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Friday, 3 May, 2024
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बंगाल में गांगुली, मिथुन और प्रसेनजीत की सहायता से BJP कैसे लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश कर रही

बीजेपी रणनीतिक तरीक़े से, केंद्र सरकार के कार्यक्रमों तथा बीजेपी-आरएसएस मोर्चे के शीर्ष नेताओं या विचारकों के साथ बैठकों में सेलिब्रिटीज़ उपस्थिति को भुना रही है.

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कोलकाता: एक ऐसी स्थिति से, जहां वो बड़े बंगाली नाम आकर्षित नहीं कर पाती थीं, बीजेपी अब पश्चिम बंगाल के तीन सबसे बड़े आइकॉन्स- एक्टर्स प्रसेनजीत और मिथुन चक्रवर्ती, तथा पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान एवं बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली- तक पहुंचने में कामयाब हो गई हैं.

हालांकि इनमें से कोई स्टार बीजेपी में शामिल नहीं हुआ है, और न ही इन्होंने पार्टी अथवा उसके समर्थन में कोई भाषण दिया है, लेकिन बीजेपी रणनीतिक तरीक़े से, केंद्र सरकार के कार्यक्रमों तथा बीजेपी-आरएसएस मोर्चे के शीर्ष नेताओं, या विचारकों के साथ बैठकों में, उनकी उपस्थिति को भुना रही है.

पिछले कुछ हफ्तों में, 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले एक आयोजन में, एक्टर प्रसेनजीत चटर्जी ने शिरकत की. तस्वीरें सोशल मीडिया पर देखी गईं, और बाद में उनकी एक और फोटो, बीजेपी से संबद्ध श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउण्डेशन के प्रमुख, तथा पार्टी की पश्चिम बंगाल कोर कमेटी के सदस्य, अनिर्बान गांगुली के साथ भी देखी गई.

इन तस्वीरों में अनिर्बान गांगुली को, अमित शाह पर लिखी गई एक किताब, प्रसेनजीत को देते हुए दिखाया गया है.

इसी तरह, 17 फरवरी को एक्टर मिथुन चक्रवर्ती की, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ एक तस्वीर, सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.

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चक्रवर्ती, जो एक पूर्व तृणमूल राज्यसभा सांसद हैं, ने पिछले साल आरएसएस के नागपुर मुख्यालय में, भागवत से मुलाक़ात की थी. इसके बाद 17 फरवरी को उन्होंने भागवत को, अपने मुम्बई आवास पर नाश्ते के लिए आमंत्रित किया था.


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सौरव गांगुली के बारे में ऐसा माना जाता है, कि उनके पार्टी के साथ जुड़े होने को लेकर, लोगों की अवधारणा दूसरों से भी ज़्यादा मज़बूत है.

गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं, और अमित शाह के बेटे जय शाह, उस संगठन के सचिव हैं. गांगुली का हालचाल जानने के लिए, जिन्हें कुछ दिन पहले एक हल्का स्ट्रोक हुआ था, गृह मंत्री और प्रधान मंत्री के फोन आए थे.

पश्चिम बंगाल राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी, पिछले साल 27 दिसंबर को, दो साल से अधिक के अपने कार्यकाल में, पहली बार गांगुली से राजभवन में मुलाक़ात की. उस मीटिंग की तस्वीरें भी तमाम सोशल प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हुईं थीं.

लेकिन, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा, कि ये बीजेपी की ‘लोगों को भ्रमित’ करने की तरकीब है.

तृणमूल की राज्यसभा सांसद, और थिएटर निर्देशक अर्पिता घोष ने कहा, ‘सौरव गांगुली या बुंबा दा (प्रसेनजीत), या मिथुन दा के साथ तस्वीरें खिंचवाकर, जो बंगालियों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, बीजेपी भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है. उनके किसी भी दूसरे झूठे एजेंडे की तरह, ये भी एक फ़र्ज़ी कहानी है’.

‘वो दिखाना चाहते हैं कि ऐसी हस्तियां उनके साथ हैं. लेकिन ये सही नहीं है. उनमें से किसी ने भी, इनकी विचारधारा के समर्थन में कुछ नहीं कहा है, या इनके सांप्रादायिक एजेंडा में आस्था ज़ाहिर नहीं की है. वो सब हमारे आइकॉन्स हैं, और हम उनमें भरोसा रखते हैं. वो बीजेपी की ऐसी सियासी रणनीति का शिकार नहीं होंगे.

उन्होंने आगे कहा, ‘बंगाल के लोग समझदार हैं, और वो ऐसी प्रचार की राजनीति को ख़ूब समझते हैं. ऐसी तरकीबों से उन्हें वोट नहीं मिलेंगे’.


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छोटे सितारे पार्टी में शामिल
राज्य में विधान सभा चुनावों से पहले ही, बीजेपी बहुत से छोटे सितारों को, पार्टी में लाने में कामयाब हो गई है, जबकि कुछ अन्य नियमित रूप से पार्टी के आउटरीच कार्यक्रमों में दिखाई पड़ते हैं.

पिछले हफ्ते बंगाली सिनेमा के सितारे, यश दासगुप्ता बीजेपी में शामिल हो गए.

फिर 23 फरवरी को, कोलकाता के एक होटल में, बंगाली बुद्धिजीवियों के लिए, केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के आउटरीच प्रोग्राम में, बंगाली फिल्म इंडस्ट्री, जिसे टॉलीवुड भी कहा जाता है, के बहुत से सीनियर सदस्यों को, शिरकत करते देखा गया.

उन हस्तियों में एक्टर रितुपूर्णा सेनगुप्ता, पाओली दाम, अबीर चटर्जी, और ममता शंकर, चुर्णी गांगुली, फिल्म-निर्माता गौतम घोष, अनिक दत्ता, प्रोड्यूसर्स महेंद्र सोनी व निसपाल सिंह, और मशहूर शास्त्रीय गायक
उस्ताद राशिद ख़ान शामिल थे.

वरिष्ठ अदाकार बिश्वजीत चटर्जी भी, जो पहले तृणमूल कांग्रेस के साथ जुड़े थे, इस आयोजन में उपस्थित थे, जबकि उनके बेटे प्रसेनजीत इससे दूर रहे.

लेकिन, राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर समीर दास को लगता है, कि इस सब से कोई फर्क़ नहीं पड़ेगा, जब तक बड़ी हस्तियां पार्टी में शामिल नहीं होतीं.

उन्होंने कहा, ‘बीजेपी निश्चित रूप से पैठ बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन मैं निश्चित नहीं हूं कि इससे उन्हें कितनी मदद मिलेगी. अगर वो सौरव गांगुली को अपने सियासी प्लेटफॉर्म पर लाने में कामयाब हो जाते, तो उसे एक असली कामयाबी माना जाता’.

‘लेकिन वो बहुत एहतियात के साथ, किसी राजनीतिक आयोजन या संगठन से दूर रहने में कामयाब रहे हैं. बीसीसीआई अध्यक्ष होने के बावजूद, वो खुलकर बीजेपी के समर्थन में सामने नहीं आए हैं. प्रसेनजीत चटर्जी के साथ भी यही है. मिथुन चक्रवर्ती आरएसएस के साथ अपने जुड़ाव को, आध्यात्मिक बताते हैं.

उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन, पार्टी एक धारणा बनाने की कोशिश कर रही है, और वो किसी तरह बंगाल तीन सबसे महत्वपूर्ण हस्तियों को, अपनी पकड़ में लेने में कामयाब हो गई है’.

तृणमूल के गढ़ में सेंध

कम से कम तीन साल तक, कई प्रयास करने के बाद आख़िरकार, ऐसा लगता है कि बीजेपी टॉलीवुड में, सेंध लगाने में कामयाब हो गई लगती है.

अनिर्बान ने दिप्रिंट से कहा, ‘हम बंगाल के संभ्रांत बुद्धिजीवियों में, नियमित रूप से अपने संपर्क कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. वो मोदी जी के विकास कार्यों और सुधारों की सराहना करते हैं’. उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन किसी सेलिब्रिटी से मिलने का मतलब ये नहीं होता, कि हम उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करना चाहते हैं; ये हमारा आउटरीच प्रोग्राम है, एक सोनार बांगला बनाने के लिए, हम उनके सुझाव और सिफारिशें लेते हैं’.

वरिष्ठ स्तंभकार और बीजेपी बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के संयोजक, रांतिदेब सेनगुप्ता ने कहा कि सेलिब्रिटीज़, आख़िरकार पार्टी को एक मौक़ा दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हम उन तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्होंने अलग राजनीतिक आस्था, या तटस्थ विचारधारा रखने के बावजूद, हमें अपनी बात रखने का मौक़ा दिया’.

लेकिन, तृणमूल कांग्रेस अभी भी इस मैदान में आगे बनी हुई है. पिछले 10 वर्षों में, यहां तृणमूल का एकाधिकार रहा है, और उसी ने इंडस्ट्री को नियंत्रित किया है.

पार्टी में कम से कम 12 वर्तमान, या पूर्व सांसद और विधायक हैं,जो टॉलीवुड सेलिब्रिटीज़ हैं. इस सूची में शताब्दी रॉय, तपस पॉल, मुनमुन सेन, दीपक अधिकारी उर्फ देव, मिमी चक्रवर्ती, नुसरत जहां तथा अर्पिता घोष बतौर सांसद, और बृत्या बोस, देबश्री रॉय, चिरंजीत चक्रबर्ती, इंद्रनील सेन बतौर विधायक शामिल हैं.

बृत्या बोस और इंद्रनील सेन, ममता बनर्जी के मंत्रिमंडलीय सहयोगी हैं.

खेल हस्तियों में तृणमूल के पास, बैचुंग भूटिया बतौर सांसद, और दिपेंदु बिस्वास एक विधायक रहे हैं.

पार्टी लगातार सिलिब्रिटीज़ को आकर्षित कर रही है. पिछले एक महीने में ही, कम से कम दो दर्जन थिएटर और फिल्म अदाकार, तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. बृहस्पतिवार को क्रिकेटर मनोज तिवारी, कुछ एक्टर्स के साथ मिलकर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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