नई दिल्ली: कर्नाटक में कई दिनों से चल रहा सियासी उठापटक का दौर सोमवार को आखिरकार पूरी तरह खत्म हो गया. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने राज्य विधानसभा में विश्वासमत जीत लिया है. येदियुरप्पा ने कम संख्या बल वाली विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया. जिसमें कहा गया कि सदन को उनके नेतृत्व वाली सरकार में भरोसा है. उन्होंने कहा कि वह बदले की राजनीति में लिप्त नहीं होंगे. वह भूलने, माफ करने और आगे बढ़ने के सिद्धांत में विश्वास रखते हैं. प्रशासनिक तंत्र पूरा नष्ट हो चुका है. उसे दोबारा प्राथमिकता के साथ पटरी पर लाना होगा.
Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa wins trust vote through voice vote. pic.twitter.com/DvzzMmYCqa
— ANI (@ANI) July 29, 2019
येदियुरप्पा ने यह भी कहा, ‘राज्य में जब सिद्धारमैया और एचडी कुमारस्वामी की सरकार थी. उन्होंने बदले की राजनीति नहीं की. उनका प्रशासन नाकाम रहा. हम उसे ठीक कर देंगे. मैं सदन को विश्वास दिलाता हूं कि हम भी बदले की राजनीति नहीं करेंगे. मैं भूल जाओ और माफ करो में विश्वास करता हूं.’
HD Kumaraswamy: Power is not permanent, even for Narendra Modi and JP Nadda. We will not try to bring down your number from 105 to either 100 or lower. You speak of drought, at least now let's see how you will work. We will cooperate with you for the sake of people. #Karnataka https://t.co/XFDzstjAOX
— ANI (@ANI) July 29, 2019
वहीं विधानसभा में विश्वास मत के चर्चा के दौरान राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि सत्ता स्थाई नहीं होती है. यहां तक की पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष जे.पी नड्डा के लिए भी नहीं है. हम लोग किसी का नंबर घटाने की कोशिश नहीं करते है. हम राज्य के जनता के हित के कामों में आपका पूरा सहयोग करेंगे.
बता दें कि सत्तारूढ़ भाजपा को विश्वास मत हासिल करने की उम्मीद इसलिए बढ़ गई थी कि क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष केआर कुमार ने 17 बागी विधायकों को रविवार को अयोग्य घोषित कर दिया था. इसके बाद 225 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की संख्या घट कर 208 रह गई है.
कर्नाटक : भाजपा विधानसभा में बहुमत परीक्षण जीतने को लेकर थी आश्वस्त
इससे पहले अति उत्साहित भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के चौथी बार मुख्यमंत्री बने अपने नेता बीएस येदियुरप्पा के राज्य विधानसभा में सोमवार को बहुमत साबित करने के लिए बहुमत परीक्षण जीतने को लेकर आश्वस्त थी. पार्टी के अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता जी. मधुसूदन ने आईएएनएस से कहा था, ‘चूंकि हमारे सभी 105 विधायक एकजुट हैं, जिससे हम आश्वत हैं कि हम विधानसभा में बहुमत परीक्षण पास कर लेंगे. कांग्रेस-जेडीएस के 17 बागी विधायकों के अयोग्य घोषित होने के बाद विधानसभा में मौजूदा सीटें 225 से घटकर 208 हो गई हैं और विश्वास मत जीतने के लिए हमारे पास 105 मत हैं.’