नई दिल्ली: देशव्यापी लॉकडाउन के पांचवें चरण जिसे अनलॉक 1 भी कहा जा रहा है, के दौरान काफ़ी कुछ बदल गया है. एक जून को पींएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग ली गई. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा हो गया है. इसके बाद की ये पहली मीटिंग थी. इस मीटिंग में किसानों की फसलों और एमएसएमई को लेकर कई बड़े फ़ैसले लिए गये. जिसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, प्रकाश जावड़ेकर और नरेंद्र सिंह तोमर ने एक प्रेस कॉनफ़्रेंस के ज़रिए दी.
इस दौरान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक हुई. दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरे होने के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक थी जिसमें कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए. जिससे किसानों, एमएसएमई और रेहड़ी पटरी वालों पर एक परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा.
इस मौके पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, ‘किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य की कुल लागत का डेढ़ गुना ज्यादा रखने का वादा सरकार पूरा कर रही है. खरीफ फसल 20-21 के 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी कर दिया गया है.’
‘इन 14 फसलों पर किसानों को लागत का 50-83% तक ज्यादा दाम हासिल होगा. किसानों के लिए रियायती ब्याज दर वाली स्कीम की सुविधा 31 अगस्त तक बढ़ी. इससे करोड़ों किसानों को फ़ायदा पहुंचेगा.’
तोमर ने कहा कि स्वामीनाथन की रिपोर्ट को पीएम मोदी ने ही लागू किया.लॉकडाउन में ग़रीबों का ख़याल रखा गया है.
तोमर आगे जोड़ते हैं कि गांव, ग़रीब, किसान सरकार के निर्णयों के केन्द्र में हमेशा रहे हैं. उन्होंने साथ ही यह भी बताया कि इस बार बंपर फसल की पैदावार हुई जिसके बाद अब उपार्जन की प्रक्रिया अभी चल रही है. किसानों के लिए घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि समय से कर्ज़ चुकाने पर किसानों को 4 प्रतिशत ब्याज पर ऋण मिलेगा.
कृषि के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि इस बार मक्का में 52 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. 93 लाख मिट्रिक टन धान अब तक खरीदा गया है. सरकार ने 2020-21 के लिये कपास की एमएसपी 260 रुपये बढ़ाकर 5,515 रुपये प्रति क्विंटल की. सरकार ने 2020-21 के लिये धान की एमएसपी 53 रुपये बढ़ाकर 1,868 रुपये प्रति क्विंटल की.
कृषि के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि इस बार मक्का में 52 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. 93 लाख मिट्रिक टन धान अब तक खरीदा गया है.
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छह करोड़ एमएसएमई, 25 लाख पुनर्गठन की उम्मीद
वहीं एमएसएमई को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि फ़िलहाल देश में 6 करोड़ एमएसएमई हैं और इनके ज़रिए लोगों को 11 करोड़ से ज्यादा नौकरी मिली हैं. अब 25 लाख एमएसएमई के पुर्नगठन की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि लघु उद्योग अभी कठिन दौर से गुज़र रहे हैं. लेकिन जल्द ही 2 लाख एमएसएमई नए फंड से शुरू किए जाएंगे. कमजोर उद्योगों को उभारने के लिए 4 हजार करोड़ के फंड को मंजूरी दी गई है.
एमएसएमई को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि फ़िलहाल देश में 6 करोड़ एमएसएमई हैं और इनके ज़रिए लोगों को 11 करोड़ से ज्यादा नौकरी मिली हैं. अब 25 लाख एमएसएमई के पुर्नगठन की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि लघु उद्योग अभी कठिन दौर से गुज़र रहे हैं. लेकिन जल्द ही 2 लाख एमएसएमई नए फंड से शुरू किए जाएंगे. कमजोर उद्योगों को उभारने के लिए 4 हजार करोड़ के फंड को मंजूरी दी गई है.