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Saturday, 21 December, 2024
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समिति का फैसला, मेघालय-असम सीमा पर 36 विवादित गांवों में से 30 मेघालय में रहेंगे: कोनराड संगमा

2011 मेघालय ने 36 गांवों पर अपना दावा ठोका था लेकिन क्षेत्रीय समिति ने 30 गांवों को राज्य रहने देने को कहा है.

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शिलांग: मेघालय और सीमा पर मौजूद 36 गांवों में से 30 मघेलाय में रहेंगे. मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने विधानसभा ये जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन 36 विवादित गांवों को लेकर दोनों की राज्यों की समितियों 36 में से 30 गांव मेघालय में रहने देने की सिफारिश की है.

सीएम ने कहा कि मेघालय-असम सीमा से लगे 36 विवादित गांव जो कि 36.9 किमी का एरिया कवर करते हैं, इनमें से 30 गांव 18 वर्ग किमी में मेंघालय में फैले हुए हैं.

गौरतलब है कि 2011 मेघालय ने 36 गांवों पर अपना दावा ठोका था लेकिन क्षेत्रीय समिति ने 30 गांवों को राज्य रहने देने को कहा है.

मुख्यमंत्री संगमा ने अंतर-राज्यीय सीमा विवाद हल करने के लिए असम सरकार के साथ वार्ता की प्रगति पर सदन को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों राज्य इस पर राजी हो गए हैं कि पहले से चिह्नित 12 इलाकों में ऐसा कोई नया इलाका नहीं जोड़ा जाएगा, जिस पर मतभेद हो.

उन्होंने कहा, ‘मेघालय ने 2011 में जिन 36 गांवों पर दावा किया था, उनमें से दोनों राज्यों की क्षेत्रीय समितियों ने 30 गांवों को मेघालय में रहने देने की सिफारिश की है. हालांकि, जमीन का मालिकाना हक सीमा का निर्धारण करने के बाद प्रभावित नहीं होगा.’

दावे के मुताबिक 8 गांव राज्य में बने रहेंगे

संगमा ने कहा, ‘मेघालय ने ताराबाड़ी इलाके में जिन आठ गांवों पर दावा जताया था, वे राज्य में बने रहेंगे. गिजांग में हमने तीन गांवों पर दावा किया था और उनमें से दो राज्य में बने रहेंगे. हमें हाहीम में 12 गांवों में से 11 मिलेंगे. बोकलापाड़ा में दो में से एक, खानपाड़ा-पिल्लंगकाटा में छह में से पांच और रतचेरा में पांच में से तीन गांव मिलेंगे.’

उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्रियों की अध्यक्षता में दोनों राज्यों की क्षेत्रीय समितियों ने चर्चा, दौरा और सर्वेक्षण किया और इस कवायद में विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया गया. दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा इन इलाकों का अधिक सटीक तरीके से निर्धारण किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों राज्यों ने इस विवाद को खत्म करने के लिए जनवरी में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे और मतभेद वाले छह इलाकों में बातचीत की गयी थी तथा इसके नतीजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे गए थे.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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