scorecardresearch
Sunday, 5 May, 2024
होमराजनीतिभाजपा ने कर्नाटक विधानसभा में हासिल किया बहुमत, कांग्रेस नेता सिद्धारमैया, दिनेश गुंडू राव ने दिया इस्तीफा

भाजपा ने कर्नाटक विधानसभा में हासिल किया बहुमत, कांग्रेस नेता सिद्धारमैया, दिनेश गुंडू राव ने दिया इस्तीफा

कर्नाटक उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने से पैदा हुई रिक्तियों को भरने के लिये हुए हैं. इन विधायकों में कांग्रेस और जद(एस) के बागी नेता शामिल थे.

Text Size:

नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पार्टी के विधायक दल और विधानसभा में विपक्ष पद से इस्तीफा दिया. वहीं कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने भी पार्टी पद से इस्तीफा दे दिया है.

कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा ने 15 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सोमवार को 12 सीटों पर जीत दर्ज कर राज्य विधानसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया जबकि विपक्षी कांग्रेस ने दो और निर्दलीय ने एक सीट पर जीत हासिल की.

सिद्धारमैया ने इस्तीफा देने के बाद कहा, ‘लेजिसलेटिव पार्टी के नेता के तौर पर मैं प्रजातंत्र का सम्मान करता हूं. मैंने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दिया है.’

रमैया ने कहा 15 विधानसभा क्षेत्रों में जनता द्वारा दिए गए मैंडेट को हम स्वीकार करते हैं. सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने इस्तीफे की एक कॉपी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता, केपीसीसी के प्रेसिडेंट केसी वेनुगोपला को भी भेजी है.

कर्नाटक विधानसभा में भाजपा ने बहुमत हासिल किया

कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा ने उपचुनावों में 12 सीटें जीतकर विधानसभा में सोमवार को बहुमत हासिल कर लिया. वह छह अन्य सीटों पर आगे भी चल रही है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

महाराष्ट्र में सरकार न बना पाने के बाद कर्नाटक में भाजपा का 12 सीटों पर अच्छा प्रदर्शन उसके लिए मनोबल बढ़ाने वाला है.

झारखंड में एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के प्रदर्शन की तारीफ की और कांग्रेस पर पिछले दरवाजे से जनादेश को चुराने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हाल में संपन्न हुए उपचुनावों में कांग्रेस को सबक सिखाया गया है.

इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि वह अपने बाकी के साढ़े तीन साल के कार्यकाल के लिए स्थिर और विकासोन्मुख सरकार देंगे.

उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘मतदाताओं ने अपना फैसला दे दिया और नतीजे आ चुके हैं. अब हमें राज्य के विकास पर ध्यान केंद्रित करना है. मैं अपने मंत्रियों और विधायकों की मदद से अगले तीन साल के लिए सुशासन दूंगा.’

उन्होंने अपना कार्यकाल निर्बाध रूप से पूरा करने के लिए विपक्ष का समर्थन मांगा.

येदियुरप्पा ने कहा, ‘विपक्ष लोगों के बीच भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहा है. मैं उनसे अपील करता हूं कि कम से कम अब से अपना पूरा समर्थन हमें दें. हमने विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिये गए सभी विधायकों को आश्वासन दिया था कि उन्हें मंत्री बनाया जाएगा.’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इसलिए उनसे वादाखिलाफी करने का कोई सवाल ही नहीं है. हम उन्हें मंत्री बनाएंगे.’

पूर्व के चुनाव में इन 15 सीटों में से 12 सीटें जीतने वाली कांग्रेस केवल दो निर्वाचन क्षेत्रों हुनसुर और शिवाजीनगर पर ही आगे चल रही है.

पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के नेतृत्व वाली जद(एस) उन सभी 12 सीटों पर पीछे चल रही है जहां उसने अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. पूर्व में हुए चुनाव में उसके पास तीन सीटें थीं.

होसकोटे से निर्दलीय उम्मीदवार शरथ बच्चेगौड़ा जीत की ओर बढ़ रहे हैं. भाजपा ने बच्चेगौड़ा के बगावत करके उपचुनाव लड़ने के बाद उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया.

भाजपा की ओर से जीतने वाले छह उम्मीदवार अराबैल शिवराम हेब्बार (येल्लापुर), नारायण गौड़ा (के आर पेटे), बी सी पाटिल (हीरेकेरूर), श्रीमंत पाटिल (कागवाड), महेश कुमातली (अथानी) और के सुधाकर (चिक्काबल्लापुर) हैं.

ये उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने से पैदा हुई रिक्तियों को भरने के लिये हो रहे हैं. इन विधायकों में कांग्रेस और जद(एस) के बागी नेता शामिल थे. इन विधायकों की बगावत के चलते जुलाई में एच डी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जद(एस) सरकार गिर गई थी और भाजपा के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ.

भाजपा को राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए 225 सदस्यीय विधानसभा (अध्यक्ष सहित) में 15 सीटों (जिन पर उपचुनाव हो रहे हैं) में कम से कम छह सीटें जीतने की जरूरत थी.

विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के बाद विधानसभा में इस समय 208 सदस्य हैं जिनमें भाजपा के पास 105 (एक निर्दलीय सहित), कांग्रेस के 66 और जद (एस) के 34 विधायक हैं. बसपा का भी एक विधायक है. इसके अलावा एक मनोनीत विधायक और विधानसभा अध्यक्ष हैं.

अगर भाजपा उन छह सीटों पर भी जीत दर्ज कर लेती हैं जिन पर वह आगे चल रही है तो सदन में पार्टी के सदस्यों की संख्या 105 से बढ़कर 117 हो जाएगी जो 223 सदस्यीय सदन में बहुमत के 111 के आंकड़े से अधिक है. उच्च न्यायालय में लंबित याचिका के कारण दो सीटें खाली हैं.

भाजपा के जो विधायक आगे चल रहे हैं उनमें आनंद सिंह (विजयनगर), रमेश जारकिहोली (गोकाक), अरुण कुमार गुट्टूर (रानीबेन्नुर), गोपालैया (महालक्ष्मी लेआउट), एस टी सोमशेखर (यशवंतपुरा) और बायरती बसवराज (के आर पुरा) शामिल हैं.

(भाषा  इनपुट्स के साथ)

share & View comments