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Monday, 8 September, 2025
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कर्नाटक की विधान परिषद में कांग्रेस के चार और MLC, ऊपरी सदन में पकड़ होगी मज़बूत

घटनाक्रम से वाकिफ लोगों के अनुसार, डॉ. आरती कृष्णा को ‘हाईकमान्ड उम्मीदवार’ माना जा रहा है. अन्य नामित सदस्य हैं एफ.एच. जक्कप्पनवर, शिवकुमार के और रमेश बाबू.

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बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने विधान परिषद (ऊपरी सदन) के लिए चार नामित सदस्यों के नामों की अधिसूचना जारी कर दी है, इनमें डॉ. आरती कृष्णा भी शामिल हैं, जो इस समय राज्य के एनआरआई फोरम की वाइस-चेयरपर्सन हैं.

2023 में कर्नाटक में कांग्रेस की सत्ता में वापसी के बाद एनआरआई फोरम का गठन किया गया था. डॉ. कृष्णा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की सचिव भी हैं.

सूत्रों के अनुसार, चार नामित सदस्यों की सूची में कृष्णा को ‘हाईकमान्ड उम्मीदवार’ माना जा रहा है.

मामले से वाकिफ एक व्यक्ति ने कहा, “उन्हें पहले एक साल के लिए विधान परिषद में नामित किया गया था क्योंकि सी.पी. योगेश्वर के इस्तीफे से सीट खाली हुई थी, लेकिन उन्होंने पूरे कार्यकाल पर ज़ोर दिया और राज्य नेतृत्व ने उनके पक्ष में निर्णय लिया.”

कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने डॉ. कृष्णा को उन लगभग 100 लोगों में शामिल किया है (जिनमें मंत्री भी शामिल हैं), जिन्हें कैबिनेट रैंक दिया गया है.

ये रिक्तियां कांग्रेस नेताओं यू.बी. वेंकटेश और प्रकाश के. राठौड़ का कार्यकाल अक्टूबर 2024 में समाप्त होने और जेडी(एस) नेता के.ए. तिप्पेस्वामी का कार्यकाल जनवरी 2025 में पूरा होने के बाद निकलीं. इसके अलावा, सी.पी. योगेश्वर ने चन्नापटना उपचुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था, जिससे एक और सीट खाली हो गई.

अन्य तीन नामित सदस्यों में एफ.एच. जक्कप्पनवर, वरिष्ठ पत्रकार शिवकुमार के. और रमेश बाबू (जो पार्टी की कम्युनिकेशन विंग के मौजूदा चेयरमैन हैं) शामिल हैं.

रमेश बाबू को केवल एक साल के लिए नामित किया गया है.

इन चार नए सदस्यों के आने से विधान परिषद में कांग्रेस के एमएलसी की संख्या 37 हो जाएगी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्युलर), यानी जेडी(एस), की संयुक्त संख्या भी 37 होगी. सदन में एक निर्दलीय और एक सभापति भी हैं.

लेकिन कांग्रेस को भरोसा है कि बिलों के सुचारू पारित होने के मामले में ऊपरी सदन में उसकी राह आसान रहेगी.

‘थिंकर्स डेन’

मानसून सत्र के दौरान सिद्धारमैया नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी, जब विधानसभा से पारित कर्नाटक सौहार्द सहकारी (संशोधन) विधेयक 2025 को परिषद ने खारिज कर दिया. कांग्रेस के 23 एमएलसी ने इस विधेयक का समर्थन किया, जबकि भाजपा-जेडी(एस) के 26 सदस्यों ने इसे हरा दिया.

कांग्रेस के एक एमएलसी ने कहा, “अगर बराबरी भी हो जाए, तो कांग्रेस आसानी से बिल पास करा सकती है, क्योंकि एच.ए. विश्वनाथ भाजपा के पक्ष में वोट नहीं देंगे.”

2019 में भाजपा में शामिल हुए 17 विधायकों में विश्वनाथ भी थे, लेकिन अब वे पार्टी से धीरे-धीरे दूरी बना रहे हैं.

सूत्रों के अनुसार, चार नए सदस्य कांग्रेस को विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिशों से भी बचाव देंगे.

उपमुख्यमंत्री और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने नए सदस्यों को बधाई दी और कहा कि परिषद को प्यार से ‘थिंकर्स डेन’ (विचारकों का मंच) कहा जाता है.

डॉ. कृष्णा दिवंगत मंत्री और वकील बेगाने रमैया की बेटी हैं, जो पहले श्रींगेरी से विधायक रह चुके हैं. उन्होंने राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की है और अमेरिका में अपने पति के साथ रहती थीं. बाद में वे भारतीय दूतावास में कम्युनिटी डेवलपमेंट ऑफिसर के तौर पर जुड़ीं.

25 अगस्त को उन्हें कांग्रेस के विदेश विभाग (ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की विदेशी मामलों की इकाई) में तीन सदस्यों में से एक बनाया गया. इस विभाग का नेतृत्व सलमान खुर्शीद करेंगे. वे पहले से ही इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस की शीर्ष पदाधिकारी थीं, जिसका नेतृत्व तकनीकी विशेषज्ञ सैम पित्रोदा कर रहे हैं.

कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान फंसे भारतीयों को स्वदेश वापस लाने में राहत कार्यों के समन्वय का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है. आईओसी-यूनाइटेड किंगडम के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद डॉ. कृष्णा ने 4,600 से ज्यादा छात्रों को वापस लाने में मदद की है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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