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Wednesday, 20 November, 2024
होमराजनीति'ये मेरी मूर्खता से CM बना', नीतीश कुमार का जीतनराम मांझी पर फूटा गुस्सा, कहा- वह गवर्नर बनना चाहता है

‘ये मेरी मूर्खता से CM बना’, नीतीश कुमार का जीतनराम मांझी पर फूटा गुस्सा, कहा- वह गवर्नर बनना चाहता है

जीतन राम मांझी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "मुझे आश्चर्य है कि क्या ये वही नीतीश कुमार हैं जो आज से कुछ दिनों पहले हुआ करते थे. मुझे लगता है कि कहीं न कहीं उनके दिमाग में कुछ कमजोरियां हैं."

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नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पर हमला करते हुए कहा कि यह मेरी गलती थी कि मैंने इस व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना दिया था.

बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार ने कहा, “यह मेरी गलती थी कि मैंने इनको मुख्यमंत्री बना दिया था. दो महीने में ही मेरी पार्टी के लोग कहने लगे कि कुछ गड़बड़ है इन्हें हटाओ. फिर मैं इन्हें हटाकर सीएम बन गया. वे कहते रहते हैं कि वह भी मुख्यमंत्री थे. वह मेरी मूर्खता के कारण मुख्यमंत्री बने.”

नीतीश के बयान के बाद विरोध में खड़े हुए बीजेपी विधायकों से उन्होंने कहा, “यह आदमी हमेशा आपकी कंपनी में रहना चाहता था. जब एक साल पहले मैंने BJP को छोड़ दिया तो मैंने उससे यहीं रहने के लिए कहा था, लेकिन उसने जोर देकर कहा कि वह मेरे साथ आना चाहता है. अब वह भाग गया है. वह गवर्नर बनना चाहता है.”

मुख्यमंत्री बयान देते हुए काफी गुस्से में आ गए थे. वह तब तक अपनी सीट पर नहीं बैठे जब तक विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने उनसे कहा कि ”आखिरकार, वह आपके आशीर्वाद के कारण ही मुख्यमंत्री बने थे.”

इसके बाद बाहर निकल कर मांझी ने मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार के बयान का खंडन किया. उन्होंने मीडिया से कहा, “मुझे आश्चर्य है कि क्या ये वही नीतीश कुमार हैं जो आज से कुछ दिनों पहले हुआ करते थे. मुझे लगता है कि कहीं न कहीं उनके दिमाग में कुछ कमजोरियां हैं, जिस वजह से वे ऐसी बात कर रहे हैं. वे 1985 में विधायक बनें, मैं 1980 से विधायक हूं. वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं.”

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए आगे कहा, “नीतीश कुमार 2014 में हार गए थे. सब लोग कहने लगे कि नीतीश कुमार इस्तीफा दो. अपनी लाज बचाने के लिए उन्होंने सीधे-साधे आदमी को मुख्यमंत्री बनाने का काम किया. जीतन राम मांझी को उन्होंने कम समझा था.”

उन्होंने आगे बताया, “नीतीश कुमार बार-बार कहते हैं कि मांझी जी आपके बारे में बहुत सोचा गया है. उस समय हमलोग एनडीए में थे. उस समय मुझे राज्यपाल बनाया जा रहा था लेकिन मैं नहीं बना. मैंने उन्हें कह दिया था कि मैं कोल्ड स्टोर में नहीं जाऊंगा. मैं सपने में भी राज्यपाल के बारे में नहीं सोच सकता हूं. सीएम नीतीश कुमार मुझे अपनी पार्टी में शामिल करना चाहते थे. जब मैंने ऐसा नहीं किया तो नीतीश कुमार मेरा विरोध करने लगे. मुझे नीतीश कुमार को देखकर दया आ रही है कि जो आदमी इतने दिनों से मुख्यमंत्री है, उनकी मानसिक स्थिति ऐसी हो गई. तीन दिन पहले ही उन्होंने महिलाओं का अपमान किया. अब दलित का भी अपमान कर दिया है.”

कुमार ने विधानसभा में यह टिप्पणी तब की जब मांझी, जिनकी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (एचएएम) अब बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ हैं, राज्य सरकार के जाति सर्वेक्षण पर संदेह व्यक्त करते हुए अपनी बात रख रहे थे. जिसके बाद सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया.

विधानसभा में आज बिहार सरकार ने आरक्षण का दायरा बढ़ाने वाला विधेयक पास करवाया, जिसमें एससी, एसटी, ईबीसी और ओबीसी के लिए कोटा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया जाना है. सरकार का प्रस्ताव आरक्षण बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का है. इसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का 10 प्रतिशत कोटा भी शामिल है, जिसे केंद्र ने कुछ साल पहले पेश किया था और राज्य सरकार ने लागू किया गया था.


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