मुंबई: महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक उठा-पटक के बीच अपनी शेरों-शायरी से चर्चा का विषय बने संजय राउत ने महाराष्ट्र के राज्यपाल को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कार्यकर्ता बताया है. उन्होंने ये भी कहा कि सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और पुलिस भाजपा के चार मुख्य पार्टी कार्यकर्ता हैं.
Sanjay Raut, Shiv Sena: CBI, ED, Income Tax Department and Police are the four main party workers of BJP. Present Governor is also their worker. But BJP has got trapped in their own game now. It's beginning of their end. #Maharashtra pic.twitter.com/qvx0Ga0awm
— ANI (@ANI) November 24, 2019
रावत ने कहा, ‘सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और पुलिस भाजपा के चार मुख्य पार्टी कार्यकर्ता हैं. वर्तामान राज्यपाल भी उनके कार्यकर्ता हैं. भाजपा अपने ही खेल में फंस गई है. ये उनके अंत की शुरुआत है.’
राउत ने रविवार को ये दावा भी किया कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन के पास महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 165 विधायकों का समर्थन है.
पत्रकारों से बातचीत में राउत ने आरोप लगाया कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ‘फर्जी’ दस्तावेजों के आधार पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में नयी सरकार के गठन की इजाजत दी.
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को बहुमत साबित करने के लिए दी गई 30 नवंबर की समयसीमा केवल इसलिए दी गई ताकि दल बदल कराया जा सके.
राउत ने कहा, ‘शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के पास 165 विधायक हैं. अगर राज्यपाल पहचान परेड के लिए बुलाते हैं तो 10 मिनट में हम अपना बहुमत साबित कर सकते हैं.’
उन्होंने यह भी कहा कि 23 नवंबर का दिन महाराष्ट्र के इतिहास में ‘काला शनिवार’ था. शिवसेना नेता ने कहा कि भाजपा को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए आपातकाल को ‘काला दिवस’ कहने का कोई अधिकार नही है.
आपको बता दें कि मीडिया में शुक्रवार को ऐसी रिपोर्ट्स छाई थीं कि महाराष्ट्र में गैर-भाजपा गठबंधन शनिवार को सरकार बनाने जा रहा है. लेकिन शनिवार सुबह राज्यपाल ने राज्य के पिछले सीएम देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलवा दी.
एनसीपी मुखिया शरद पवार के भतीजे अजीत पवार को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलवाई गई. भाजपा का ऐसा दावा है कि शरद पवार की पार्टी के विधायक अब अजीत पवार के पास हैं और उनके समर्थन से पार्टी राज्य में सरकार बनाने की स्थिति में है.
हालांकि, तब से लेकर अब तक महाराष्ट्र की राजनीतिक नदी में काफ़ी पानी बह चुका है. भाजपा द्वारा सरकार बनाए जाने को चुनौती देने शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं. वहीं, शरद पवार का दावा है कि एकाध को छोड़कर बाकी विधायक उनके भतीजे के बजाए उनके पाले में हैं. ऐसे में महाराष्ट्र की राजनीतिक उठा-पटक पर सबकी निगाहें बनी हुई हैं.
(पीटीआई/एएनआई के इनपुट के साथ)