scorecardresearch
Thursday, 19 December, 2024
होमराजनीतिहरियाणा के मेवात ने जताया कांग्रेस पर भरोसा, भाजपा तीनों सीटों पर पिछड़ी

हरियाणा के मेवात ने जताया कांग्रेस पर भरोसा, भाजपा तीनों सीटों पर पिछड़ी

अपनी चुनावी रथयात्रा के दौरान मेवात में मनोहरलाल खट्टर ने कहा था कि कुछ पार्टियों ने मुसलमानों को भाजपा के खिलाफ भड़काया है, लेकिन केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार के दौरान एक भी मुसलमान का बाल बांका नहीं हुआ.

Text Size:

नई दिल्ली : 2019 हरियाणा विधानसभा चुनाव में मेवात की नूंह विधानसभा सीट पर कांग्रेस के आफताब अहमद ने जीत दर्ज की. इलाके के कद्दावर नेता और भाजपा के प्रत्याशी ज़ाकिर हुसैन इस बार पिछड़ गए. फिरोज़पुर झिरका विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार मम्मन खान भारी वोटों से आगे चल रहे हैं. यहां भी भाजपा दूसरे नंबर पर है. पुन्हाना सीट पर कांग्रेस के मोहम्मद इलियास भी भाजपा की प्रत्याशी नौक्षम चौधरी से आगे हैं. यहां से निर्दलीय उम्मीदवार रहीश खान दूसरे नंबर पर हैं. करीब 5 लाख वोटर्स ने मेवात के इन उम्मीदवारों का भविष्य तय किया है.

गौरतलब है कि 70 फीसदी मुस्लिम बाहुल्य मेवात इलाके में इस बार भाजपा ने अपना खाता खोलने के लिए मौजूदा तीन विधायकों को लोकसभा चुनाव के दौरान अपने साथ जोड़ लिया था. मेवात देश का सबसे पिछड़ा ज़िला है जो साइबर सिटी गुरुग्राम से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर है, लेकिन बेसिक सुविधाओं के लिए भी त्रस्त है.

इस इलाके के लोग आरोप लगाते रहे हैं कि 10 साल (2004 -2014) सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी ने इलाके की घोर अनदेखी की. नतीजतन 2014 के विधानसभा चुनाव में मेवात की तीनों ही सीटों पर कांग्रेस हार गई. लेकिन मेवात में हुई रैली में राहुल गांधी ने घोषणा की थी कि कांग्रेस पार्टी अगर जीतती है तो गुड़गांव-अलवर रेलवे लाइन और मेवात में यूनिवर्सिटी, कोटला झील का विस्तार और मेवात नहर का निर्माण का किया जाएगा.

पिछले विधानसभा चुनाव का रिकॉर्ड

नूंह विधानसभा सीट से 2014 में भाजपा के ज़ाकिर हुसैन ने 64,221 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. दूसरे नंबर पर कांग्रेस के आफ़ताब अहमद थे जो 32,796 वोटों से हारे. बता दें कि ज़ाकिर हुसैन मेवात के कद्दावर नेता तैयब हुसैन के बेटे हैं और इलाके में अच्छी पैठ रखते हैं. आलम ये था कि ज़ाकिर के भाजपा में जाने से मेवात में भाजपा की जीत के कयास लगने शुरू हो गए थे.

फिरोज़पुर झिरका विधानसभा सीट इनेलो के नसीम अहमद ने जीती थी. इनेलो की ही टिकट पर नसीम 2009 और 2014 में इस सीट से लगातार दो बार चुनाव जीते हैं. वह पूर्व मंत्री शकरुल्ला खान के बेटे हैं.

पुन्हाना से निर्दलीय उम्मीदवार रहीश खान 34,281 वोट हासिल कर विधायक बने थे. इनेलो के मोहम्मद इलियास दूसरे नंबर पर रहे. कुल मिलाकर इस बार कांग्रेस मेवात में खोई हुई सत्ता हासिल करने तो भाजपा अपना खाता खोलने के लिए मैदान में उतरी थी.

एक भी मुसलमान का बाल बांका नहीं हुआ : खट्टर 

इस बार नूंह विधानसभा सीट भाजपा ने ज़ाकिर हुसैन, फिरोज़पुर झिरका से नसीम अहमद और पुन्हाना से नौक्षम चौधरी को टिकट दिया है तो कांग्रेस ने इन सीटों पर चौधरी अफताब अहमद, मम्मन खान और इलियास खान को मैदान में उतारा है. पिछले सालों में लगातार हुई गौ तस्करी के नाम पर हत्याओं ने सत्तारूढ़ भाजपा पर मुस्लिम विरोधी पार्टी होने का ठप्पा लगाया जाता रहा है. फिर चाहे वो पहलू खान की मॉब लिंचिंग हो या जुनैद हत्याकांड या रकबर खान की पीट-पीट कर हत्या का मामला. लेकिन अपनी चुनावी रथयात्रा के दौरान मेवात पहुंचे मनोहरलाल खट्टर ने कहा था कि कुछ पार्टियों ने मुसलमानों को भाजपा के खिलाफ भड़काया है लेकिन केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार के दौरान एक भी मुसलमान का बाल बांका नहीं हुआ. खट्टर ने यह दावा भी किया कि ‘मुस्लिम भाई भाजपा’ के साथ हैं.

एक करोड़ की नौकरी छोड़कर आईं नौक्षम चौधरी

भाजपा ने मुस्लिम बाहुल्य सीट पुन्हाना से नौक्षम चौधरी को टिकट देकर सबको चौंकाया था. सिर पर दुपट्टा बांधे उर्दू लहजे में मुस्लिमों से वोट मांगती हिंदू उम्मीदवार ने राष्ट्रीय मीडिया में खूब चर्चा बटोरी. यहां तक कि नौक्षम के नामांकन के दिन भी मनोहरलाल खट्टर मेवात पहुंचे. इसके अलावा मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी तक ने उनके लिए चुनाव प्रचार किया. उन्होंने हाल ही में पार्टी ज्वॉइन की थी. नौक्षम ने मीडिया को बताया कि वो एक करोड़ की नौकरी छोड़कर देश के सबसे पिछड़े जिले के विकास के लिए चुनाव लड़ने आई हैं. लेकिन ये सारी मेहनत लगता है उनके काम नहीं आई.

share & View comments