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Friday, 26 April, 2024
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अकेले उपचुनाव में उतरेगी बसपा, माया बोलीं- अखिलेश ने अच्छा काम किया तो फिर होंगे साथ

'सपा के लोगों को काफी कुछ कमियां दूर करनी होगी. मुझे लगेगा कि अगर सपा प्रमुख राजनीतिक कार्यों को करने के साथ ही मिशनरी बनाने में कामयाब हो जाते है तो हम आगे साथ चलेंगे.'

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नई दिल्ली:  बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने कल से महागठबंधन पर चली आ रही ऊहापोह की स्थिति पर विराम लगा दिया है. उन्होंने मंगलवार को दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बसपा विधानसभा उपचुनाव अकेले लड़ेंगी. इसके जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि अगर सपा-बसपा का गठबंधन नहीं रहता है तो समाजवादी पार्टी भी इस उप-चुनाव में अकेले चुनाव लड़ेगी. अखिलेश मंगलवार को गाजीपुर में थे जहां उन्होंने इस बारे में अपनी बात कही.

मायावती ने सपा- बसपा गठबंधन पर कहा कि हमारे रिश्‍ते खत्‍म होने वाले नहीं है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में यादव सपा के उम्‍मीदवारों के साथ खड़े नहीं रहे, पता नहीं किस बात से नाराज होकर भितरघात किया है. जिसके फलस्वरूप उनके मजबूत उम्मीदवार हार गए. वोट नहीं मिलने के कारण ही डिंपल यादव, अक्षय यादव और धर्मेंद्र यादव को हार का सामना करना पड़ा.

क्या कहा मायावती ने

‘जब से सपा बसपा का गठबंधन हुआ है तब से सपा मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने मुझे हमेशा अपना आदर्श मानते हुए सम्मान दिया है, हमने भी उन्हें पुराने गिले शिकवे भुलाकर सम्मान दिया है, हमारे रिश्ते कभी खत्म नही होंगे.

ऐसा मेरा मानना है, लेकिन राजनीतिक व्यवस्था को दरकिनार नहीं किया जा सकता, हाल में हुए चुनाव में यादव बाहुल्य सीटों पर भी समाजवादी पार्टी का बेस वोट यादव मतदाता ने गठबंधन से छिटक गया, बड़े समाजवादियों की हार से हम वाकई दुखी हैं, इसमें ईवीएम की भी भूमिका रही है, बीएसपी की राजनीतिक मजबूरी भी है.

सपा में भितरघात हुआ, डिम्पल और धर्मेंद्र यादव, और रामगोपाल यादव के बेटे का भी चुनाव हारना दुखी किया, नतीजे बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करते हैं, इसलिए हमें वर्तमान स्थिति में अब हमने उत्तर प्रदेश में कुछ सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी, गठबंधन पर ब्रेक नही लगा है, हमारे रिश्ते कभी खत्म नही होंगे, अगर आगे अखिलेश यादव पार्टी में सुधार करते हैं, और आगे बदलाव करते हैं तो आगे हम साथ रह सकते हैं.’

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सपा के लोगों को काफी कुछ कमियां दूर करनी होगी. मुझे लगेगा कि अगर सपा प्रमुख राजनीतिक कार्यों को करने के साथ ही मिशनरी बनाने में कामयाब हो जाते है तो हम आगे साथ चलेंगे, नहीं तो हमे अकेले चलना होगा. साथ ही मायावती ने यह भी कहा कि यह स्‍थाई फैसला नहीं है.

मायावती ने कहा कि जनहित के लिए गिले शिकवे सब मिटाया लेकिन परिणाम जन आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं हुआ. लेकिन राजनीतिक विवशताओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते है. जब सपा को ही यादवों का वोट नहीं मिला तो बसपा को उनका वोट कैसे मिला होगा.

मायावती ने कहा कि अखिलेश ने अच्छा काम किया तो फिर साथ होंगे.

क्या बोले अखिलेश यादव

वहीं बुआ के अलग होने के बाद समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि अगर हमारा गठबंधन टूटता है तो मैं इसपर गहरा अध्ययन करूंगा. यादव ने आगे कहा कि महागठबंधन नहीं रहता है तो उपचुनाव में हम भी अकेले चुनाव लड़ेंगे और समाजवादी पार्टी भी 11 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी करेगी.

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