जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुत दिनों बाद अपने राजकीय आवास से बाहर आए तो एक अलग ही मूड में नजर आए. उन्होंने कई बातें ऐसी की जिनके बहुत गहरे अर्थ होते हैं.
एक तरफ वह अभिभावक की तरह बात कर रहे थे तो दूसरी तरफ कुशल प्रशासक के रूप में प्रशासनिक मशीनरी के साथ कई अन्य लोगों को भी को हिदायत भी दे रहे थे.
प्रदेश के मुखिया होने के नाते कई मामलों पर उनकी चिंता दिखाई दी तो अपराधियों को सख्त लहजे में चेतावनी भी नजर आ रही थी.
मौका था एसएमएस स्टेडियम में राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलंपिक खेलों के उद्घाटन का जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के बाद वे पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
इस दौरान उनका प्रदेश के अभिभावक का रूप देखने को मिला जब वे बालिग और नाबालिग बच्चों के घर से भाग जाने की घटनाओं पर दुख जताते हुए अपील कर रहे थे कि माता-पिता बच्चों की भावनाओं को समझें और उनको समझाएं.
माता-पिता को संदेश
यह प्रदेश के सभी माता-पिता को गहलोत का संदेश था कि बदलते परिवेश में बच्चों को संभालना उनकी पहली जिम्मेदारी है और वह जमाने को देखते हुए इस जिम्मेदारी का निर्वहन करें.
उनका कहना था बच्चे कई बार घर से भाग जाते हैं आत्महत्या कर लेते हैं, एक दूसरे को मार डालते हैं अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि ऐसी नौबत नहीं आने दें.
सीएम गहलोत ने इस बात पर चिंता जता रहे थे कि बच्चे घर से भाग जाते हैं तो उनके साथ कुछ गलत घटित हो जाता है. उनका इशारा जोधपुर की घटना की ओर था जिसमें एक नाबालिग लड़का और लड़की घर से भागे जिसके बाद एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा वह नाबालिग लड़की गैंगरेप की शिकार हो गई.
गहलोत कह रहे थे कि यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि बच्चों को अच्छे संस्कार दें और भी अपना भला बुरा समझ सकें. युवाओं की क्षमता की चर्चा करते हुए गहलोत ने कहा कि वह देश के कर्णधार हैं समाज का भविष्य हैं उनमें से कई इंजीनियर डॉक्टर आईएएस बन कर देश और समाज की सेवा करेंगे. प्रदेश के युवा आगे बढ़े ऐसी गहलोत उम्मीद कर रहे थे.
यह तो था उनका नरम तेवर वाला रूप
यह भी पढ़ें: ‘देश के लिए महत्वपूर्ण दिन’, 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास पर बोले धर्मेंद्र प्रधान
मनचलों को हिदायत
अब बात करते हैं गरम तेवर वाले अशोक गहलोत की जो सख्त लहजे में मनचलों को हिदायत दे रहे हैं कि अगर प्रदेश की बहन बेटियों की तरफ आंख उठाई तो मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा. उन्होंने कहा कि मैंने सरकार के उच्च अधिकारियों से कहा है कि इन मनचलों का इलाज करो. जब वे ऐसा कह रहे हैं तब एक कठोर प्रशासक के दर्शन हो रहे होते हैं.
गहलोत ने कहा, “जो भी बालिका किशोरी और महिलाओं के साथ बदतमीजी करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. जो भी इस तरह की हरकतें करता है उसके नाम आरपीएससी और दूसरी संस्थाओं को भेजो जिससे ऐसे लोग सरकारी सेवाओं में नहीं आ सके.”
ऐसे कठोर तेवर वाले गहलोत कभी दिखे नहीं इतना ही नहीं वह गैंगस्टर्स को भी चेता रहे हैं कि अगर उन्होंने कोई घटना कारित की तो सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी.
दृढ़ शब्दों में वे चेतावनी दे रहे हैं कि राजस्थान गैंगस्टर्स की शरणस्थली नहीं बनेगा. फिरौती रंगदारी अपरहण जैसी वारदातों पर इन्हें बख्शा नहीं जाएगा. इनके खिलाफ राजस्थान संगठित अपराध प्रतिरोध अधिनियम के तहत कार्यवाही होगी जिससे जमानत और अग्रिम अग्रिम जमानत के उन्हें लाले पड़ जाएंगे.
भीलवाड़ा की घटना पर बोलना थोड़ा आश्चर्यजनक था इसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा चंद घंटों के भीतर आरोपियों को पकड़ना प्रदेश की कानून और व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने वालों को जवाब है. जो लोग इसमें लिप्त थे उनको पकड़ने में पुलिस ने तत्परता दिखाई यह इस बात का सबूत है कि पुलिस मुस्तैद है सजग है और वारदातों को खुलासा करने में कोई कोताही नहीं बरती है.
भ्रष्टाचार पर सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति की बात करते हुए उन्होंने कहा, “राजस्थान में आईएएस से लेकर पटवारी आरपीएससी सदस्य और महापौर के पति भ्रष्टाचार में पकड़े जा रहे हैं. भाजपा वाले हल्ला करते हैं कि भ्रष्टाचार बढ़ गया अरे भाई प्रचार नहीं बड़ा भ्रष्टाचार करने वालों पर छापों की संख्या बढ़ गई.”
उन्होंने आगे कहा कि भ्रष्टाचार करने वाले ज्यादा इसलिए पकड़े जा रहे हैं कि हम खुद अपने पकड़वा रहे हैं सरकार ने एसीबी को पूरी आजादी दे रखी है अगर कोई भ्रष्टाचार करता है तो उसे बख्शा नहीं जाए.
सीएम ने कहा कि केवल राजस्थान ही ऐसा प्रदेश है जहां एसीबी को भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए मुख्यमंत्री गृहमंत्री की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होती. भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने में एसीबी ने पूरे देश में रिकॉर्ड कायम किया है. भाजपा वाले बताएं कि मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और गुजरात में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कितनी कार्रवाई हुई?
बहरहाल, अशोक गहलोत जिन तेवरों के साथ दिखाई दिए ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया था और वह यह कहने से भी नहीं चुके की मणिपुर की तुलना राजस्थान से करना प्रदेश के स्वाभिमान पर चोट है. आत्मविश्वास से लबरेज गहलोत ने दृढ़ता के साथ कहा कि हमारी सरकार रिपीट हो रही है.
यह भी पढ़ें: ओलम्पिक साइक्लिस्ट से भारत क्या सीख सकता है कि ग्रोथ के लिए एक लीड सेक्टर की जरूरत होगी