लखनऊ: यूपी में कांग्रेस के बारें में अब तक यही कहा गया है कि यहां बड़े चेहरों की ही चलती है. किसी दौर में जितेन्द्र प्रसाद यहां ताकतवर रहे तो कभी संजय सिंह तो कभी श्रीप्रकाश जायसवाल. इसके बाद सलमान खुर्शीद, निर्मल खत्री, राजबब्बर का नाम भी इस फेहरिस्त में जुड़ा. वहीं गिने-चुने 6-7 नेताओं के इर्द-गिर्द ही यूपी कांग्रेस पिछले दो दशक से चलती रही. न कांग्रेस का हाल बदला, न नतीजों में कुछ सुधार हुआ बल्कि 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी महज एक लोकसभा सीट पर ही सिमट गई. करारी शिकस्त के बाद अब कांग्रेस बड़े फेरबदल के मूड में है.
इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने यूपी की सभी जिला कमिटियों को भंग कर दिया है. वहीं विधायक अजय कुमार लल्लू को पूर्वी यूपी में संगठन के फेरबदल के लिए प्रभारी बनाया गया है. वह प्रियंका गांधी के साथ मिलकर पूरे पूर्वी यूपी के संगठन को खड़ा करेंगे. लल्लू को ये जिम्मेदारी मिलने के पीछे राहुल गांधी की अहम भूमिका बताई जा रही है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं में इस बात की खुशी है कि पार्टी ने अपनी पिछली गलतियों से सबक लेते हुए एक जमीनी नेता को संगठन खड़ा करने की जिम्मेदारी है. कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का कहना है कि इससे कांग्रेस में अब नई जान आएगी.
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दिलचस्प है लल्लू के विधायक बनने की कहानी
40 वर्षीय अजय कुमार लल्लू फिलहाल कुशीनगर जिले की तमकुहीराज विधानसभा सीट से विधायक हैं. पाॅलिटिकल साइंस से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद से ही राजनीति में सक्रिय हो गए. उन्होंने छात्रसंघ का चुनाव भी लड़ा जिसमें पहली बार में उन्हें हार मिली लेकिन दूसरी बार उन्हें जीत हासिल हुई. इसके बाद वह सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे और जनता से जुड़े मुद्दों पर अधिकारियों का घेराव व धरना प्रदर्शन भी करते रहे.
अजय बताते हैं कि साल 2007 विधानसभा में चुनव लड़ने का फैसला किया. किसी पार्टी से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय ही लड़ गए. इस चुनाव में उनकी जमानत जब्त हो गई. किसान परिवार से ताल्लुख रखने वाले अजय के सामने रोजी रोटी का संकट आ गया. निराश लल्लू दिल्ली चले गए और नोएडा में नौकरी करने लगे. नौकरी भी ऐसी जिसमें मजदूरी भी करनी पड़ी. वह कंस्ट्रक्शन के व्यापार से जुड़े अपने लोगों के साथ काम करने लगे जिसमें कई बार मजदूरों के साथ सरिया तक उठाना पड़ता था. लगभग आठ महीने बाद कुछ पैसे कमाकर अपने गांव वापस लौटे तो गांव वालों ने उन्हें रोक लिया और राजनीति में दोबारा आने को कहा.
फिर यूं बदल गई जिंदगी
लल्लू ने तमकुहीराज की जनता की आवाज फिर से उठाना शुरू कर दी. धरना प्रदर्शन किए और कई बार जेल भी गए. इसी बीच 2012 विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस से टिकट मिल गया. इस चुनाव में वह बीजेपी उम्मीदवार को 5 हजार से अधिक वोटों से हराकर विधायक बने. 2017 विधानसभा चुनाव में उन्होंने फिर जीत हासिल की जिसके बाद उन्हें कांग्रेस विधानमंडल का नेता चुना गया. इसके बाद गुजरात व मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की स्क्रीनिंग कमेटी में भी उन्हें जगह दी गई और अब माना जा रहा है कि राहुल गांधी की सलाह पर प्रियंका गांधी ने उन्हें अपनी टीम का सबसे अहम सदस्य बना लिया है.
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मैं धन्यवाद देना चाहुंगा हमारे नेता,प्रेरणास्रोत काँग्रेस अध्यक्ष आदरणीय श्री राहुल गांधी जी का जिन्होंने आज टि्वटर पर मुझे फॉलो किया। कॉंग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता के रूप आम-आवाम की लड़ाई को पूरी निरंतरता व मज़बूती से लड़ने की कोशिश करूंगा ॥@RahulGandhi pic.twitter.com/s4AXI2uavb
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) June 23, 2019
लल्लू पर अब कांग्रेस को यूपी में दोबारा से खड़ा करने की जिम्मेदारी है. वह ये भी बखूबी समझते हैं कि यूपी में कांग्रेस का हाल और अंदरूनी राजनीति के कारण उनकी राह आसान नहीं होने वाली. वहीं पार्टी आलाकमान ने अभी यूपी चीफ राजबब्बर का इस्तीफा नहीं स्वीकारा है लेकिन सूत्रों की मानें तो जल्द ही इस पर फैसला होगा. हालांकि पीसीसी अध्यक्ष अब कोई भी बने संगठन खड़ा करने की अहम जिम्मेदारी लल्लू को मिल गई है.
Mujhe bjp ki jo galat rajniti he oski jankari wa news chahiy