नई दिल्ली: गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस में कलह सामने आने लगी है. हार्दिक पटेल गुजरात कांग्रेस के काम करने के तरीके पर सवाल उठाया है. पटेल ने राज्य इकाई में खुद को दरकिनार किए जाने का आरोप लगाया है और कहा पार्टी उनकी क्षमताओं का इस्तेमाल करने में रुचि नहीं दिखा रही है.
हार्दिक पटेल गुजरात में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.
पटेल ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा कि, ‘पार्टी के लिए गुजरात चुनाव 6 महीने रह गये हैं, गुजरात के लोग एक नई उम्मीद के साथ कुछ नया देखना चाहते हैं, पार्टी को जल्द से जल्द कुछ फैसला करना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि, ‘मैं गुजरात में अच्छे लोगों को आगे करने के फेवर में रहा हूं और कुछ लोग हैं जो अपने ही लोगों को आगे करने के पक्ष लगे हुए हुए हैं.
पटेल ने कहा कि जब हम किसी का सम्मान न करें तो अपमान भी नहीं करना चाहिए. पटेल ने कहा कि दूसरे राज्यों में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का महत्व है लेकिन राज्य में इसकी कोई वैल्यू नहीं है. यह शादी के बाद नसबंदी जैसा है. पद मिल गया है लेकिन निर्णय में लेने में कोई हक नहीं दिया जा रहा.
हार्दिक पटेल ने बुधवार को संवाददातओं से मशहूर पाटीदार नेता नरेश पटेल को कांग्रेस में शामिल करने में विलंब को लेकर पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया है.
उन्होंने कहा, ‘नरेश पटेल को कांग्रेस में शामिल करने को लेकर पार्टी में जिस तरह की बातें हो रही हैं वो पूरे समुदाय का अपमान है. अब 2 महीने से अधिक समय बीत चुका है. अब तक कोई फैसला क्यों नहीं लिया जा रहा? कांग्रेस आलाकमान या स्थानीय नेतृत्व को नरेश पटेल को पार्टी में शामिल करने के संबंध में जल्द निर्णय लेना चाहिए.’
हार्दिक ने 2015 में गुजरात में पाटीदार समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आरक्षण प्रदान करने की मांग को लेकर चलाए गए आंदोलन की अगुवाई की थी. जिसके बाद वह काफी चर्चित हुए थे और बाद में कांग्रेस में शामलि हो गए थे.
हार्दिक ने दावा किया कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन ने 2015 के स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस को अच्छी संख्या में सीट जीतने में मदद दी. उन्होंने कहा कि आंदोलन के चलते 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राज्य की 182 सीटों में से 77 सीटों पर जीत मिली.
हार्दिक पटेल ने दावा किया, ‘लेकिन, इसके बाद क्या हुआ? कांग्रेस में भी कई लोग यह महसूस करते हैं कि 2017 के बाद पार्टी द्वारा हार्दिक का उचित उपयोग नहीं किया गया. ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्योंकि पार्टी में कुछ लोग सोचते होंगे कि आज अगर मुझे महत्व दिया गया तो मैं पांच या 10 साल बाद उनके रास्ते में आ जाऊंगा.’
(भाषा के इनपुट्स के साथ)