नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन यह पद उन्हें छोड़ नहीं रहा है और शायद छोड़ेगा भी नहीं.
इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि अलाकमान का फैसला जो भी होगा वह सबको स्वीकार होगा.
गहलोत ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ मतभेदों की पृष्ठभूमि में कहा कि उन्होंने ‘भूलो और माफ करो’ की नीति पर अमल किया है.
राजस्थान में उनकी सरकार से बगावत करने वाले सचिन पायलट और उनके विधायकों को टिकट दिए जाने के सवाल पर सीएम ने कहा, “अभी सिर्फ जीत क्राइटेरिया है बाकी हम सब भूल चुके हैं. पायलट के साथ जो गए थे उनके टिकट क्लीयर हो रहे हैं. एक टिकट पर भी मैंने विरोध नहीं किया है.”
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की जीत के बाद वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगे, तो गहलोत ने कहा, ” मैंने पहले भी कहा था.मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन यह पद मुझे छोड़ नहीं रहा है. शायद छोड़ेगा भी नहीं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस अलाकामन का जो भी फैसला होगा वह सबको स्वीकार होगा.”
गहलोत ने आगे कहा कि, “सोनिया गांधी जी (कांग्रेस) अध्यक्ष बनने के बाद, उन्होंने पहला निर्णय मुझे मुख्यमंत्री बनाने का लिया. मैं सीएम उम्मीदवार नहीं था, लेकिन उन्होंने मुझे सीएम के रूप में चुना.”
#WATCH | "After Sonia Gandhi ji became (Congress) president, the first decision she took was to make me the chief minister. I was not the CM candidate but she selected me as the CM…I want to leave the CM post but this post is not leaving me and it won't leave me also," says… pic.twitter.com/LOBvzYSnPL
— ANI (@ANI) October 19, 2023
टिकटों के बंटवारे के संदर्भ में गहलोत ने कहा कि जीत की संभावना ही उम्मीदवारी का मुख्य आधार होगा.
प्रदेश में आचार संहिता लागू होने के बाद ईडी की कार्रवाई को लेकर भी सीएम अशोक गहलोत ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत संजीवनी घोटाले के आरोपी उनकी जांच क्यों नहीं की जा रही पर गहलोत बोले, “यहां के सांसद ईडी के ऑफिस में जाकर झूंठी शिकायत करते हैं और उनके कहने पर ईडी कार्रवाई के लिए आ जाती है”
उन्होंने आगे कहा कि सांसद किरोड़ी ने तूफान मचा दिया कि लॉकर में 500 करोड़ रुपये पड़े हैं, ईडी वहां पहुंच गई.
गहलोत की मीडिया से बातचीत के बाद राजस्थान से बीजेपी के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पलटवार करते हुए कहा, ”जब राजस्थान और राजस्थान की जनता को आपकी जरूरत थी और जब आपको जिम्मेदारी दी गई तो आपकी पार्टी में खींचतान चल रही थी. साढ़े चार साल तक यही स्थिति रही कांग्रेस में घमासान. आपने साढ़े चार साल तक अपनी चिंता की, अब चुनाव के लिए साथ आए हैं.साथ हैं तो लिस्ट क्यों जारी नहीं कर रहे?. अब आपका समय जा चुका है.”
बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने आगे कहा, “राजस्थान सरकार क्या छिपाना चाहती है कि उसने सीबीआई को जांच की इजाजत नहीं दी? तो फिर राजस्थान सरकार को खुद जांच करनी चाहिए.”
राठौड़ ने आगे कहा कि राजस्थान में कई घोटाले हो रहे हैं. पेपर माफिया हो या खनन माफिया. सचिवालय से करोड़ों रुपये और सोना बरामद हुआ. ये पैसा किसका है?. किसी को तो पूछताछ करनी ही पड़ेगी.कभी न कभी तो पूछना ही पड़ेगा जांच एजेंसियों के सामने आएं.आप यह बहाना नहीं बना सकते कि चुनाव हो रहे हैं इसलिए जांच एजेंसियों को काम नहीं करना चाहिए.राजस्थान की कांग्रेस सरकार खुद इसकी जांच कर सकती थी. जब आपने जांच नहीं की तो केंद्र सरकार का अधिकार है ऐसा करने के लिए.”
#WATCH | Jaipur, Rajasthan: BJP MP Rajyavardhan Singh Rathore says, "…What does the Rajasthan government want to hide that it has not given permission to the CBI for an inquiry? The Rajasthan government then should do the inquiry themselves…Many scams are happening in… pic.twitter.com/3q0il4ccuY
— ANI (@ANI) October 19, 2023
गहलोत ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह विपक्ष को अपना शत्रु समझते हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह भी किया कि वह देश में सामाजिक सुरक्षा का कानून बनाएं.
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