नई दिल्ली: बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर दिए गए बयान को लेकर मांझी आज विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर के बाहर धरने पर बैठ गए. मांझी के साथ एनडीए के बाकी दलों के विधायक भी उनके समर्थन में धरने पर बैठ गए. मीडिया से बात करते हुए कहा, “नीतीश जी गुस्से में बोले. मैं 80 साल का हूं और वो 74 साल के हैं. मैं 1980 में विधायक बना जबकि वो 1985 में विधायक बने थे. उनको तू तड़ाक करके बात नहीं करना चाहिए था. सीएम को विषैला खाना खिलाया जा रहा है. जिसका कारण है कुछ दिनों से पता नहीं वह क्या बोल रहे हैं. उनका संस्कार खत्म हो गया है.”
मांझी के साथ धरने पर बैठे बीजेपी विधायकों ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है.
मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “विधानसभा अध्यक्ष सदन के अधिरक्षक हुआ करते हैं, लेकिन वो अपना सारा निर्णय सत्ता पक्ष को दे रहे हैं, जो संविधान और लोकतंत्र के लिए घातक है. नीतीश कुमार तो दोषी है ही लेकिन हमारे अध्यक्ष भी कम दोषी नहीं हैं.”
क्या कहा था नीतीश ने
बीते दिनों बिहार विधानसभा में जीतन राम मांझी ने भड़कते हुए कहा था, “इस आदमी को कोई आईडिया नहीं है. इसको हमने मुख्यमंत्री बना दिया था. दो महीने के अंदर ही मेरी पार्टी के लोग बोलने लगे इसको हटाइए. ये गड़बड़ है. फिर हम मुख्यमंत्री बने थे. कहता रहता है कि ये मुख्यमंत्री था, ये क्या मुख्यमंत्री था. ये मेरी मुर्खता से मुख्यमंत्री बना था. ये गवर्नर बनना चाहता था.”
इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि इनको राज्यपाल बना दीजिए.
हालांकि, बाद में विधानसभा के बाहर नीतीश कुमार पर हमला करते हुए नीतीश ने कहा, “नीतीश कुमार को लगता है कि आपने मुझे मुख्यमंत्री बनाया तो यह आपकी भूल है. जब पार्टी विधायकों ने आपको लतियाना ने शुरू किया तब आप कुर्सी छोड़कर भाग गए थे.”
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