिल भी बनाई गई है, जो यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के सलाहकार की भूमिका निभाएगी. इसमें प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया, आरपीएन सिंह समेत 18 वरिष्ठ नेताओं को रखा गया है. वहीं इसके अलावा 8 अन्य वरिष्ठ नेताओं को स्ट्रैटेजी एंड प्लानिंग में रखा गया है. इनमें जितिन प्रसाद, राजीव शुक्ला, इमरान मसूद शामिल हैं.
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प्रतापगढ़ जिले के रामपुर खास से विधायक अराधना मिश्रा को विधायक दल का नेता (सीएलपी) लीडर बनाया गया है. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर नयी प्रदेश कांग्रेस कमेटी बनाई गई है.
सूबे में पार्टी के अध्यक्ष बनाए गए लल्लू का वैश्य समुदाय (ओबीसी) से संबंध है. आराधना मिश्रा को विधायक दल का नेता बनाकर ब्राह्मण समाज को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है. इसके अलावा ब्राह्मण समाज से ही ललितेश पति त्रिपाठी को नया उपाध्यक्ष बनाया गया है. वहीं, 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान सपा से आए राकेश सचान, बसपा से आईं कैसर जहां को भी कमेटी में जगह दी गई है.
जातिगत समीकरणों के लिहाज से कमेटी में 45 प्रतिशत ओबीसी, 20 प्रतिशत दलित, 15 प्रतिशत मुस्लिम और 20 प्रतिशत सवर्णों को जगह मिली है. आमतौर पर पुरानी कमेटियों में सवर्णों को अधिक तवज्जो मिलती रही है. लेकिन, इस बार जातिगत समीकरणों में सामंजस्य रखने की कोशिश की गई है.
विधायक अदिति को जगह नहीं
हाल ही में बागी तेवर अपनाने वाली रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह को कमेटी में जगह नहीं दी गई है. कांग्रेस के बहिष्कार के बावजूद वह 2 अक्टूबर को आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लेने चली गईं थी. तब से उनके बीजेपी में जानें की चर्चा शुरू हो गई. इसी कारण नई कमेटी में उन्हें जगह नहीं मिली है.
प्रियंका लखनऊ में मिलेंगी नई कमेटी से
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक प्रियंका गांधी 14 से 16 अक्टूबर के बीच लखनऊ में ही रहेंगी. इस दौरान वह नई कमेटी के सदस्यों से मिलेंगी. प्रियंका का ये दौरा इस लिहाज से भी अहम माना जा रहा है कि पुराने पदाधिकारी भी मिलकर उनसे अपना पक्ष रख सकते हैं. वहीं, प्रियंका इस दौरान लखनऊ में अपना घर भी फाइनल कर सकती हैं. बीते अक्टूबर को वह गोखले मार्ग पर घर देखने गईं थीं.
उभरने लगे मतभेद
कांग्रेस की नई कार्यकारिणी गठित होने के कुछ घंटों बाद ही पार्टी में असंतोष उभरने लगा है. सोमवार रात घोषित की गई टीम में कमेटी से वरिष्ठ नेताओं को बाहर रखने को लेकर और कमेटी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के प्रतिनिधित्व दिए जाने को लेकर नाराजगी उभरने लगी है.
यही नहीं पार्टी कार्यकर्ता भी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी में शामिल हुए लोगों को कमेटी में शामिल करने पर आपत्ति जता रहे हैं. पार्टी नेताओं को यह बात भी नागवार गुजरी है कि नवगठित कमेटी में 45 प्रतिशत लोग ओबीसी हैं.
नवगठित कमेटी में प्रियंका गांधी की छाप स्पष्ट दिखती है और उसमें सिराज मेहंदी, विनोद चौधरी, हनुमान त्रिपाठी, सत्यदेव त्रिपाठी, आर.पी. त्रिपाठी, अखिलेश प्रताप सिंह और रमेश श्रीवास्तव जैसे वरिष्ठ नेताओं को जगह नहीं दी गई है.
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बता दें कि राज बब्बर को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने की चर्चा लोकसभा चुनाव में शर्मनाक हार के बाद से ही चल रही थी. हालांकि, राज बब्बर ने खुद इस्तीफे की पेशकश की थी. मगर पार्टी आलाकमान ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था. कांग्रेस की नए चेहरे के लिए खोज जारी थी और इसमें अजय कुमार लल्लू का नाम सबसे आगे था. प्रियंका के सोनभद्र दौरे से लेकर शाहजहांपुर में हुए कांग्रेस के प्रोटेस्ट को लल्लू ने ही लीड किया था.