नई दिल्ली: सीबीआई अधिकारी एमके सिन्हा ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी ने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच में हस्तक्षेप किया. अस्थाना पर रिश्वतखोरी के आरोप हैं. इसके बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सिन्हा द्वारा न्यायालय के समक्ष किए गए खुलासे पर आश्चर्य जाहिर करते हुए कहा, ‘लोकतंत्र संकट में है और संविधान खतरे में.’
सुरजेवाला ने यहां मीडिया से कहा, ‘गंभीर रूप से चकित करने वाला तथ्य सार्वजनिक हुआ है, जो प्रधानमंत्री मोदी, पीएमओ की कार्यप्रणाली, मंत्री के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप और एनएसए द्वारा आरोपी की मदद और इन संदिग्ध लेन-देन में सीवीसी का नाम आने पर एक सवाल खड़े करता है.’
यह भी पढ़ें: सीबीआई कैसे पिजड़े के तोते से जंगली गिद्ध बन गई
उल्लेखनीय है कि सिन्हा ने अपने आवेदन में 23 अक्टूबर की रात नागपुर किए गए अपने तबादले को रद्द करने की मांग की है और आरोप लगाया है कि मांस कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ मामले में गवाह, सना सतीश बाबू ने ‘केंद्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री हरिभाई पारथीभाई चौधरी को कुछ करोड़ रुपये दिए थे.’ डीआईजी रैंक के अधिकारी सिन्हा, अस्थाना रिश्वतखोरी मामले की जांच की निगरानी कर रहे थे.
अस्थाना मामले में गिरफ्तार बिचौलिए मनोज प्रसाद से अपनी पूछताछ के विवरण पेश करते हुए सिन्हा ने याचिका में कहा है, ‘मनोज प्रसाद के अनुसार, मनोज और सोमेश के पिता, रॉ के सेवानिवृत्त संयुक्त सचिव दिनेश्वर प्रसाद के एनएसए अजित डोभाल से घनिष्ठ संबंध हैं.’
सिन्हा ने कहा है, ‘मनोज को जब सीबीआई मुख्यालय लाया गया, तो सबसे पहले उसने यही बात कही और आश्चर्य व्यक्त किया कि उसके एनएसए डोभाल के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, ऐसे में सीबीआई उसे कैसे उठा सकती है.’
यह भी पढ़ें: डोभाल जी, डरिए मत, गठबंधन की कमज़ोर सरकारों ने ज़्यादा मज़बूत फ़ैसले लिए
याचिका में कहा गया है, ‘प्रसाद ने दावा किया कि हाल ही में उसके भाई सोमेश और सामंत गोयल ने एनएसए को एक महत्वपूर्ण निजी मामले में मदद की थी. उसने आगे कहा कि भारत ने इंटरपोल से एक मामले को वापस ले लिया था. मनोज के इस दावे की सत्यता के सबंध में एनएसए के संबंध में दावे की सत्यता जांचने की कोई कोशिश नहीं की गई.’
सुरजेवाला ने कहा, ‘ये दावे सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष शपथ के तहत किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किए गए, जिसे दस्तावेजों की जानकारी है और ये मोदी सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार को बेनकाब करते हैं.’
…तो देश चलेगा कैसे?’
कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘अगर रक्षक, भक्षक बन जाएंगे, अगर चोरों का संरक्षण पीएमओ में बैठ के होगा, अगर पीएम के मंत्रियो पर सीधे रिश्वत लेने के इल्ज़ाम लगेंगे, अगर पीएमओ के मंत्री उस रिश्वत लेने वाले मंत्री की मदद करेंगे, अगर क़ानून सचिव, तफ़्तीश पर प्रभाव डालेंगे, अगर कैबिनेट सचिव का भी नाम आएगा, तो देश चलेगा कैसे?’
उन्होंने पूछा, ‘क्या मोदी जी देश को बताएंगे कि ये के दो-दो मंत्रियों- और एक पीएमओ में मंत्री- कौन से मंत्री हैं वो, जिनको करोड़ों रुपये मिल रहे थे? और जो अधिकारियों के माध्यम से रिश्वतख़ोरी के इन आरोपों को दबाने का षड़यंत्र कर रहे थे?’
क्या मोदी जी देश को बताएँगे कि ये के दो-दो मंत्रीयों -एक Minister of Coal & Mines और एक PMO में मंत्री -कौन से मंत्री है वो,जिनकों करोड़ो रुपये मिल रहे थे?
और जो अधिकारीयों के माध्यम से रिश्वतख़ोरी के इन आरोपों को दबाने का षड़यंत्र कर रहे थे?पूरा देखें- https://t.co/Co9zmSDCmK pic.twitter.com/LMJPN2rzCi
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 19, 2018
उन्होंने कहा, ‘सीबीआई के अफ़सर मनीष कुमार सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपें अपने शपथपत्र में कहा कि- जब दोषी को पकड़ा गया तो उसने ‘अजीत डोभाल’ के नाम की धौंस जमाई. उन्होंने यहां तक कहा कि वह सीबीआई के उन अधिकारियों को बर्ख़ास्त करा देंगे क्योंकि डोभाल से झगड़ा मोल लेने की अफ़सरों की हिम्मत नहीं है. क्या ये सच है? अगर खुद सीवीसी संदेह के घेरे में आ जाएंगे तो अफ़सरों की जांच करेगा कौन?’
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)