बेंगलुरू (कर्नाटक) : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) को निर्देश दिया कि उत्पादकों के लिए सरकार की तरफ से दूध खरीद की निर्धारित कीमत को कम न करें.
उन्होंने कहा, ‘कोई अचानक कीमतों में कटौती नहीं कर सकता. इसको लेकर कोई भी फैसला सरकार से बातचीत के बाद लिया जाना चाहिए.’ सरकार के बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के प्रबंध निदेशक से इस बाबत बात की है.’ अगर मूल्य में कटौती होती है तो किसानों को नुकसान होगा. इस बात का ध्यान रखें.’
मुख्यमंत्री का यह निर्देश ‘बेंगलुरू मिल्क प्रोड्यूसर्स’ यूनियन (बीएएमयूएल) की उस घोषणा के बाद आया है कि, जिसमें उसने गर्मी मेंं दूध का उत्पादन कम होने पर 1 अप्रैल से 31 मई तक 2.85 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से विशेष प्रोत्साहन देने की बात कही थी.
लेकिन जिलों में अच्छी बारिश होने के बाद जिसके बाद बीएएमयूएल का हरा चारा उपलब्ध हो गया है, परिणामस्वरूप दूध का उत्पादन बढ़ा है. लिहाजा उसने प्रोत्साहन राशि 1.50 रुपये कम करने का आदेश जारी किया था.
हाल में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान गुजरात स्थित मिल्क कोऑपरेटिव अमूल के राज्य में अपने दूध और दही के सप्लाई के घोषणा के बाद विवाद खड़ा हो गया था. कांग्रेस और बाकी समूहों ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर बेंगलुरू में अमूल को दूध और दही बेचने की अनुमति देने को लेकर हमला बोला था, यह आरोप लगाते हुए कि यह राज्य के लोकल ब्रांड नंदिनी को नुकसान पहुंचाएगा.
यह विवाद तब पैदा हुआ था जब केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने पिछले साल दिसंबर में सहकारी-मॉडल-आधारित डेयरी कंपनियों – अमूल और नंदिनी के बीच सहयोग की अपील की थी.
यह भी पढ़ें : बृज भूषण सिंह इतने ताकतवर कैसे हो गए- दाऊद, बाबरी, टाडा जैसे मामलों से बच निकलते रहे