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Friday, 1 November, 2024
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कर्नाटक में सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने किया इस्तीफे का एलान

बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद पहले दिन से ही उन्हें कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है लेकिन लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए मैंने ईमानदार प्रयास किए हैं.

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बेंगलुरु: अपने कार्यकाल के दो साल पूरे होने और लंबे समय से कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने रहने और न रहने के बीच सोमवार को मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने ‘इस्तीफा’ देने का एलान किया है. येदियुरप्पा ने भावुक होते हुए कहा कि दोपहर के भोज के बाद राज्यपाल को इस्तीफा सौपेंगे.’

बता दें कि आज येदियुरप्पा के कर्नाटक में मुख्यमंत्री बनने के दो साल पूरे हो रहे हैं.

हालांकि, कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर रविवार को कहा था कि वह इस पद पर बने रहेंगे या नहीं, कल तक पता चल जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह अगले 10 से 15 साल तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए काम करना जारी रखेंगे.

कर्नाटक के सबसे प्रभावशाली लिंगायत नेता और राज्य में दो दशक से भाजपा का चेहरा रहे 78 वर्षीय येदियुरप्पा ने कहा था कि उन्हें अब तक केंद्रीय नेतृत्व से ‘संदेश ’ नहीं मिला है कि इस पद पर बने रहना है या हटना है.

मुरुगेश निरानी के नाम पर है चर्चा

कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच राज्य के मंत्री मुरुगेश निरानी भाजपा नेताओं से मिलने रविवार को अचानक दिल्ली पहुंचे हैं. हालांकि, निरानी के करीबी लोगों ने दावा किया कि वह निजी दौरे पर राष्ट्रीय राजधानी आए हैं.

खदान मंत्री निरानी भी येदियुरप्पा की तरह लिंगायत समुदाय से संबंध रखते हैं. भाजपा के महासचिव सी टी रवि, कर्नाटक सरकार में गृह मंत्री बसवराज बोम्मई और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के अलावा निरानी का नाम भी मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है.

बता दें कि मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बीच पिछले हफ्ते येदियुरप्पा दिल्ली दौरे पर थे और उन्होंने इस दौरान पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की थी.


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दो महीने पहले की थी इस्तीफे की पेशकश 

रविवार को येदियुरप्पा ने बताया कि उन्होंने दो महीने पहले ही इस्तीफे की पेशकश कर दी थी और दोहराया कि अगर पार्टी नेतृत्व की इच्छा रही तो वह मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे और अगर उन्हें यह पद छोड़ने को कहा गया तो इस्तीफा देंगे और पार्टी का काम करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘मैं अगले 10 से 15 साल तक दिन-रात पार्टी के लिए काम करूंगा. इस बारे में कोई आशंका नहीं होनी चाहिए.’

येदियुरप्पा ने कहा कि वह सोमवार को एक कार्यक्रम में पूर्व की योजना के तहत अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बात करेंगे. येदियुरप्पा ने कहा,‘ उसके बाद अन्य बातें होंगी जिसकी जानकारी दी जाएगी.’

जब उनसे पूछा गया कि अगर केंद्रीय नेतृत्व से ‘संदेश’ आता है तो वह क्या करेंगे, तब येदियुरप्पा ने कहा, ‘मैं उसके बाद फैसला लूंगा.’

इससे पहले बेलगावी के जिला मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में येदियुरप्पा ने कहा कि वह पार्टी नेतृत्व के फैसले का अनुपालन करेंगे. वह ‘ सहमत और संतुष्ट’ हैं और पार्टी के अनुशासन को नहीं तोड़ेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुझे पार्टी में ज्यादातर पद मिले जो कर्नाटक में किसी और को नहीं मिले. इसके लिये मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा का आभार व्यक्त करता हूं.’

लिंगायत नेता येदियुरप्पा ने कहा कि उनका ‘एकमात्र लक्ष्य’ अगले दो वर्षों तक कड़ी मेहनत करना और कर्नाटक में भाजपा को सत्ता में वापस लाना है. येदियुरप्पा ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि के इस बयान से सहमति जताई कि भाजपा में हर कोई एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता है और उसे पार्टी के निर्देशों का पालन करना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘वह 100 प्रतिशत सही हैं. हम अनुशासन की सीमा को पार नहीं करेंगे. हम इसका पालन कर रहे हैं और भविष्य में भी ऐसा करेंगे.’

पणजी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार को मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की उनके ‘ अच्छे काम’ के लिए प्रशंसा की थी. उन्होंने कहा था , ‘येदियुरप्पा ने अच्छा काम किया है. कर्नाटक अच्छा कर रहा है. येदियुरप्पा अपने तरीके से चीजों का ध्यान रख रहे हैं.’

यह पूछे जाने पर कि क्या दक्षिणी राज्य में नेतृत्व का संकट है तो नड्डा ने कहा, ‘आप ऐसा महसूस करते हैं. हमें ऐसा नहीं लगता.’

ऐसा कयास लगाया जा रहा था कि उनके लिए सोमवार का दिन मुख्यमंत्री पद के लिए आखिरी दिन हो सकता है, इसका संकेत देते हुए हाल में येदियुरप्पा ने कहा था कि केंद्रीय नेतृत्व 25 जुलाई को निर्देश देगा और उसके आधार पर वह 26 जुलाई से ‘काम करेंगे.’

येदियुरप्पा ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘ भ्रम की कोई स्थिति नहीं है. नड्डा हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. एक पार्टी कार्यकर्ता के नाते उनके निर्देशों का अनुपालन करना मेरा कर्तव्य है. अच्छे काम के लिए प्रशंसा करने और अन्य मामलों का कोई सबंध नहीं है. कल सुबह तक इंतजार करें. उसके बाद मैं अपना फैसला लूंगा.’

मुख्यमंत्री पद के भविष्य को लेकर संभावित निर्देश के बावजूद सक्रिय रूप से काम करने के सवाल पर येदियुरप्पा ने कहा, ‘मैंने आखिरी क्षण तक काम करने का फैसला किया है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं अगर वे ऐसा करने को कहते हैं तो… अगर वे मुझे इस पद पर काम करते रहने के लिए कहेंगे तो मैं इस पद पर बना रहूंगा अन्यथा इस्तीफा दे दूंगा और पार्टी के कार्यों में शामिल हो जाऊंगा.’

केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश आने तक काम करने का संकेत देते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि सोमवार को उनकी योजना बारिश और बाढ़ प्रभावित कारवार इलाके का दौरा करने की है.

अपने उत्तराधिकारी को लेकर किसी भी टिप्पणी से इनकार करते हुए येदियुरप्पा ने कहा, ‘मैं इस बारे में फैसला लेने वाला नहीं हूं…इस पर फैसला लेना केंद्रीय नेतृत्व का काम है.’

इससे पहले, बेलगावी में येदियुरप्पा ने संतो से आह्वान किया था कि उनके समर्थन में कोई बैठक नहीं की जाए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष नड्डा पर भूरा भरोसा है और वह उनके फैसले का पालन करेंगे.


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