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रविवार, 20 अप्रैल, 2025
होमराजनीतिSC को लेकर बीजेपी सांसदों के बयान पर भड़की कांग्रेस—कहा, ‘पार्टी डैमेज कंट्रोल कर रही है’

SC को लेकर बीजेपी सांसदों के बयान पर भड़की कांग्रेस—कहा, ‘पार्टी डैमेज कंट्रोल कर रही है’

पार्टी ने यह भी पूछा कि नड्डा उस व्यक्ति की टिप्पणी पर चुप क्यों हैं जो पार्टी से है और एक बड़े संवैधानिक पद पर बैठा है. उस व्यक्ति ने भी न्यायपालिका पर गलत टिप्पणी की थी. यहां इशारा उपराष्ट्रपति धनखड़ की ओर था.

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नई दिल्ली: कांग्रेस ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट पर बीजेपी सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की विवादास्पद टिप्पणियों से खुद को अलग करने की कोशिश को खारिज करते हुए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के स्पष्टीकरण को “डैमेज कंट्रोल” करार दिया.

मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा कि दुबे और शर्मा की टिप्पणियां न्यायपालिका को “जानबूझकर” कमज़ोर करने के मकसद से की गईं.

कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने एक बयान में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य दुबे और शर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने पर सवाल उठाया और उन्हें “दोहराने वाले अपराधी” बताया, जिन्हें बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा समुदायों, संस्थानों और व्यक्तियों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

रमेश ने कहा, “सीजेआई पर की गई घिनौनी टिप्पणियों से बीजेपी के निवर्तमान अध्यक्ष द्वारा खुद को अलग करना बहुत कम मायने रखता है. ये सांसद नफ़रत फैलाने वाले बयानों के दोहराने वाले अपराधी हैं और इन्हें अक्सर जी2 द्वारा समुदायों, संस्थानों और व्यक्तियों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. निवर्तमान बीजेपी अध्यक्ष का स्पष्टीकरण सिर्फ़ डैमेज कंट्रोल है. इससे कोई धोखा नहीं खाएगा. यह एंटायर पॉलिटिकल साइंस का एंटायर पॉलिटिकल हिपोक्रेसी के रूप में प्रकट होना है.”

रमेश पहले भी ‘जी2’ शब्द का उपयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संदर्भ में कर चुके हैं.

दुबे ने शनिवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को निशाना बनाते हुए उन्हें “देश में सभी गृहयुद्धों के लिए ज़िम्मेदार” बताया था. उन्होंने एक्स पर एक गूढ़ पोस्ट भी डाली थी, जिसमें कहा गया था कि अगर सुप्रीम कोर्ट को ही कानून बनाने हैं, तो संसद को बंद कर देना चाहिए.

उनका सुप्रीम कोर्ट पर यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अदालत ने राज्यपालों द्वारा भेजे गए विधेयकों पर राष्ट्रपति को निर्णय लेने की समयसीमा तय की है और संशोधित वक्फ अधिनियम के कुछ प्रावधानों पर सवाल उठाए हैं.

उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री शर्मा ने भी शीर्ष अदालत की आलोचना की और कहा कि संसद या राष्ट्रपति को कोई निर्देश नहीं दे सकता.

इन टिप्पणियों से उपजे विवाद के बीच नड्डा को स्पष्ट करना पड़ा कि बीजेपी ऐसी राय का समर्थन नहीं करती. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने सांसदों को ऐसे बयान न देने का निर्देश दिया है.

रमेश ने कहा, “लेकिन निवर्तमान बीजेपी अध्यक्ष उस समान रूप से अस्वीकार्य टिप्पणी पर पूरी तरह चुप हैं जो न्यायपालिका के बारे में लगातार एक उच्च संवैधानिक पद पर बैठे उनके बहुत प्रतिष्ठित नियुक्त व्यक्ति द्वारा की जा रही हैं. वह इन टिप्पणियों के बारे में क्या कहते हैं? क्या बीजेपी उनका समर्थन करती है?”

यह टिप्पणी स्पष्ट रूप से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की उस टिप्पणी की ओर इशारा थी, जिसमें उन्होंने न्यायपालिका को “सुपर संसद” के रूप में कार्य करने की बात कही थी.

रमेश ने आगे कहा, “अगर भारतीय संविधान पर इन लगातार हमलों पर प्रधानमंत्री की चुप्पी उन्हें मौन समर्थन नहीं देती, तो फिर इन दो सांसदों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या नड्डा जी ने इन दोनों सांसदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है?”

शनिवार को रमेश ने आरोप लगाया था कि शीर्ष अदालत को “जानबूझकर” निशाना बनाने के लिए बयान दिए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा, “वे (बीजेपी) सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करने में लगे हैं. संविधान द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दी गई शक्तियों को कमजोर करने की कोशिश हो रही है. संवैधानिक पदों पर बैठे लोग, मंत्री और यहां तक कि बीजेपी सांसद भी सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बोल रहे हैं, जबकि कोर्ट केवल यही कह रही है कि कानून बनाते समय संविधान की मूल संरचना के खिलाफ न जाएं.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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