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Saturday, 11 May, 2024
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नागरिकता कानून पर सीएम सोनोवाल बोले- असम के बेटों का अधिकार कोई नहीं चुरा सकता, बहाल हुई इंटरनेट सेवा

नए कानून को लेकर पिछले कई दिनों से चल रहे हिंसक विरोध-प्रदर्शन को लेकर असम में बंद कर दी गई थी इंटरनेट सेवा.

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नई दिल्ली : असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्य के नागरिकों को उनके सम्मान की रक्षा करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा है ‘मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी असम की धरती के बेटों के अधिकारों को कोई नहीं चुरा सकता है, हमारी भाषा या हमारी पहचान को कोई खतरा नहीं है. राज्य में 9 बजे इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया गया है.

वहीं कानून को लेकर देशभर में चल रहे विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने उत्तर प्रदेश, कर्नाटक के दक्षिणई कन्नड़, दिल्ली सहित कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं.

पिछले कई दिनों से नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे हिंसक विरोध को लेकर असम में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी जिसे आज बहाल किया गया है. मंत्री हिमंत विश्व सरमा ने कहा है कि असम में मोबाइल इंटरनेट सेवा शुक्रवार को बहाल की जाएगी.

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कहा कि किसी भी तरह से असम का सम्मान प्रभावित नहीं होगा. हम लोगों का समर्थन हमेशा रहेगा और राज्य में शांति के साथ आगे बढ़ेंगे.

उन्होंने कहा, ‘मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी असम की धरती के बेटों के अधिकारों को नहीं चुरा सकता है, हमारी भाषा या हमारी पहचान को कोई खतरा नहीं है.’

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असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कहा कि किसी भी तरह से असम का सम्मान प्रभावित नहीं होगा. हम लोगों का समर्थन हमेशा रहेगा और राज्य में शांति के साथ आगे बढ़ेंगे.

 

उन्होंने कहा, ‘मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी असम की धरती के बेटों के अधिकारों को नहीं चुरा सकता है, हमारी भाषा या हमारी पहचान को कोई खतरा नहीं है.

असम के सीएम ने कहा सर्बानंद ने कहा कहा कि वह संशोधित नागरिकता कानून की वजह से लोगों के गुस्से का सामना कर रहे हैं.

सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के बाद लखनऊ में इंटरनेट सेवाएं बंद की गई

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने रात करीब सवा नौ बजे लखनऊ में इंटरनेट सेवाएं बंद दी.

राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि सोशल मीडिया पर किसी तरह का दुष्प्रचार न होने पाए और लोगों की भावनाएं भड़काने वाली कोई पोस्ट प्रसारित नहीं होने पाए, इस मकसद से इंटरनेट सेवाओं को बंद किया गया है.

उन्होंने बताया कि कल जुमे की नमाज होने की वजह से किसी तरह की कोई अशांति पैदा न हो, इस वजह से प्रशासन ने यह कदम उठाया है.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसक प्रदर्शन पर सख्त रुख अपनाया था और सार्वजनिक संपत्ति को हुई नुकसान की भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति से करने की बात की थी.

उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. संशोधित नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर कांग्रेस, सपा और वाम दलों ने पूरे देश को आग में झोंक दिया है.’

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद की गई

कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को दक्षिण कन्नड जिले में अगले 48 घंटों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी. यह कदम मंगलुरु शहर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद उठाया गया.

इस बारे में जारी अधिसूचना में कहा गया कि यह फैसला सोशल मीडिया मंचों का दुरुपयोग रोकने और शांति व्यवस्था को भंग होने से बचाने के लिए किया गया है.

उल्लेखनीय है कि सीएए के खिलाफ मंगलुरु में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर पुलिस की गोलियों से दो लोगों की मौत हो गई थी.

सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में मंगलुरु में दो की मौत, सैकड़ों हिरासत में

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ गुरुवार को दक्षिण भारत के कई शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए. कर्नाटक के मंगलुरु में हिंसक हुए प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस द्वारा चलाई गई गोलियों के कारण दो लोगों की मौत हो गई. वहीं निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर प्रदर्शन करने के आरोप में प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा सहित सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया.

मंगलुरु में प्रशासन ने शुक्रवार रात तक कर्फ्यू लगा दिया है.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने मंगलुरु उत्तर पुलिस थाने पर कब्जा करने और पुलिसकर्मियों पर हमला करने की कोशिश की जिसके बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलायी गयी.

पुलिस ने पुष्टि की कि दो लोग पुलिस की गोलियों से घायल हुए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.
मृतकों की पहचान जलील कुदरोली (49) और नौशीन (23) के तौर पर की गई है.

हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर गाजियाबाद में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर 24 घंटे की रोक

उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में नए नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर गाजियाबाद में गुरुवार रात 10 बजे से 24 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गयी है.

एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि सांप्रदायिक शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले संदेशों से बचने के लिए यह कार्रवाई की गई है.

अधिकारी ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडे ने मोबाइल फोन सेवा प्रदाताओं को शुक्रवार रात 10 बजे तक इंटरनेट सेवाएं स्थगित करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट ने जिले में हिंसा और आगजनी की किसी भी आशंका को टालने के लिए यह कार्रवाई की है.

(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)

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